✨ ‘कटरा तीर्थ’ का नाम आते ही मन में जो एक छवि आती है, वह है माता का बुलावा, ऊंचे पहाड़ों पर लगे मैया के दरबार की रंग-बिरंगी झलकियां। इसी तलहटी में स्थित है दुर्गा जी का एक और मंदिर, जिसकी महिमा निराली है। यह है कटरा का नव दुर्गा मंदिर, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र माना गया है। यह मंदिर माता दुर्गा के 9 रूपों को समर्पित है, जहां भक्त एक ही स्थान पर मां शैलपुत्री से मां सिद्धिदात्री तक सभी स्वरूपों का दर्शन कर सकते हैं। नवरात्रि में यहां किए जाने वाले अनुष्ठानों का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस महानवमी यहां मां सिद्धिदात्री की पूजा और 10 हजार नर्वाण मंत्र जाप अनुष्ठान होने जा रहा है, जो इस साल का सबसे बड़ा और आखिरी अवसर है।
🌸 नवमी पर मां सिद्धिदात्री शक्ति पूजा 🌸
नवरात्रि की नवमी तिथि मां दुर्गा के 9वें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को समर्पित होती है। शास्त्रों में वर्णित है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों को अष्टसिद्धि और नवनिधि प्रदान करती हैं। नवमी के दिन की गई सिद्धिदात्री शक्ति पूजा से जीवन में सफलता, ज्ञान, वैभव और सफलता की दिशा प्राप्त होती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से कन्या पूजन, हवन, और नर्वाण मंत्र जाप में भाग लेते हैं। मान्यता है कि मां की आराधना से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं और जीवन में करियर-उन्नति के साथ-साथ आत्मविश्वास और स्पष्टता का भाव पैदा होता है।
🌸 मां सिद्धिदात्री 10,000 नर्वाण मंत्र जाप 🙏
नवरात्रि के पावन अवसर पर मां सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए 10,000 नर्वाण मंत्र जाप बेहद प्रभावी साधना मानी गई है। विद्वानों द्वारा नर्वाण मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे का उच्चारण कर मां की आराधना में भाग लेने से जीवन में लंबे समय से बंद सफलता के रास्ते खुलने शुरू हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस विशेष जाप से जीवन की बाधाएं शांत होती हैं और सही फैसले लेने का विवेक और आत्मविश्वास जागृत होता है। इस अनुष्ठान में विधिपूर्वक हवन, पुष्प अर्पण और देवी स्तुति शामिल है। मां सिद्धिदात्री की महानवमी आराधना से करियर में स्पष्टता, भयमुक्त जीवन और संघर्षों को सफलता में बदलने का दिव्य आशीर्वाद मिलता है।
🛕 नवरात्रि का 9वां दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की आराधना के लिए समर्पित है। श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस महापूजा में भाग लें और मां से जीवन में सफलता और आत्मविश्वास का आशीष पाएं।