"यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है इसलिए इसे वैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है। "
.मानसखण्ड, उत्तराखंड, भारत
बैजनाथ मंदिर अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में गोमती नदी के तट पर 1126 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह राज्य की राजधानी देहरादून से करीब 300 किमी दूर, 'कत्यूर' घाटी के केंद्र में है। इस शहर का नाम बैजनाथ मंदिर के नाम पर ही पड़ा है। बैजनाथ कत्यूरी राजाओं की राजधानी थी, जिन्होंने 9वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक इस क्षेत्र पर शासन किया था। बैजनाथ मंदिर को वैद्यनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इस मंदिर को चिकित्सकों का भगवान भी कहते हैं। बैजनाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है इसलिए इसे वैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर का इतिहास
बैजनाथ मंदिर का इतिहास बहुत महत्व रखता है क्योंकि, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव और पार्वती का विवाह गोमती और गरुर गंगा नदी के संगम पर हुआ था। इस मंदिर का इतिहास बहुत लम्बा है जो कि 11वीं शताब्दी का है। यह मंदिर पूरे विश्व के भक्तों के लिए एक आध्यात्मिकता का केन्द्र है। इसका निर्माण 1150 ई. में कत्यूरी राजाओं द्वारा करवाया गया था और तब से यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल बन गया है। बैजनाथ शहर उस समय कत्यूरी राजाओं की राजधानी थी। यह भी माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कत्यूरी राजाओं ने एक ही रात में करवाया था।
मंदिर का महत्व
बैजनाथ मंदिर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण बागेश्वर (कुमाऊं क्षेत्र) में घूमने लायक महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। बैजनाथ मंदिर को उत्तराखंड में सबसे महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यहाँ पर भगवान भोलेनाथ के साथ अन्य देवी देवताओं के भी दर्शन हो जाते है। शिव जी के दर्शन से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते है। इस मंदिर को उत्तराखंड में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में मान्यता दी गई है। इतना ही नहीं यह मंदिर भारत सरकार द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के तहत कुमाऊं में 'शिव हेरिटेज सर्किट' से जोड़ने वाले चार स्थानों में से एक के रूप में नामित किया गया है। बैजनाथ अपने मंदिरों, ट्रैकिंग मार्गों, ऐतिहासिक स्मारकों, प्राकृतिक सुंदरता, तीर्थयात्रा, संस्कृति, वास्तुकला, पौराणिक कथाओं और यहां मनाए जाने वाले त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर की वास्तुकला
बैजनाथ मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है। मंदिर परिसर में तीन मुख्य मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अलग वास्तुकला है। मुख्य मंदिर पिरामिडनुमा छत वाली तीन मंजिला संरचना है, जबकि अन्य दो मंदिर सपाट छतों वाले एक मंजिला हैं। मंदिर एक विशाल प्रांगण से घिरा हुआ है जिसमें कई छोटे मंदिर और मूर्तियाँ हैं। मंदिरों के इस समूह में भगवान शिव का मुख्य मंदिर है। इसके अलावा 17 सहायक मंदिर भी यहाँ स्थित है। जिसमे केदारेश्वर, लक्ष्मी-नयनय और ब्राह्मणी देवी आदि मंदिर शामिल है। बैजनाथ मंदिर वास्तव में शिव, पार्वती, गणेश, चंडिका, कुबेर की मूर्तियों के साथ मंदिरों का एक परिसर है। यह मंदिर 1126 मीटर की ऊंचाई पर गोमती नदी के बाएं किनारे पर निर्मित है। मुख्य मंदिर में पार्वती जी की एक सुंदर मूर्ति है जो काले पत्थर से बनाई गई है।
मंदिर का समय
गर्मियों में- बैजनाथ मंदिर खुलने का समय
05:00 AM - 07:00 PMसर्दियों में - बैजनाथ मंदिर खुलने का समय
06:00 AM - 06:00 PMषोडशोपचार पूजा का समय
04:00 AM - 04:30 AMश्रृंगार पूजा का समय
07:30 PM - 08:00 AMबैद्यनाथ मंदिर अभिषेकम का समय
04:30 AM - 03:30 PMमंदिर का प्रसाद
बैजनाथ मंदिर में भगवान को बेलपत्र, जल, दूध, दही, फल, फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। साथ ही यहाँ भगवान भोलेनाथ को नारियल, भांग, धतूरा भी चढ़ाया जाता है।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है