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चतुर्थी शुक्ल पक्ष,बुधवार
भाद्रपद मास
वर्षा,कालयुक्त 2082
चतुर्थी शुक्ल पक्ष,बुधवार
भाद्रपद मास
वर्षा,कालयुक्त 2082
त्यौहार
गणेश चतुर्थी
त्यौहार
गणेश चतुर्थी

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:34 AM से 12:24 PM
11:34 AM से 12:24 PM
राहुकाल
राहुकाल
11:59 AM से 1:35 PM
11:59 AM से 1:35 PM
गुलिक काल
गुलिक काल
10:23 AM से 11:59 AM
10:23 AM से 11:59 AM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
7:12 AM से 8:48 AM
7:12 AM से 8:48 AM

आज का पंचांग

तिथि
शुक्ल पक्ष चतुर्थी
3:46 PM तक
3:46 PM तक
नक्षत्र
हस्त
6:05 AM तक
6:05 AM तक
योग
शुभ
12:34 PM तक
12:34 PM तक
करण
विष्टि
3:47 PM तक
3:47 PM तक
महीना अमान्त
भाद्रपद
महीना पूर्णिमांत
भाद्रपद
विक्रम संवत
2082 (कालयुक्त)
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रक्षा बन्धन
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गायत्री जयन्ती
9 August, 2025
नारली पूर्णिमा
9 August, 2025
पूर्णिमा उपवास
9 August, 2025
ऋग्वेद उपाकर्म
9 August, 2025
यजुर्वेद उपाकर्म
9 August, 2025
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गायत्री जापम
10 August, 2025
भाद्रपद प्रारम्भ *उत्तर
12 August, 2025
कजरी तीज
12 August, 2025
संकष्टी चतुर्थी
12 August, 2025
संकटहरा चतुर्थी *तमिल
12 August, 2025
बोल चौथ *गुजरात
13 August, 2025
नाग पञ्चम *गुजरात
14 August, 2025
बलराम जयन्ती
14 August, 2025
रांधण छठ *गुजरात
15 August, 2025
शीतला सातम *गुजरात
15 August, 2025
जन्माष्टमी *स्मार्त
15 August, 2025
आद्याकाली जयन्ती
15 August, 2025
स्वतन्त्रता दिवस
16 August, 2025
जन्माष्टमी *इस्कॉन
16 August, 2025
दही हाण्डी
16 August, 2025
कालाष्टमी
16 August, 2025
मासिक कार्तिगाई
17 August, 2025
सिंह संक्रान्ति
17 August, 2025
मलयालम नव वर्ष
17 August, 2025
रोहिणी व्रत
19 August, 2025
अजा एकादशी
20 August, 2025
पर्यूषण पर्वारम्भ
20 August, 2025
प्रदोष व्रत
21 August, 2025
मासिक शिवरात्रि
22 August, 2025
दर्श अमावस्या
23 August, 2025
भाद्रपद अमावस्या
23 August, 2025
पिठोरी अमावस्या
23 August, 2025
पोला
23 August, 2025
वृषभोत्सव
24 August, 2025
चन्द्र दर्शन
25 August, 2025
वराह जयन्ती
26 August, 2025
सामवेद उपाकर्म
26 August, 2025
हरतालिका तीज
26 August, 2025
गौरी हब्बा
27 August, 2025
गणेश चतुर्थी
28 August, 2025
ऋषि पञ्चमी
28 August, 2025
सम्वत्सरी पर्व
28 August, 2025
स्कन्द षष्ठी
30 August, 2025
ललिता सप्तमी
31 August, 2025
गौरी आवाहन
31 August, 2025
राधा अष्टमी
31 August, 2025
मासिक दुर्गाष्टमी
31 August, 2025
महालक्ष्मी व्रत आरम्भ
31 August, 2025
दूर्वा अष्टमी

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi, Uttar Pradesh, India

आज का दिन Varanasi, Uttar Pradesh, India के भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बुधवार को हम भाद्रपद के पवित्र माह में चतुर्थी शुक्ल पक्ष पक्ष की शुक्ल पक्ष चतुर्थी का पालन करते हैं। वर्षा ऋतु के चलते सूर्य सिंह में संचार कर रहा है, जबकि चंद्रमा कन्या में स्थित है। पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष चतुर्थी 3:46 PM तक तक सक्रिय रहेगी, इसके बाद अगली तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र हस्त है, जो 6:05 AM तक तक रहेगा, इसके पश्चात अगला नक्षत्र आरंभ होगा। आज का योग शुभ है, जो 12:34 PM तक तक प्रभावी रहेगा। दिन की शुरुआत में करण विष्टि है, जो 3:47 PM तक तक रहेगा।

Varanasi, Uttar Pradesh, India में आज सूर्योदय 5:36 AM पर और सूर्यास्त 6:22 PM पर होगा, जो दिन की आध्यात्मिक लय को परिभाषित करता है। चंद्रमा का उदय 9:01 AM पर और अस्त 8:36 PM पर होगा। दिशाओं की दृष्टि से आज दिशा शूल उत्तर दिशा में है, अतः इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो घर से निकलने से पहले अदरक या गुड़ का सेवन करने जैसे पारंपरिक उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है। आज चंद्रमा दक्षिण दिशा में स्थित है, जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।

दिन का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त 11:34 AM से 12:24 PM के बीच आता है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है। हालांकि, कुछ अशुभ कालों से बचना चाहिए। राहुकाल 11:59 AM से 1:35 PM, गुलिक काल 10:23 AM से 11:59 AM, और यमगंड काल 7:28 AM से 8:53 AM के दौरान नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।

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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

पंचांग के लाभ क्या हैं?

पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर है, जो पांच मुख्य तत्त्वों तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का समन्वय करता है। ये सभी तत्व मिलकर दिन की गुणवत्ता और ऊर्जा को निर्धारित करते हैं। पंचांग का उपयोग ब्रह्मांडीय प्रभावों को समझने और अपने कार्यों को उनके अनुरूप ढालने के लिए किया जाता है।

पंचांग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शुभ और अशुभ समय की पहचान करने में मदद करता है। विवाह, यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त समय जानने के लिए पंचांग मार्गदर्शन करता है। यह सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रास्त जैसे विवरण भी देता है, जो व्रत और पूजाओं के लिए आवश्यक होते हैं।

हमें प्रतिदिन पंचांग क्यों देखना चाहिए?

प्रतिदिन पंचांग देखने से हम अपने दैनिक जीवन को प्रकृति की लय के अनुरूप ढाल सकते हैं। यह राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड जैसे अशुभ समयों से सतर्क करता है, जब कोई नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

पंचांग का अनुसरण कर हम अनावश्यक समस्याओं से बच सकते हैं और अपने कार्यों की सफलता को बढ़ा सकते हैं। यह विशेष रूप से साधकों, ज्योतिषियों, किसानों और प्रकृति से सामंजस्य में जीने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। संक्षेप में, पंचांग एक ब्रह्मांडीय योजनाकर्ता की तरह काम करता है, जो हमें एक सोच-समझकर, सफल और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने में मदद करता है।

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