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12 जुलाई, 2025

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द्वितीय कृष्ण पक्ष,शनिवार
श्रावण मास
ग्रीष्म,कालयुक्त 2082
द्वितीय कृष्ण पक्ष,शनिवार
श्रावण मास
ग्रीष्म,कालयुक्त 2082

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:36 AM से 12:30 PM
11:36 AM से 12:30 PM
राहुकाल
राहुकाल
8:39 AM से 10:21 AM
8:39 AM से 10:21 AM
गुलिक काल
गुलिक काल
5:15 AM से 6:57 AM
5:15 AM से 6:57 AM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
1:45 PM से 3:27 PM
1:45 PM से 3:27 PM

आज का पंचांग

तिथि
कृष्ण पक्ष द्वितीय
1:47 AM तक
1:47 AM तक
नक्षत्र
उत्तराषाढ़ा
6:37 AM तक
6:37 AM तक
योग
विष्कुम्भ
7:32 PM तक
7:32 PM तक
करण
तैतिल
1:57 PM तक
1:57 PM तक
महीना अमान्त
आषाढ़
महीना पूर्णिमांत
श्रावण
विक्रम संवत
2082 (कालयुक्त)
शक संवत
1947 (विश्ववासु)
सूर्य राशि
मिथुन
चंद्र राशि
मकर
दिशाशूल
पूर्व
चंद्र निवास
दक्षिण
ऋतु
ग्रीष्म
अयन
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Upcoming festivals
2 July, 2025
अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
3 July, 2025
मासिक दुर्गाष्टमी
6 July, 2025
देवशयनी एकादशी
6 July, 2025
गौरी व्रत प्रारम्भ *गुजरात
7 July, 2025
वासुदेव द्वादशी
8 July, 2025
प्रदोष व्रत
8 July, 2025
जयापार्वती व्रत प्रारम्भ
9 July, 2025
चौमासी चौदस
10 July, 2025
कोकिला व्रत *गुजरात
10 July, 2025
व्यास पूजा
10 July, 2025
आषाढ़ पूर्णिमा
10 July, 2025
गुरु पूर्णिमा
10 July, 2025
गौरी व्रत समाप्त *गुजरात
10 July, 2025
पूर्णिमा उपवास
10 July, 2025
अष्टाह्निका विधान पूर्ण
11 July, 2025
सावन प्रारम्भ *उत्तर
13 July, 2025
जयापार्वती व्रत समाप्त
14 July, 2025
संकष्टी चतुर्थी
14 July, 2025
श्रावण सोमवार व्रत *उत्तर
15 July, 2025
मंगला गौरी व्रत *उत्तर
16 July, 2025
कर्क संक्रान्ति
17 July, 2025
कालाष्टमी
20 July, 2025
मासिक कार्तिगाई
21 July, 2025
कामिका एकादशी
21 July, 2025
श्रावण सोमवार व्रत *उत्तर
21 July, 2025
रोहिणी व्रत
22 July, 2025
प्रदोष व्रत
22 July, 2025
मंगला गौरी व्रत *उत्तर
26 July, 2025
चन्द्र दर्शन
27 July, 2025
हरियाली तीज
29 July, 2025
नाग पञ्चमी
29 July, 2025
मंगला गौरी व्रत
31 July, 2025
तुलसीदास जयन्ती

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi, Uttar Pradesh, India

आज का दिन Varanasi, Uttar Pradesh, India के भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस शनिवार को हम श्रावण के पवित्र माह में द्वितीय कृष्ण पक्ष पक्ष की कृष्ण पक्ष द्वितीय का पालन करते हैं। ग्रीष्म ऋतु के चलते सूर्य मिथुन में संचार कर रहा है, जबकि चंद्रमा मकर में स्थित है। पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष द्वितीय 1:47 AM तक तक सक्रिय रहेगी, इसके बाद अगली तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र उत्तराषाढ़ा है, जो 6:37 AM तक तक रहेगा, इसके पश्चात अगला नक्षत्र आरंभ होगा। आज का योग विष्कुम्भ है, जो 7:32 PM तक तक प्रभावी रहेगा। दिन की शुरुआत में करण तैतिल है, जो 1:57 PM तक तक रहेगा।

Varanasi, Uttar Pradesh, India में आज सूर्योदय 5:15 AM पर और सूर्यास्त 6:51 PM पर होगा, जो दिन की आध्यात्मिक लय को परिभाषित करता है। चंद्रमा का उदय 8:16 PM पर और अस्त 6:20 AM पर होगा। दिशाओं की दृष्टि से आज दिशा शूल पूर्व दिशा में है, अतः इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो घर से निकलने से पहले अदरक या गुड़ का सेवन करने जैसे पारंपरिक उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है। आज चंद्रमा दक्षिण दिशा में स्थित है, जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।

दिन का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त 11:36 AM से 12:30 PM के बीच आता है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है। हालांकि, कुछ अशुभ कालों से बचना चाहिए। राहुकाल 8:39 AM से 10:21 AM, गुलिक काल 5:15 AM से 6:57 AM, और यमगंड काल 7:28 AM से 8:53 AM के दौरान नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।

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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

पंचांग के लाभ क्या हैं?

पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर है, जो पांच मुख्य तत्त्वों तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का समन्वय करता है। ये सभी तत्व मिलकर दिन की गुणवत्ता और ऊर्जा को निर्धारित करते हैं। पंचांग का उपयोग ब्रह्मांडीय प्रभावों को समझने और अपने कार्यों को उनके अनुरूप ढालने के लिए किया जाता है।

पंचांग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शुभ और अशुभ समय की पहचान करने में मदद करता है। विवाह, यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त समय जानने के लिए पंचांग मार्गदर्शन करता है। यह सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रास्त जैसे विवरण भी देता है, जो व्रत और पूजाओं के लिए आवश्यक होते हैं।

हमें प्रतिदिन पंचांग क्यों देखना चाहिए?

प्रतिदिन पंचांग देखने से हम अपने दैनिक जीवन को प्रकृति की लय के अनुरूप ढाल सकते हैं। यह राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड जैसे अशुभ समयों से सतर्क करता है, जब कोई नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

पंचांग का अनुसरण कर हम अनावश्यक समस्याओं से बच सकते हैं और अपने कार्यों की सफलता को बढ़ा सकते हैं। यह विशेष रूप से साधकों, ज्योतिषियों, किसानों और प्रकृति से सामंजस्य में जीने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। संक्षेप में, पंचांग एक ब्रह्मांडीय योजनाकर्ता की तरह काम करता है, जो हमें एक सोच-समझकर, सफल और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने में मदद करता है।

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श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 100 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

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