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भाद्रपद मास
वर्षा,कालयुक्त 2082
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त्यौहार
गौरी पूजा
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शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
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11:34 AM से 12:24 PM
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राहुकाल
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7:14 AM से 8:49 AM
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गुलिक काल
गुलिक काल
1:33 PM से 3:08 PM
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यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
10:24 AM से 11:59 AM
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आज का पंचांग

तिथि
शुक्ल पक्ष नवमी
2:44 AM तक
2:44 AM तक
नक्षत्र
ज्येष्ठा
7:56 PM तक
7:56 PM तक
योग
विष्कुम्भ
4:32 PM तक
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करण
बालव
1:51 PM तक
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चन्द्र ग्रहण
7 September, 2025
पूर्णिमा उपवास
7 September, 2025
पूर्णिमा श्राद्ध
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आश्विन प्रारम्भ *उत्तर
8 September, 2025
प्रतिपदा श्राद्ध
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द्वितीया श्राद्ध
10 September, 2025
तृतीया श्राद्ध
10 September, 2025
चतुर्थी श्राद्ध
10 September, 2025
संकष्टी चतुर्थी
11 September, 2025
महा भरणी
11 September, 2025
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कालाष्टमी
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महालक्ष्मी व्रत पूर्ण
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नवमी श्राद्ध
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एकादशी श्राद्ध
17 September, 2025
कन्या संक्रान्ति
17 September, 2025
विश्वकर्मा पूजा
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द्वादशी श्राद्ध
19 September, 2025
मघा श्राद्ध
19 September, 2025
त्रयोदशी श्राद्ध
19 September, 2025
प्रदोष व्रत
19 September, 2025
मासिक शिवरात्रि
20 September, 2025
चतुर्दशी श्राद्ध
21 September, 2025
अश्विन अमावस्या
21 September, 2025
सर्वपित्री दर्श अमावस्या
21 September, 2025
सर्वपित्रू अमावस्या
21 September, 2025
सूर्य ग्रहण
22 September, 2025
नवरात्रि प्रारम्भ
22 September, 2025
घटस्थापना
22 September, 2025
महाराजा अग्रसेन जयन्ती
22 September, 2025
शरद्कालीन सम्पात
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चन्द्र दर्शन
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विनायक चतुर्थी
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ललिता पञ्चमी
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बिल्व निमन्त्रण
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कल्पारम्भ
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नवपत्रिका पूजा
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नवपद ओली प्रारम्भ
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सरस्वती पूजा
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दुर्गा अष्टमी
30 September, 2025
सन्धि पूजा

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi

दिनांक 1 सितम्बर, 2025नवमी शुक्ल पक्ष,सोमवारभाद्रपद मासवर्षा,कालयुक्त 2082 में
Varanasi में शुभ मुहूर्त 11:34 AM से 12:24 PM तकहै। जिसमें गुलिक काल 1:33 PM से 3:08 PM  तक है।
और राहुकाल 7:14 AM से 8:49 AM तक रहेगा।काल का समय यमघण्टकाल 10:24 AM से 11:59 AM तक है।
Varanasi में सूर्यास्त-सूर्योदय
सूर्योदय 5:39 AM और सूर्यास्त 6:18 PM का समय है।
चंद्रोदय 1:35 PM और चंद्रोदय का समय 1:35 PM है।
हसंपूर्ण पंचांग के अनुसार तिथि शुक्ल पक्ष नवमी 2:44 AM तक है। हवहीं नक्षत्र ज्येष्ठा 7:56 PM तक है।
योग विष्कुम्भ 4:32 PM तक है।करण बालव 1:51 PM तक है।
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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

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