मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक
मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक
मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक
मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक
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मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक
मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक
शुक्र का नक्षत्र विशेष

राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक

मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए
temple venue
प्राचीन पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, हरिद्वार, उत्तराखंड
pooja date
13 सितम्बर, शुक्रवार, भाद्रपद शुक्ल दशमी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

मानसिक स्पष्टता एवं बेहतर निर्णय लेने का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्र का नक्षत्र विशेष राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है। इन्हें छाया और मायावी ग्रह माना गया है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राहु और केतु एक ही राक्षस स्वरभानु के शरीर से उत्पन्न दो दिव्य प्राणी हैं। स्वरभानु के सिर को राहु और धड़ को केतु के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु की दशा चल रही हो तो उसके प्रयासों में असफलता, पारिवारिक कलह, बुरी आदतों की लत, आर्थिक तंगी और निर्णय लेने में समस्या की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही राहु-केतु की दशा से पीड़ित जातक को शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। मान्यता है कि इस अशुभ दशा से पीड़ित जातक को राहत पाने के लिए राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा करनी चाहिए। वहीं यदि यह पूजा किसी विशेष नक्षत्र में की जाए तो यह और ज्यादा फलदायी हो सकती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र भी लग रहा है, जिसका स्वामी शुक्र ग्रह है। वहीं, शास्त्रों के अनुसार असुरों के गुरु शुक्राचार्य का संबंध शुक्र ग्रह से है।

शास्त्रों की मानें तो असुरों के गुरु शुक्राचार्य ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी और उनसे मृत संजीवनी विद्या सीखी थी। कहा जाता है कि जिस स्थान पर शुक्राचार्य ने यह तपस्या की थी, उस स्थान का शासन राहु के पास था। राहु गुरु शुक्राचार्य का बहुत सम्मान करते थे। इसी कारणवश राहु ने सभी असुरों का प्रतिनिधित्व किया और शुक्राचार्य को अपना गुरु बनाया। ज्योतिषियों का मानना है कि पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा करने से राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है, क्योंकि इस नक्षत्र पर राहु के गुरु शुक्र का शासन है। इसलिए हरिद्वार के पशपुतिनाथ मंदिर में राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा के माध्यम से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है, क्योंकि राहु-केतु भगवान शिव के भक्त है। ऐसे में राहु-केतु की पीड़ा से राहत एवं भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें।

पूजा लाभ

puja benefits
मानसिक स्पष्टता के लिए आशीर्वाद
ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु-केतु की दशा चल रही है, तो उसे मानसिक स्पष्टता की कमी का अनुभव हो सकता है। इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए भगवान शिव की पूजा करना लाभकारी माना जाता है। इसलिए, बुधवार यानि केतु के दिन पर राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा करके मानसिक स्पष्टता का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
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बेहतर निर्णय लेने की क्षमता में सुधार
ज्योतिषियों का मानना ​​है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु की दशा चल रही है, तो उसकी सोचने और समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्हें निर्णय लेने में भ्रम का सामना करना पड़ सकता है और मानसिक तनाव, गलतफहमी या पारस्परिक संबंधों में समस्या का अनुभव हो सकता है। इसलिए, इन प्रभावों को कम करने के लिए बुधवार राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
puja benefits
आर्थिक समस्याओं से राहत का आशीष
ऐसा माना जाता है कि राहु-केतु की महादशा लंबे समय तक चलती है, जिससे जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। व्यक्ति को अपनी नौकरी या व्यवसाय में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए भगवान शिव की कृपा से राहु और केतु के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए राहु-केतु पीड़ा शांति पूजा और शिव रुद्राभिषेक करवाना लाभकारी होता है। आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए यह महापूजा बुधवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में करने पर अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

प्राचीन पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, हरिद्वार, उत्तराखंड

 प्राचीन पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, हरिद्वार, उत्तराखंड
केदारनाथ चार धाम यात्रा में प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसे भगवान शिव के निवास के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नेपाल के काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन किए बिना केदारनाथ की यात्रा अधूरी रहती है। इस महत्व को देखते हुए, नेपाल के राजा ने काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई, और हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा नदी के तट के पास उसी पवित्र पत्थर से एक शिव लिंगम की स्थापना की।

हरिद्वार में, पशुपतिनाथ महादेव मंदिर नेपाल और भारत के बीच साझा प्राचीन संस्कृति के प्रतीक के रूप में स्थापित है। माना जाता है कि पशुपतिनाथ की पूजा करने वाले भक्तों को समृद्धि, अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिव लिंग ग्रह दोषों के प्रभाव को कम करता है, राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन की बाधाओं को दूर करता है, जिससे व्यक्ति को जीवन में सफलता व संतुष्टि की प्राप्ति होती है।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
प्राचीन पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में राहु, केतु एवं भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
प्राचीन पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में राहु, केतु एवं भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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लखनऊ

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों