आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन
प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष

1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन

आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
15 सितम्बर, रविवार, भाद्रपद प्रदोष
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
Min
Sec
slideslideslide
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

आर्दश जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए प्रदोष पार्थेश्वर पूजन विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन एवं नर्मदा विसर्जन

हिंदु धर्म में प्रदोष तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष तिथि कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रमा को क्षय रोग था, जिसके चलते उन्हें मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा था। इस कष्ट से राहत पाने के लिए उन्होंने भगवान शिव की आराधना की। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन नया जीवन प्रदान किया, इसलिए इस दिन को प्रदोष तिथि कहा जाने लगा। यह विशेष तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। शिव पुराण के अनुसार, प्रदोष तिथि पर भगवान शिव मृत्युलोक यानी पृथ्वी पर रहने वालों अपने भक्तों की कामनाएं सुनते हैं। इसलिए माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनका दिव्य आशीष प्राप्त होता है। वैसे तो भक्त महादेव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं, जिसमें पार्थिव शिवलिंग की पूजा प्रमुख है। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग का ऊपरी भाग शिव जी (पुरुष) का और निचला भाग मां पार्वती (स्त्री) का प्रतिनिधित्व करता है। इसी कारण शिवलिंग को शिव और शक्ति दोनों का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि प्रदोष तिथि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से अविवाहित जातक को आर्दश जीवनसाथी एवं विवाहित जातक को वैवाहिक जीवन में आनंद की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।

शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार, पार्थिव शिवलिंग हमेशा पवित्र नदियों के तट पर पाई जाने वाली मिट्टी और रेत से बनाया जाना चाहिए। जिनमें से एक है नर्मदा नदी। पौराणिक कथा के अनुसार, मां नर्मदा भगवान शिव की पुत्री हैं और उनकी उत्पत्ति भगवान शिव के पसीने की बूंदों से हुई थी। इसलिए माना जाता है कि नर्मदा नदी का हर एक पत्थर शिवलिंग है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट पर है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में चौथा ज्योतिर्लिंग श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है, जिसे स्वयंभू लिंग माना जाता है। मान्यता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से व्यक्ति सभी पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। ओंकारेश्वर मंदिर की महिमा का उल्लेख स्कंद पुराण, शिव पुराण और वायु पुराण में भी मिलता है। इसलिए, भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष तिथि पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन का आयोजन किया जा रहा है। यह पूजा नर्मदा नदी के बीच नाव पर की जाएगी, जहां पार्थिव शिवलिंग बनाए जाएंगे और पूजा के बाद सभी शिवलिंगों को नर्मदा नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
आर्दश जीवनसाथी के लिए
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को अपने जीवनसाथी के रूप में पाया था। मां पार्वती भगवान शिव की शक्ति है और सदैव उनके साथ रहती हैं। ऐसे में मान्यता है कि अविवाहित भक्त प्रदोष तिथि पर पार्थेश्वर शिवलिंग का पूजन कर मां पार्वती और भगवान शिव से आदर्श जीवनसाथी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
puja benefits
रिश्तों में आनंद प्राप्त के लिए
कई बार न चाहते हुए भी वैवाहिक जीवन में क्लेश उत्पन्न हो जाते हैं। कई बार बात इतनी बिगड़ जाती है कि अलगाव तक की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। भगवान शिव और माता पार्वती विवाहित भक्तों के लिए एक आर्दश दैवीय जोड़ा है। मान्यता है कि प्रदोष तिथि पर पार्थेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से माता पार्वती और भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे रिश्तों में आनंद की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के विवाद खत्म हो जाते हैं।
puja benefits
आर्थिक समृद्धि के लिए
भगवान शिव को धन और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए पार्थेश्वर पूजा और नर्मदा विसर्जन करना एक प्रभावी उपाय है। मान्यता है कि प्रदोष तिथइ पर पार्थेश्वर पूजा और नर्मदा विसर्जन करने से सभी प्रकार की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन की प्राप्ति होती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा चयन करें

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं प्रसाद

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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