सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए नवरात्रि प्रारंभ शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए नवरात्रि प्रारंभ शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए नवरात्रि प्रारंभ शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन
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सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए नवरात्रि प्रारंभ शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन
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नवरात्रि प्रारंभ शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष

शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए
temple venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
pooja date
3 अक्टूबर, गुरुवार, नवरात्रि प्रारंभ
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए नवरात्रि प्रारंभ शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन

सनातन धर्म में नवरात्रि का बहुत विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। नवरात्रि के पहले दिन, मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। शैल का अर्थ होता है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण माता पार्वती को शैलपुत्री भी कहा जाता है। माता शैलपुत्री का स्वरूप बेहत शांत और सरल है। शैलपुत्री को वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि इनका वाहन वृषभ अर्थात नंदी है। नंदी को शक्ति-संपन्नता और कर्मठता यानि अद्वितीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव के प्रति नंदी की भक्ति अपरंपार हैं। यही कारण है कि आज भी शिव भक्त भोलेनाथ के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले नंदी के कान में अपनी प्रार्थनाएँ कहते हैं। क्योंकि माना जाता है कि उनकी प्रार्थना नंदी सीधे भगवान शिव तक पहुंचाएंगे। वहीं देवी सती ने जब माता शैलपुत्री का रूप धारण किया तब भी नंदी ने ही उन्हें पहचाना और इस तरह वो उनका वाहन बने।

देवी भागवत पुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष ने विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया। उसमें सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा लेकिन अपने ही जमाता भगवान शिव और पुत्री सती को नहीं बुलाया। देवी सती भगवान शिव के मना करने के बाद भी पिता के यज्ञ समारोह में चली गई। वहां पर अपने पति भगवान शिव के अपमान से नाराज हो कर, उन्होंने यज्ञ का विध्वंस कर दिया। यज्ञ में अपनी आहूति देकर आत्मदाह कर लिया था। इससे कुपित हो कर भगवान शिव ने दक्ष का वध कर, महासमाधि धारण कर ली। देवी सती ने पर्वतराज हिमालय के घर में देवी पार्वती यानि माता शैलपुत्री के रूप में जन्म लिया। जिसके बाद वर्षों कठोर तपस्या करके भगवान शिव को माता सती ने अपने शैलपुत्री स्वरुप में पति के रूप में प्राप्त किया था। यही कारण है कि नवरात्रि में माता शैलपुत्री के दिन शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन करना अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। इस पूजन से देवी शैलपुत्री के साथ भगवान शिव एवं नंदी का भी आशीष पा सकते हैं। इसलिए नवरात्रि प्रारंभ के शुभ अवसर पर तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में इस भव्य अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से शिव-शक्ति वृषारूढ़ विशेष शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन में भाग लें और देवी शैलपुत्री के साथ भगवान शिव एवं नंदी द्वारा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अद्वितीय शक्ति का दिव्य आशीष प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
धार्मिक मत है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं इस पूजा में भक्त भगवान शिव और माता शक्ति की आराधना करते हैं, जो समस्त सृष्टि के रक्षक हैं। वृषभ, यानि नंदी जो स्थिरता और बल के प्रतीक हैं। मान्यता है कि नवरात्र के शुभ दिन में इनकी अराधना करने से व्यक्ति के सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
puja benefits
अद्वितीय शक्ति के आशीष के लिए
माता शैलपुत्री के वाहन वृषभ अर्थात नंदी हैं। वहीं नंदी को शक्ति-संपन्नता और कर्मठता यानि अद्वितीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्र के प्रथम दिन पर शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन करने से साधक को अद्वितीय शक्ति का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
नवरात्र के शुभ पर्व पर शिव शक्ति वृषभ पूजन और शिव-संपूर्ण वृषारूढ़ हवन करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक विकास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भगवान शिव की आराधना से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जबकि माता शक्ति की कृपा से जीवन में समृद्धि और संतुलन मिलता है। वृषभ का पूजन स्थिरता और बल का प्रतीक है, जो आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर एक पूजनीय तीर्थस्थल है, जिसका आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। 120 साल पहले प्रतिष्ठित ऋषि मायांडी सिद्धर द्वारा स्थापित यह मंदिर चिरस्थायी परंपरा और भक्ति का प्रमाण है। ऋषि मायांडी सिद्धर ने भगवान राम के गहन ध्यान और दर्शन के बाद इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर से जुडी कई चमत्कारिक कथाओं के बारे में सुनने को मिलता है, जिनमें भगवान पेरुमल की मुख्य मूर्ति भी शामिल है, जिसे मूर्तिकला का कोई औपचारिक ज्ञान न रखने वाले एक साधारण व्यक्ति ने गढ़ा था। मंदिर में कई पवित्र मूर्तियाँ हैं, जिनमें शुद्ध स्पष्ट क्वार्ट्ज से बना उल्लेखनीय स्फटिक लिंगम भी शामिल है।

शास्त्रों के अनुसार, स्फटिक लिंगम की पूजा करने से भक्तों में आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और शक्ति आती है, साथ ही चिंताएँ और नकारात्मक प्रभाव से भी राहत मिलता है। यह स्फटिक लिंगम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऋषिकेश के बाद भारत में सबसे बड़े स्फटिक लिंगम में से एक है। भक्तगण एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में उन्हें सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान शिव, मां शैलपुत्री एवं नंदी को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान शिव, मां शैलपुत्री एवं नंदी को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

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