पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक
श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष

नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक

पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
विश्राम घाट, श्री यमुनोत्री धाम, मथुरा, उत्तरकाशी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड
pooja date
26 सितम्बर, गुरुवार, श्राद्ध नवमी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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पूजा के बाद आशीर्वाद बॉक्स आपके घर पर पहुँचाया जाएगा

पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध नवमी यमुना मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और यमुनोत्री दूध अभिषेक

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। शास्त्रों की मानें तो पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। इस अवधि में पड़ने वाली सभी तिथियों का अपना अलग विशेष महत्व होता है, जिसमें से एक है नवमी तिथि। इसे श्राद्ध नवमी भी कहते हैं। इस तिथि पर परिवार के सभी पूर्वजों का श्राद्ध करने का विधान है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जिन लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाता, उनकी आत्मा की शांति के लिए नारायण बलि, नाग बलि पूजा करनी चाहिए और इस अनुष्ठान को पितृ पक्ष में करने से इसका लाभ कई गुना बढ़ सकता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, यदि पितरों का ठीक प्रकार से श्राद्ध न किया जाए तो उनके वंशजों को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। पितृ दोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, गृह क्लेश आदि जैसी कई तरह की समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। नारायण बलि पूजा पितृदोष निवारण के लिए की जाती है, वहीं नागबलि पूजा का मुख्य उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। शास्त्रों के अनुसार, यह दोनों पूजाएं एक साथ करने से ही सफल होती है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु आगे बताते हैं कि यह विशेष पूजा पवित्र नदियों के तट पर अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाना चाहिए।

ऐसे में यदि यह नारायण बलि, नाग बलि पूजा वृंदावन में यमुना नदी के तट पर स्थित विश्राम घाट पर की जाए तो यह पूजा अत्यंत फलदायी हो सकती है, क्योंकि यमी अर्थात यमुना देवी, मृत्यु के अधिपति और पितरों के देवता यमराज की बहन है। पौराणिक कथानुसार, बहन यमुना को देव यमराज ने वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यमुना के पवित्र जल में स्नान करेगा या यमुना नदी के तट पर श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करेगा, उसे यमलोक का मार्ग नहीं देखना पड़ेगा। इसी कारणवश माना जाता है कि यमुना देवी की कृपा से यमराज के दंड से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। इसलिए, पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नवमी पर वृंदावन के विश्राम घाट में नारायण बलि, नाग बलि और श्री यमुनोत्री धाम में यमुनोत्री दूध अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर द्वारा इस संयुक्त पूजा में भाग लें और अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति का आशीष प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
गरुड़ पुराण के अनुसार, जिन लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाता, उनकी आत्मा की शांति के लिए नारायण बलि और नाग बलि पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नवमी तिथि पर नारायण बलि, नाग बलि पूजा के साथ यमुनोत्री दूध अभिषेक करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस अनुष्ठान के माध्यम से पितृ दोष के कारण उत्पन्न नकारात्मक प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही पितृ दोष के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है, जिससे गृह-क्लेश की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। माना जाता है कि पितृ पक्ष की श्राद्ध नवमी तिथि पर पवित्र धाम वृंदावन में नारायण बलि, नाग बलि एवं श्री यमुनोत्री धाम में यमुनोत्री दूध अभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
पितृ दोष को दूर करने के लिए
मान्यता है कि पितृ पक्ष की श्राद्ध नवमी तिथि पर नारायण बलि, नाग बलि एवं यमुनोत्री दूध अभिषेक करने से वंशजों के जीवन में कठिनाइयों का कारण बनने वाले पैतृक श्रापों को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही इस पूजा के माध्यम से पितृ दोष के कारण उत्पन्न बाधाओं को भी दूर किया जा सकता है। कहा जाता है कि यह पूजा करने से सद्भाव, समृद्धि और कल्याण की प्राप्ति होती है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एवं गंगाजल

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल प्राप्त करें।

विश्राम घाट, श्री यमुनोत्री धाम, मथुरा, उत्तरकाशी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड

विश्राम घाट, श्री यमुनोत्री धाम, मथुरा, उत्तरकाशी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड
विश्राम घाट, वृंदावन के प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। यह घाट हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इसे घाट को कई पौराणिक घटनाओं से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इसी पवित्र स्थल पर यमराज और उनकी बहन यमुना ने एक साथ स्नान किया था, जिससे भाई दूज की परंपरा की शुरुआत हुई। इसके साथ ही माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद इसी घाट पर विश्राम किया था, जिसके कारण इस घाट का नाम 'विश्राम घाट' पड़ा।

यमुनोत्री धाम, पवित्र छोटे चार धाम यात्राओं में से एक है। जिसकी शुरुआत यहां से होती है। यहाँ तीर्थयात्री अपनी यात्रा को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए देवी यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। देवी यमुना को समर्पित यह मंदिर उत्तरकाशी जिले में, यमुना नदी के किनारे स्थित है। यमुनोत्री धाम की एक विशेष और अनोखी रस्म यह है कि यहां सूर्य कुंड नामक गर्म जलकुंड का उपयोग किया जाता है, जो मंदिर के निकट स्थित है। भक्तगण इस कुंड में आलू और चावल पकाते हैं और इन पके हुए सामानों को मंदिर में चढ़ाते हैं और चावल को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।

पूजा का चयन करें

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
901
व्यक्तिगत पूजा package image

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
1251
पार्टनर पूजा package image

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
2001
पारिवारिक पूजा  package image

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
3001
संयुक्त परिवार पूजा package image

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Safal Srivastava

Safal Srivastava

23 July, 2025

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Jai shree mahakal apki mandir app k wajah se yeh pooja complete ho payi .


Mamta kapooor family

Mamta kapooor family

23 July, 2025

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Sabkuch peaceful thank you thank you very much sab kuchh bahut Sundar Hai sab kuchh peaceful hai


आकाश सोलंकी एवं समस्त परिवार

आकाश सोलंकी एवं समस्त परिवार

22 July, 2025

starstarstarstarstar

aap Sabhi pujniya Pandit Ji ko mere aur mere Parivar ki or se कोटि-कोटि Charan Sparsh Puja Karke Puja ki video Dekhkar Atma Ham logon ka bahut jyada prasann Hua aap Sabhi Brahman Pandit Ji ko dhanyvad Bhagwan Hamari samast manokamna purn Kare

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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