शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
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नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष

काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ

शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर , कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
pooja date
5 अक्टूबर, शनिवार, नवरात्रि तृतिया
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

शत्रुओं, बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि विशेष शक्तिपीठ चंडी हवन विशेष काली चंडी हवन एवं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ

हिंदु वैदिक पंचाग के अनुसार, हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा की शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। पौराणिक कथानुसार, मां दुर्गा ने इन नौ दिनों तक दुष्ट राक्षस महिसासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसे पराजित किया था। यही कारण है कि इस अवधि के दौरान भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा करते हैं। देवी के कई स्वरूपों में से एक माता काली भी हैं, जिन्हें मृत्यु, काल और परिवर्तन की देवी कहा गया है। ये देवी आदिशक्ति मां दुर्गा के विकराल और भयप्रद रूप हैं, जिनकी उत्पत्ति असुरों के संहार के लिये हुई थी। नवरात्र के दौरान भक्त इनका आवाह्न कर अपने जीवन में शत्रुओं पर विजय की कामना व नकारात्मक ऊर्जा एवं बुरी शक्तियों से सुरक्षा का आशीष मांगते हैं। इनके आवाह्न के लिए कई विधि विधान हैं जिनमें काली चंडी हवन अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। मान्यता है कि इस हवन को करने से जीवन की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस हवन को करने से देवी भक्तों को शक्ति, साहस और कुशलता का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

वहीं देवी दुर्गा की अराधना के लिए श्री अष्टोत्तर शतनामावली स्तोत्र का पाठ करते हैं जो कि श्री दुर्गा सप्तशति के मंगलाचरण मंत्रों में से एक है। जिसकी व्याख्या स्वंय भगवान शिव ने की है, भगवान शिव कहते हैं कि जो इन नामों का पाठ करता है या जो इनका मात्र सुन लेता है, भगवती दुर्गा उस व्यक्ति से प्रसन्न हो जाती हैं और उसका कल्याण करती हैं। ऐसे व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करते हैं। यही कारण है कि नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर पश्चिम बंगाल में स्थित शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में काली चंडी हवन और दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ का आयोजन किया जा रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। माना जाता है कि इस तंत्र पीठ में पूजा करने से सभी महाविद्याओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और देवी से शत्रुओं पर विजय, बुरे प्रभावों एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए
माँ काली को शत्रुओं का नाश करने वाली और अजेय शक्ति प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। काली चंडी हवन और दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ के प्रभाव से भक्त अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के शुभ अवसर पर माँ काली की कृपा से उनके जीवन में आने वाली बाधाएं और विरोध समाप्त हो जाते हैं, जिससे वे आत्मविश्वास और साहस के साथ हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होते हैं।
puja benefits
बुरे प्रभावों और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
माँ काली को बाधाओं, भय और नकारात्मकता को दूर करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि के शुभ अवसर पर शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में काली चंडी हवन कर मां काली की परिवर्तनकारी शक्ति का आह्वान किया जा सकता है। इसके साथ ही दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ करने से भक्तों को न केवल नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है, बल्कि उनके जीवन में दैवीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है, जिसके कारण नकारात्मक एवं बुरी शक्तियां उनसे दूर रहती है।
puja benefits
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
माना जाता है कि नवरात्रि के शुभ अवसर पर भक्त काली चंडी हवन के माध्यम से अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। माँ काली की उपासना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, जिससे व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। वहीं दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली पाठ करने से विशेष रूप से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जिससे भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर , कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर , कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
कालीघाट मंदिर, जो कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है, हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है और अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जो शक्ति, ऊर्जा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहां इस मंदिर में देवी काली की प्रचण्ड रूप की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा में देवी काली भगवान शिव की छाती पर पैर रखे नजर आ रही हैं और उनके गले में नरमुंडों की माला है, उनके हाथ में कुछ कुल्हाड़ी और कुछ नरमुंड हैं, कमर में कुछ नरमुंड भी बंधे हुए हैं। उनकी जीभ बाहर निकली हुई है और जीभ से कुछ रक्त की बूंदे टपक रह हैं। गौरतलब है कि प्रतिमा में मां काली की जीभ स्वर्ण से बनी हुई है।

वर्तमान में मौजूद मंदिर का निर्माण सबॉर्नो रॉय चौधरी परिवार और बाबू कालीप्रसाद दत्तो के संरक्षण में किया गया था, जिसका निर्माण सन् 1798 में शुरू हुआ और 1809 में पूर्ण हुआ। कालीघाट मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है। यह मंदिर कई सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है, जो यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कालीघाट में देवी काली की पूजा से भक्तों को डर, बुराई, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा, यह मंदिर बंगाल के सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है और यहां के धार्मिक त्योहार, विशेषकर दुर्गा पूजा और काली पूजा, बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में देवी दुर्गा एवं काली को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में देवी दुर्गा एवं काली को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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