ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ
ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ
ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ
ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ
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ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ
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ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ
नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष

स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ

ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए
temple venue
श्री बटुक भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
3 अक्टूबर, गुरुवार, नवरात्रि प्रारंभ
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए नवरात्रि प्रारंभ भैरव काशी विशेष स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ

हिंदु धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी दुर्गा की शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। पौराणिक कथानुसार, मां दुर्गा ने इन्हीं नौ दिनों तक दुष्ट राक्षस महिसासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसे पराजित किया था। किंतु देवताओं और असुरों के बीच यह पहला युद्ध नहीं था। युगों-युगों से देवता और असुर के बीच युद्ध होते आ रहे हैं। देवता और असुर दोनों ही प्रजापति की संताने हैं और दोनों के बीच हुए युद्धों को देवासुर संग्राम कहा जाता है। पौराणिक कथानुसार, एक बार देवासुर संग्राम 100 वर्षों से भी अधिक चला। इस दौरान देवताओं के लिए संशाधनों और शस्त्रों की व्यवस्था करते हुए कुबेर जी का सारा धन समाप्त हो गया और मां लक्ष्मी भी धनहीन हो गईं। इस संकट में सभी देवता और देवी मिलकर भगवान शिव की शरण में गए, तब महादेव ने नंदी के माध्यम से स्वर्णाकर्षण भैरव की महिमा का बखान किया और बताया कि केवल वे ही कुबेर के खाली भंडार को फिर से भर सकते हैं। शिव जी के निर्देश पर लक्ष्मी और कुबेर सहित सभी देवताओं ने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की, तब स्वर्णाकर्षण भैरव प्रकट हुए और चार भुजाओं से धन की वर्षा की, जिससे कुबेर और लक्ष्मी सहित सभी देवता फिर से संपन्न हो गए। कहा जाता है कि मनुष्यों की दरिद्रता का नाश करने के लिए नंदी जी ने महर्षि मार्कण्डेय जी को इस स्तोत्र के बारे में बताया था। स्वर्णाकर्षण भैरव, काल भैरव का ही सात्त्विक रूप हैं, जिनकी पूजा धन प्राप्ति के लिए की जाती है। यह हमेशा पाताल में रहते हैं, जैसे सोना धरती के गर्भ में होता है।

शास्त्रों के अनुसार, धन की प्राप्ति, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि के लिए भगवान शिव के पांचवें अवतार माने जाने वाले काल भैरव के सात्विक रूप स्वर्णाकर्षण भैरव की उपासना करनी चाहिए। मान्यता है कि यदि नवरात्रि के दौरान स्वर्णाकर्षण भैरव की पूजा तो यह अत्यंत फलदायी हो सकती है, क्योंकि भैरव को माता दुर्गा का रक्षक माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, बाबा भैरव के स्वर्णाकर्षण रूप की पूजा के साथ-साथ बटुक भैरव रूप की पूजा भी करनी चाहिए। इसलिए महादेव की नगरी काशी के श्री बटुक भैरव मंदिर में नवरात्रि प्रांरभ के शुभ अवसर पर स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप एवं बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ का आयोजन किया जा रहा है। काशी में भगवान भैरव की पूजा का अलग महत्व बताया गया है। धार्मिक कथाओं के अनुसार बाबा विश्वनाथ ने ही यहां बाबा भैरव को काशी का कोतवाल और दंडनायक के रूप में नियुक्त किया था। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और बाबा भैरव द्वारा ऋण मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
ऋण मुक्ति के लिए
मान्यता है कि नवरात्रि प्रारंभ के शुभ अवसर पर काशी में भैरव जी की इस पूजा को करने से जीवन के सभी आर्थिक कष्ट या ऋण से मुक्ति मिलती है और इसके साथ ही नौकरी में पदोन्नति, बिजनेस में लाभ के साथ धन प्राप्ति के कई नए मार्ग खुलते हैं। माना जाता है कि स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप के साथ बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ करने से भगवान भैरव द्वारा भौतिक सुखों की प्राप्ति एवं ऋण मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
puja benefits
आर्थिक समृद्धि एवं स्थिरता की प्राप्ति
माना जाता है कि भगवान भैरव जी के स्वर्णाकर्षण रूप की पूजा करने से जीवन में उपस्थित 8 प्रकार की दरिद्रता का नाश होता है और उनकी कृपा से धन, संपत्ति, और आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता है कि नवरात्रि प्रारंभ के शुभ अवसर पर इस मंत्र का जाप करने से भैरव जी सभी आर्थिक समस्याओं का समाधान कर समृद्धि और स्थिरता का आशीर्वाद देते हैं।
puja benefits
आपदाओं से सुरक्षा
माना जाता है कि नवरात्रि प्रारंभ के शुभ अवसर पर काशी में स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र जाप और बटुक भैरव अष्टकम स्तोत्र पाठ करने से सभी प्रकार की आपदाओं का नाश किया जा सकता है, क्योंकि इस अनुष्ठान के माध्यम से बाबा भैरव की दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि बाबा भैरव के इन दोनों रूपों की पूजा करने से भक्तों को किसी भी परेशानी और नकारात्मक ऊर्जा का सामना नहीं करना पड़ता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री बटुक भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश

श्री बटुक भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
भगवान शिव की पावन नगरी काशी (वाराणसी) में स्थित श्री बटुक भैरव मंदिर एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में भगवान शिव के उग्र रूप माने जाने वाले काल भैरव की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव के बाल स्वरूप को बटुक भैरव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में विशेष रूप से दरिद्रता दूर करने और समृद्धि प्राप्त करने के लिए भगवान भैरव की पूजा की जाती है। स्वर्ण-आकर्षण भैरव मंत्र का जाप मुख्य रूप से धन, संपन्नता और प्रचुरता के लिए भगवान भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है। स्वर्ण-आकर्षण भैरव, भगवान भैरव का एक और रूप है, जिनका निवास पाताल में माना जाता है, ठीक वैसे ही जैसे सोना धरती की गहराई में पाया जाता है।

स्वर्ण-आकर्षण भैरव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें दूध और सूखे मेवे का भोग अर्पित किया जाता है। स्वर्ण-आकर्षण भैरव की महिमा का उल्लेख सबसे पहले भगवान शिव और उनके प्रिय भक्त नंदी ने श्री रुद्रयामल तंत्र में किया था। बाद में, नंदी ने इस महान विद्या को ऋषि मार्कंडेय को बताया, ताकि मानव जाति दरिद्रता से मुक्ति पा सके और जीवन में समृद्धि और खुशहाली का अनुभव कर सके।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री बटुक भैरव मंदिर में बटुक भैरव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री बटुक भैरव मंदिर में बटुक भैरव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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