जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम
जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम
जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम
जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम
जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम
जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम
स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष

शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम

जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए
temple venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
pooja date
6 दिसम्बर, शुक्रवार, स्कंद षष्ठी
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

जीवन में शत्रुओं और बाधाओं पर विजय का आशीष पाने के लिए स्कंद षष्ठी 'युद्ध के देवता' कार्तिकेय विशेष शत्रु संहार मुरुगन त्रिशति होम

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, स्कंद षष्ठी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है क्योंकि यह भगवान स्कंद को समर्पित है। माता पार्वती एवं शिव के पुत्र भगवान स्कंद को युद्ध का देवता भी कहा जाता है वहीं, अन्य जगहों पर इन्हें मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्य सहित कई नामों से भी जाना जाता है। भगवान स्कंद को युद्ध के देवता कहलाने के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि तारकासुर नामक एक राक्षस ने भगवान शिव की घोर तपस्या की और वरदान प्राप्त किया कि केवल शिव का पुत्र ही उसे मार सकता है। वरदान मिलने के बाद, तारकासुर ने तीनों लोकों में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर देवता भगवान विष्णु की शरण में गए, जिन्होंने बताया कि तारकासुर का वध भगवान कार्तिकेय यानि भगवान स्कंद ही कर सकते हैं। इसके बाद, भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया और तभी से उन्हें युद्ध के देवता के रूप में पूजा जाने लगा। मान्यता है कि स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। वहीं दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को भगवान गणेश का छोटा भाई माना जाता है, जबकि उत्तर भारत में उन्हें भगवान गणेश का बड़ा भाई माना जाता है।

प्रचलित कथाओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय दक्षिण दिशा के देवता माने जाते हैं, क्योंकि वे अपने माता-पिता से नाराज होकर धरती पर दक्षिण दिशा में रहने आ गए थे। शास्त्रों के अनुसार, छह सिर वाले भगवान कार्तिकेय छह सिद्धियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं सिद्धियों के दाता के रूप में, कार्तिकेय की पूजा मुख्य रूप से तमिलनाडु में की जाती है। पुराणों में भगवान कार्तिकेय की पूजा के कई तरह के अनुष्ठान बताए गए हैं जिसमें से एक है शत्रु संहार त्रिशति होम। इस होम का अर्थ है 'शत्रुओं का नाश।' मान्यताओं के अनुसार, शत्रु संहार त्रिशति होम एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो जीवन में आने वाली अप्रत्याशित बाधाओं को दूर करता है और दुश्मनों से रक्षा करता है। इसके साथ ही यह अनुष्ठान एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है, जो अदृश्य शक्तियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है और आध्यात्मिक कल्याण सुनिश्चित करता है। स्कंद षष्ठी के शुभ दिन पर किए जाने पर इस होम का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसलिए, स्कंद षष्ठी के शुभ दिन पर तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में शत्रु संहार त्रिशति होम का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद के लिए
माना जाता है कि स्कंद षष्ठी के विशेष दिन पर शत्रु संहार त्रिशति होम का अनुष्ठान शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और दुष्ट शक्तियों से सुरक्षा के लिए किया जाता है। इस अनुष्ठान में युद्ध के देवता कार्तिकेय के नामों का जाप किया जाता है और पवित्र अग्नि में आहुति दी जाती है। ऐसा विश्वास है कि यह होम न केवल शत्रुओं का नाश करने में, बल्कि जीवन में शांति और सुरक्षा लाने में भी प्रभावी होता है।
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जीवन की बाधाओं से सुरक्षा के लिए
कई लोग अनचाहे ही जीवन में विभिन्न प्रकार की बाधाओं का सामना करते हैं। माना जाता है कि स्कंद षष्ठी के दिन इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय के लिए शत्रु संहार त्रिशति होम करने से जीवन में आने वाली अनेक बाधाओं से सुरक्षा मिलती है। साथ ही, इस पूजा के माध्यम से भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन में सफलता भी पाई जा सकती है।
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इच्छाओं की पूर्ति के लिए
युद्ध के देवता भगवान कार्तिकेय न केवल शत्रुओं का नाश करते हैं, बल्कि अपने भक्तों की सभी परेशानियां भी दूर करते हैं। मान्यता है कि इस प्रसिद्ध मंदिर में शत्रु संहार त्रिशति होम करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और उन्हें सुख, समृद्धि, और कल्याण का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो और दिव्य आशीर्वाद बॉक्स

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एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर एक पूजनीय तीर्थस्थल है। 120 साल पहले प्रतिष्ठित ऋषि मायांडी सिद्धर द्वारा स्थापित यह मंदिर चिरस्थायी परंपरा और भक्ति का प्रमाण है। ऋषि मायांडी सिद्धर ने भगवान राम के गहन ध्यान और दर्शन के बाद मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर में कई चमत्कार हुए हैं, जिनमें भगवान पेरुमल की मुख्य मूर्ति भी शामिल है, जिसे मूर्तिकला का कोई औपचारिक ज्ञान न रखने वाले एक साधारण व्यक्ति ने गढ़ा था। मंदिर में कई पवित्र मूर्तियाँ हैं, जिनमें शुद्ध स्पष्ट क्वार्ट्ज से बना उल्लेखनीय स्फटिक लिंगम भी शामिल है। शास्त्रों के अनुसार, स्फटिक लिंगम की पूजा करने से भक्तों में आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और शक्ति आती है, साथ ही चिंताएँ और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

यह स्फटिक लिंगम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऋषिकेश के बाद भारत में सबसे बड़े स्फटिक लिंगम में से एक है। यह मंदिर भगवान राम से जुड़े होने के कारण भी प्रसिद्ध है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान राम ने जटायु को मोक्ष प्रदान किया था और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था। भक्तगण भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर आते हैं। माना जाता है कि यहाँ पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और उन्हें सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान कार्तिकेय को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान कार्तिकेय को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

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