भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक
भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष

यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक

भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए
temple venue
श्री यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
pooja date
3 नवम्बर, रविवार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए भाई दूज प्रथम चार धाम विशेष यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक

सनातन धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर समाप्त होती है। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज मनाई जाती है, इसे यम द्वितिया भी कहते हैं। इस पर्व के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी हुई है,स्कंदपुराण की कथा के अनुसार, भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा की दो संतान थीं, जिसमें बेटा यमराज और बेटी यमुना थी। देव यम पापियों को दंड देते थे और देवी यमुना मन की निर्मल थीं और उन्हें लोगों की परेशानी देख दुख होता था इसलिए वे गोलोक में रहती थीं। देवी यमुना अपने भाई यम को कई बार भोजन के लिए बुलाती थी लेकिन व्यस्तता के चलते यम उनके घर नहीं जा पाते थे। फिर एक दिन बहन के घर जाने के लिए यम ने नरक के निवासियों को मुक्त कर दिया और भोजन के लिए उनके घर चले गए। भोजन ग्रहण करने के बाद देव यमराज ने देवी यमुना से वर मांगने को कहा। देवी यमुना ने भाई यमराज से वर मांगा कि इस तिथि पर जो भी बहन अपने भाई का टीका करेगी, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा। इसके बाद देव यमराज ने बहन यमुना को वरदान दिया। यही कारण है कि हर वर्ष इसी प्रथा के चलते भाई दूज का पर्व मनाया जाता है और बहने अपने भाईयों की दीर्घ आयु के लिए टीका करती हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी यमुना और देव यमराज की पूजा करने से भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शास्त्रों में देव यमराज को देवी यमुना की पूजा के लिए कई विधान बताए गए है, जिसमें यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक भी एक है। यम दंड निवारण पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जो हिंदू धर्म में यमराज (मृत्यु के देवता) के क्रोध या उनके द्वारा दी गई सजा (यम दंड) से मुक्ति पाने के उद्देश्य से की जाती है। यह पूजा व्यक्ति को अकाल मृत्यु, गंभीर बीमारियों, दुर्घटनाओं और अन्य जीवन संकटों से बचाने के लिए की जाती है। वहीं यम स्तुति एक अद्भुत प्रार्थना है जो "सदा सुहागन" के रूप में जानी जाने वाली सावित्री द्वारा प्रकट की गई थी। इसके अलावा कहा जाता है कि देवी यमुना की कृपा से भी अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इसलिए यम द्वितिया के शुभ अवसर चार धाम में से प्रथम श्री यमुनोत्री धाम में यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। यमुनोत्री धाम चार धाम यात्रा का प्रथम धाम है और इसी स्थान से ही चार धाम की यात्रा शुरु होती है। इसी कारणवश इस पवित्र स्थल पर इस पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और देव यमराज और देवी यमुना से भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
भाई-बहनों की सुरक्षा एवं दीर्घायु के आशीर्वाद के लिए
शास्त्रों के अनुसार देव यमराज मृत्यु के देवता है और यमुना जी कोमल हृदय वाली देवी है। कहा जाता है कि यदि देवी यमुना किसी व्यक्ति से प्रसन्न हो तो उस पर देव यमराज भी अपनी कृपा बनाएं रखते हैं। इसलिए मान्यता है कि भाई दूज के शुभ अवसर पर चार धामों में से प्रथम श्री यमुनोत्री धाम में यम दंड मुक्ति, यम स्तुति और यमुना दूध अभिषेक करने से देव यमुना के साथ देव यमराज का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और भाई और बहन की सुरक्षा एवं दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
सुख-शांति और आरोग्य जीवन के लिए
मान्यता है कि देवी यमुना की कृपा से आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है। वहीं देव यमराज की कृपा से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। यदि यह पूजा भाई दूज के पर्व पर श्री यमुनोत्री धाम में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है। मान्यता है कि भाई दूज पर्व पर यह पूजा करने से सुख-शांति और आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
मृत्यु का भय दूर करने के लिए
देव यमराज मृत्यु के देवता है और स्कंद पुराण में भी देव यमराज की पूजा का महत्व बताया गया है। कई बार व्यक्ति को मृत्यु का भय सताने लगता है और उसे बुरे सपने आने लगते हैं। कहा जाता है कि यदि आपको सपने में अपनी मृत्यु दिखाई दे तो समझ लीजिए कि यमदूत आपके पास आए थे। मान्यता है कि भाई दूज पर श्री यमुनोत्री धाम में यह पूजा करने से मत्यु का भय समाप्त हो जाता है और व्यक्ति निरंतर प्रगति करता है।

पूजा प्रक्रिया

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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श्री यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड

श्री यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
यमुनोत्री धाम, पवित्र छोटे चार धाम यात्राओं में से एक है। जिसकी शुरुआत यहां से होती है। यहाँ तीर्थयात्री अपनी यात्रा को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए देवी यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। देवी यमुना को समर्पित यह मंदिर उत्तरकाशी जिले में, यमुना नदी के किनारे स्थित है। यमुनोत्री धाम की एक विशेष और अनोखी रस्म यह है कि यहां सूर्य कुंड नामक गर्म जलकुंड का उपयोग किया जाता है, जो मंदिर के निकट स्थित है। भक्तगण इस कुंड में आलू और चावल पकाते हैं और इन पके हुए सामानों को मंदिर में चढ़ाते हैं और चावल को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।

ऐतिहासिक रूप से, माना जाता है कि यमुनोत्री का मूल मंदिर 19वीं शताब्दी में जयपुर की महारानी गुलेरिया द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार इसका निर्माण टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था। समय-समय पर, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के कारण इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि असित मुनि इस क्षेत्र में निवास करते थे और प्रतिदिन गंगा और यमुना दोनों नदियों में स्नान करते थे। अपनी वृद्धावस्था में, जब वह गंगोत्री तक यात्रा नहीं कर सके, तब उनके लिए यमुनोत्री के निकट गंगा की एक धारा चमत्कारिक रूप से प्रकट हुई, जिससे वे अपने नियमित स्नान को जारी रख सके। इसके अलावा, देवी यमुना को सूर्य देव की पुत्री और मृत्यु के देवता यमराज की बहन माना जाता है। मान्यता है कि जो भक्त यमुना देवी की पूजा करते हैं, उन्हें सूर्य देव और यमराज दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री यमुनोत्री धाम में देवी यमुना एवं देव यमराज को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री यमुनोत्री धाम में देवी यमुना एवं देव यमराज को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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