दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती
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दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती
श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष

नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
temple venue
त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
pooja date
18 सितम्बर, बुधवार, श्राद्ध प्रतिपदा
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध प्रतिपदा त्रिवेणी संगम विशेष नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस अवधि में पड़ने वाली सभी तिथियों का अपना अलग महत्व होता है, जिसमें से एक है प्रतिपदा तिथि। इसे श्राद्ध प्रतिपदा भी कहते हैं। इस दिन पूर्वजों का श्राद्ध कर उनसे आशीष पाया जा सकता है। शास्त्रों की मानें तो पितृ पक्ष की अवधि के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृदोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, गृह क्लेश आदि जैसी कई तरह की समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जिन लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाता, उनकी शांति के लिए नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा का विधान बताया गया है और इस अनुष्ठान को पितृ पक्ष में करने से इसका लाभ कई गुना बढ़ सकता है। नारायण बलि पूजा पितृदोष निवारण के लिए की जाती है, वहीं नागबलि पूजा का मुख्य उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। शास्त्रों के अनुसार, यह दोनों पूजाएं एक साथ करने से ही सफल होती है।

गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु आगे बताते हैं कि यह विशेष पूजा को गंगा जैसी पवित्र नदियों के तट पर अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाना चाहिए। ऐसे में तीर्थ स्थलों का राजा कहे जाने वाले शहर प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी नदियों का संगम है, अर्थात तीनों पवित्र नदियां इस स्थान पर आकर मिलती है। हिंदु धर्म में त्रिवेणी संगम का विशेष महत्व है। पदम पुराण के अनुसार, जो भी व्यक्ति त्रिवेणी संगम पर पितरों के लिए पूजा करता है, उसके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही माना जाता है कि त्रिवेणी संगम जैसे पवित्र स्थल पर संध्याकाल में मां गंगा की आरती करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर त्रिवेणी संगम जैसे पवित्र स्थल पर नारायण बलि, नागबलि एवं संध्याकालीन गंगा आरती का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान विष्णु द्वारा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति का आशीष प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
यह पूजा उन पूर्वजों को शांति और मुक्ति प्रदान करती हैं, जिनकी असामयिक मृत्यु हुई थी। इस पूजा के जरिए उन आत्माओं के कष्टों को कम करने में मदद मिलती है, जिससे परलोक में उनकी शांति सुनिश्चित होती है, जिससे जीवित वंशजों पर नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। पुराणों के अनुसार, यह अनुष्ठान दिवंगत आत्माओं को सांसारिक मोह से मुक्ति दिला सकती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर नारायण बलि, नाग बलि पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
puja benefits
पितृ दोष को दूर करने के लिए
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर नारायण बलि, नाग बलि और संध्याकालीन गंगा आरती करने से वंशजों के जीवन में कठिनाइयों का कारण बनने वाले पैतृक श्रापों को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही वंशावली को प्रभावित करने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है, जो सद्भाव, समृद्धि और कल्याण को बढ़ावा देते हैं और स्वास्थ्य और रिश्तों को बेहतर बना सकते हैं।
puja benefits
पारिवारिक एकता के लिए
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक क्लेश कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती लेकिन हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। घर में क्लेश होने का एक कारण पितृ दोष भी माना गया है, ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर यह पूजा करने से पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिल सकती है और एकता का भाव जागृत किया जा सकता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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संकल्प विवरण दर्ज करें

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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश

त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
हिंदू धर्म में त्रिवेणी संगम को अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। यह वह स्थान है जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती तीनों नदियाँ एक साथ मिलती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस संगम में स्नान करता है, वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है, अर्थात जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करता है। इसीलिए हर 12 वर्षों में कुंभ मेले का आयोजन यहाँ होता है, जहाँ लाखों श्रद्धालु स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के समय यज्ञ के लिए धरती पर प्रयागराज को चुना था। इस स्थान को उन्होंने विशेष महत्व दिया और यहाँ यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ के बाद से ही यह स्थल धर्म, तप और साधना के केंद्र के रूप में विख्यात हो गया। इसलिए प्रयागराज को "तीर्थराज" कहा जाता है, अर्थात सभी तीर्थों का राजा। यहाँ यज्ञ करने से इस स्थान को दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण माना जाता है, और यहाँ स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। त्रिवेणी संगम पर नारायण बलि पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान विशेष महत्व रखते हैं। यह मान्यता है कि इस स्थान पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है और कुंडली से पितृ दोष की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। संगम पर नारायण बलि, नाग बलि, और पितृ शांति महापूजा आत्मा की शुद्धि और पितरों को शांति प्रदान करने में सहायक मानी जाती है।

पूजा का चयन करें

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
3001
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

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शिवराज डोभी

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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
तीश मोड़

तीश मोड़

17 February, 2025

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बहुत ही अतुलनीय कार्य है आपका भगवन आपको ऐसे ही कार्य करने की ताक़त दे


Ramesh Tripathi

Ramesh Tripathi

17 February, 2025

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Hame vishwas hai ki Puja poorn vishwas aur aastha se hui hogi avm hame Prabhu ka Aasirwad prapt hoga apne pariwar ke liye.Jai Bholenath sahai rehna Hamesha.🙏🏽🕉️🌼


S JAREENA BEGUM

S JAREENA BEGUM

16 February, 2025

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Namaste guruji ap ku bhuth,bahut, dhanyawad guruji,, ap ki sevaiya acche hai Ghar bhite Puja karwana, bhuth bhuth accha hai ,,meri mano kamna Puri hone baad mai mai ap se spark karungi

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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