सनातन धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है और उनकी पूजा के लिए सोमवार का दिन शुभ माना जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि सोमवार के दिन ही चंद्रदेव ने भगवान शिव की पूजा की थी, जिसके फलस्वरूप महादेव ने प्रसन्न होकर न केवल चंद्रदेव को निरोगी काया का आशीर्वाद प्रदान किया बल्कि उन्हें अपने शीश पर भी धारण किया। इसलिए माना जाता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। यदि यह पूजा भगवान महादेव की नगरी काशी में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है। स्कंद पुराण में लगभग 15000 श्लोकों में काशी नगर की महिमा का गान किया गया है। इसके अलावा रामायण, महाभारत और ऋग्वेद में भी काशी का वर्णन मिलता है। एक श्लोक में भगवान् शिव कहते हैं कि 'तीनों लोकों से समाहित एक शहर काशी है, जिसमें मेरा निवास स्थान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना भगवान शिव ने लगभग 5000 वर्ष पूर्व की थी। ये हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। इसी कारणवश भक्त देश-विदेश से काशी में भगवान शिव की पूजा करने आते हैं।
पुराणों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान बताए गए हैं, जिसमें अत्यंत फलदायी पंचामृत रुद्राभिषेक को बताया गया है। पंचामृत रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र रूपी शिवलिंग का मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल, दूध, शहद सहित पांच सामग्रियों से स्नान कराना। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रुद्र हैं। माना जाता है कि रुद्र रुप में प्रतिष्ठित शिव मनुष्य के दुखों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। यही कारण है कि भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत रुद्राभिषेक करते हैं। यदि इस पूजा के साथ लिंग भैरवी हवन किया जाए तो यह पूजा और अधिक प्रभावशाली हो सकती है। हिंदू धर्म में, लिंग भैरवी देवी को असीम शक्ति, करुणा, और माँ की तरह सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में देखा जाता है। लिंग भैरवी देवी का स्वरूप माँ काली, दुर्गा और पार्वती के उग्र और रक्षक स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि वे अपने भक्तों के जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि लाती हैं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती हैं। कहा जाता है कि शक्ति के इस रूप को समर्पित हवन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए सोमवार के शुभ दिन पर महादेव की नगरी काशी के श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में शिव पंचामृत रुद्राभिषेक एवं लिंग भैरवी हवन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और पापों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।