हिन्दू धर्म के सबसे बड़े महापर्व दिवाली पर अज्ञान, भय, नकारात्मकता पर विजय पाएं। सम्पूर्ण अयोध्या तीर्थ यात्रा का पुण्य कमाएं। - चढ़ावा, दीपदान एवं ब्राह्मण सेवा करें।
आपकी अयोध्या यात्रा की शुरुआत हनुमान गढ़ी से होगी। जहां पर चढ़ावा कर नतमस्तक होने पर आपको राम द्वार का पता मिलेगा। क्योंकि हनुमान बिना राम कृपा संभव नहीं हैं।
हनुमान गढ़ी के बाद आपका चढ़ावा राजद्वार मंदिर में चढ़ाया जाएगा। जो कभी रघुकुल का राजद्वार हुआ करता था। यही से माता सीता, हनुमान ने अयोध्या में आगमन किया और श्री राम ने वनवास का प्रारंभ एवं समापन किया।
आखिर में आपके नाम संकल्प से सरयू घाट पर ब्राह्मण सेवा एवं दीपदान होगा। हमारे पुराणों में ब्राह्मण सेवा के बिना कोई भी अनुष्ठान सफल नहीं माना जाता है। वेदों में वर्णित यह सर्वश्रेष्ठ सेवा है।
क्यों खास है यह सेवा?
यह सेवा आपको घर बैठे दिवाली वाले दिन अयोध्या में महासेवा करने का सौभाग्य प्रदान कर रही है। जहां आपके नाम होने वाली सेवा और चढ़ावा सच्ची श्रद्धा से वैदिक विधानों के संग सम्पन्न की जाएगी।
इस सेवा में आप जो भी बुक करते हैं, वह केवल आपकी सेवा नहीं होती - आपकी भागीदारी हमें इस पुण्य कार्य को और अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद करती है। यह योगदान किसी एक की नहीं, बल्कि एक सामूहिक सेवा का हिस्सा है।