🕉️ वर्ष प्रथम सोमवती अमावस्या पर 4 दिव्य शिवधामों में महाभिषेक करें- ग्रह दोष निवारण एवं मनोकामनापूर्ति आशीर्वाद पाएं।
🔱 शिव महाभिषेक का महत्व:
🕉️ शिव सर्वोप्रिय चीजों से किया गया महाभिषेक महादेव की सर्वश्रेष्ठ आराधना हैं।
📜 पुराणों के अनुसार सर्वप्रथम ब्रह्मा जी एवं श्री हरि ने शिव महाभिषेक कर शिव सर्वश्रेष्ठ आराधना की थी। इसके अलावा माँ पार्वती ने भी शिव को स्वामी स्वरूप में पाने के लिए 108 शिवलिंग बना रोज उनका जलाभिषेक किया था।
🔱 सोमवती अमावस्या पर महाभिषेक क्यों करें?
🌑 सोमवार अमावस्या के दुर्लभ महायोग पर किया महाभिषेक सहस्त्र यज्ञों समान फलदायी माना जाता है। यहाँ सोम का संबंध चंद्रमा से है और चंद्रमा की शक्तियों को चंद्रशेखर शिव नियंत्रित करते हैं।
📍 कहाँ होगा शिवलिंग महाभिषेक?
🛕 मंगलनाथ महादेव मंदिर: मंगल ग्रह का जन्मस्थल!
🛕 पशुपतिनाथ मंदिर, हरिद्वार: नेपाल के कसौटी पत्थर से निर्मित शिवलिंग।
🛕 सोमेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागराज: श्रापमुक्ति पश्चात चंद्रमा द्वारा निर्मित मंदिर।
🛕 मार्कण्डेय महादेव मंदिर: महर्षि मार्कंडेय की तपोभूमि जहां यम को लौटना पड़ा।
📿 इन सभी मंदिरों के मुख्य पुरोहित दिव्य मंत्रोच्चारण द्वारा महाभिषेक करेंगे। इसलिए देर न करें सोमवती अमावस्या पर महाभिषेक करें।