🔱 स्त्री पितरों की आत्मशांति का श्रेष्ठ मार्ग - मातृ नवमी पर मोक्ष तीर्थ गया स्थित फल्गु नदी किनारे तर्पण एवं पंडा सेवा करें - पितृ शांति, कुल समृद्धि का आशीर्वाद पाएं।
📜 गरुड़ पुराण के अनुसार गया में फल्गु नदी के तट पर किया पितृ तर्पण और पितृ सेवा अमोघ फलदायी माना जाता है। यह सेवा पितरों को तुरंत तृप्त करती है और उन्हें मोक्ष प्रदान करती है।
🕉️ इसमें भी जब यह सेवा नवमी के दिन की जाए तो यह समस्त स्त्री पितरों को संतुष्टि प्रदान करती है। इसलिए इस तिथि को मातृ नवमी भी कहा जाता है।
🌊 फल्गु नदी के किनारे सेवा का महत्व
🕉️ त्रेता युग में माँ सीता से इसी नदी के जल से अपने ससुर राजा दशरथ का पितृ तर्पण किया था। ऐसे में जहां माँ सीता से तर्पण किया वहाँ अपने पितरों की सेवा का यह मौका जानें न दें। इसके अलावा यह नदी मोक्षतीर्थ गया में स्थित है, जो दुनिया भर में सर्वोच्च मोक्ष तीर्थ है और जहां पितृ देव विष्णु स्वयं विराजमान है।
📿 सेवा के लाभ -
🔹पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष।
🔹कुल-परिवार में सुख, संतान और समृद्धि।
🔹पितृ ऋण से मुक्ति और विष्णु कृपा की प्राप्ति।
इस सेवा में आप जो भी बुक करते हैं, वह केवल आपकी सेवा नहीं होती - आपकी भागीदारी हमें इस पुण्य कार्य को और अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद करती है। यह योगदान किसी एक की नहीं, बल्कि एक सामूहिक सेवा का हिस्सा है।