🔱 जो श्याम भी न करें वो खाटू श्याम करें - जन्माष्टमी महापर्व पर दोनों की साथ आराधना कर जीवन सफल बनाएं! विजयप्राप्ति एवं शत्रुनाश का आशीर्वाद पाएं!
📜 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी कृष्ण का जन्मोत्सव है और खाटू श्री कृष्ण के ही कलियुगी स्वरुप है। महाभारत में बर्बरीक का शीश लेते हुए श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि कलियुग में वो श्याम स्वरुप में पूजे जायेंगे और जिस समस्या का समाधान खुद कृष्ण नहीं कर पाएंगे खाटू उन सभी कष्टों को भी हर लेंगे।
🌟अब ऐसे में जन्माष्टमी का दिन इन दोनों की संयुक्त आराधना करने हेतु साल का सबसे शक्तिशाली मुहूर्त है।
📿इस सेवा से आपको क्या मिलेगा?
🔹दो श्याम स्वरूप का आशीर्वाद एक साथ!
🔹घर बैठे विश्वप्रसिद्ध मंदिरों में चढ़ावा का अवसर!
🔹अनुभवी पुरोहित द्वारा वैदिक विधानों से अर्पण सम्पन्न!
📿 सेवा कैसे होगी?
🛕 दोनों ही मंदिरों के मुख्य पुरोहित जी मंदिर गर्भगृह में आपके नाम संकल्प से जन्माष्टमी के दिन चढ़ावा अर्पित करेंगे। जिसका वीडियो आपको चढ़ावा होने के बाद 24-48 घंटों में प्रमाण स्वरुप प्राप्त होगा।