क्या आप जीवन की बाधाओं से मुक्ति पाकर सफलता प्राप्त करना चाहते हैं? 8 मुखी रुद्राक्ष आपके मार्ग की रुकावटें दूर कर समृद्धि और ज्ञान प्रदान करता है। जानिए इसका रहस्य!
रुद्राक्ष एक पवित्र बीज है, जो रुद्राक्ष के वृक्ष के फलों से मिलता है। हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति प्राप्त होती है। विभिन्न मुखों के रुद्राक्ष अलग-अलग शक्तियों और प्रभावों के लिए जाने जाते हैं। इनमें से 8 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से अत्यंत प्रभावशाली और शुभ माना जाता है।
8 मुखी रुद्राक्ष एक ऐसा पवित्र बीज होता है जिसमें आठ मुख अर्थात इसकी सतह पर 8 रेखाएँ होती है। इसका संबंध विशेष रूप से भगवान गणेश से होता है, जो प्रथम-पूज्य, विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माने जाते हैं। यह रुद्राक्ष न केवल बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है, बल्कि इसे पहनने वाले को मानसिक स्थिरता और आत्म-विश्वास भी प्रदान करता है।
यह रुद्राक्ष मूल रूप से नेपाल, इंडोनेशिया और भारत में पाया जाता है। नेपाल में पाए जाने वाले 8 मुखी रुद्राक्ष अधिक प्रभावी माने जाते हैं, क्योंकि यह आकार में बड़े और अधिक ऊर्जा से भरपूर होते हैं।
रुद्राक्ष शब्द ‘रुद्र’ (भगवान शिव) और ‘अक्ष’ (आंख) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “भगवान शिव के आंसू”।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने संसार की पीड़ा को देखा, तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्हीं आंसुओं से रुद्राक्ष वृक्ष उत्पन्न हुए। इस प्रकार, रुद्राक्ष को भगवान शिव का दिव्य अंश माना जाता है।
8 मुखी रुद्राक्ष भगवान गणेश से संबंधित होने के साथ ही शिवजी का भी एक स्वरूप भी माना जाता है। इसे पहनने वाले को शिवजी और गणेश भगवान दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
1. बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
8 मुखी रुद्राक्ष को विघ्नहर्ता भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और व्यक्ति जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ता है।
2. आत्म-विश्वास और निर्णय लेने की क्षमता
इस रुद्राक्ष को पहनने से आत्म-विश्वास बढ़ता है और व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में सक्षम होता है। यह विशेष रूप से नेताओं, व्यावसायिक व्यक्तियों और छात्रों के लिए लाभदायक होता है।
3. स्वास्थ्य लाभ
8 मुखी रुद्राक्ष हृदय, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यह तनाव, अवसाद और चिंता को कम करने में मदद करता है।
4. आध्यात्मिकता में वृद्धि
यह रुद्राक्ष धारण करने वाले जातकों को ध्यान, योग और आध्यात्मिकता में लींन रहने में सहायता करता है। यह साधकों और योगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है।
5. बृहस्पति ग्रह का प्रभाव
ज्योतिष में, 8 मुखी रुद्राक्ष को बृहस्पति ग्रह से जोड़ा जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति को बृहस्पति से संबंधित लाभ मिलते हैं, जैसे बुद्धिमत्ता, शिक्षा और समृद्धि।
8 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसकी सटीक विधि से शुद्धिकरण और सिद्धि करनी आवश्यक होती है। इसे सही विधि से धारण करने पर इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
सबसे पहले रुद्राक्ष को गंगाजल या गौमूत्र से धो लें। इसके बाद इसे दूध में कुछ देर के लिए रखें। फिर स्वच्छ जल से धो लें।
इसे धारण करने से पहले भगवान शिव और गणेश की पूजा करें। रुद्राक्ष को धूप-दीप दिखाएं।
मंत्र - ॐ गण गणपतये नमः (गणेश मंत्र), ॐ हुं नमः (रुद्राक्ष मंत्र), ॐ नमः शिवाय (शिव मंत्र)
इन मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें।
इसे गले में या दाहिने हाथ में धारण करें। इसे चांदी, सोने या लाल धागे में पहनना उत्तम होता है।
इसे बुधवार या सोमवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
बाजार में नकली रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं, इसलिए असली 8 मुखी रुद्राक्ष की पहचान करना आवश्यक है।
जल परीक्षण: असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है, जबकि नकली रुद्राक्ष पानी पर तैरता है।
माइक्रोस्कोप जांच: असली रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से उभरे हुए मुख होते हैं, जो किसी भी प्रकार के कृत्रिम निशान से अलग होते हैं।
घर्षण परीक्षण: इसे कांच पर रगड़ने से कोई नुकसान नहीं होता, जबकि नकली रुद्राक्ष का रंग किसी भी सतह पर घिसने से उतर जाता है।
विश्वसनीय स्टोर तथा प्रमाणित रुद्राक्ष विक्रेताओं से खरीदें।
खरीदते समय प्रमाण पत्र की जांच करें। बाजार में उपलब्ध कम दामों के नकली रुद्राक्ष खरीदने से बचें।
8 मुखी रुद्राक्ष एक शक्तिशाली और दिव्य रत्न है। इसे धारण करने से बाधाएं दूर होती हैं, मानसिक शांति मिलती है और आत्म-विश्वास बढ़ता है। सही विधि से पूजा करके इसे धारण करना चाहिए और खरीदते समय इसकी शुद्धता की जांच अवश्य करनी चाहिए।
अन्य रुद्राक्ष की जानकारियों के लिए जुड़े रहिये श्री मंदिर के साथ।
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