माँ कात्यायनी की कथा
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

माँ कात्यायनी की कथा

नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वाली माँ कात्यायनी की दिव्य कथा, महत्व और पूजन विधि जानें। उनकी कृपा से भक्तों को मिलता है साहस, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति।

माँ कात्यायनी के बारे में

शास्त्रों के अनुसार, महर्षि कात्यायन की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर माँ भगवती ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया और ‘कात्यायनी’ नाम से विख्यात हुईं। माँ का स्वरूप स्वर्ण के समान तेजस्वी और अत्यंत भव्य है। सिंह पर सवार यह देवी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जैसे चारों पुरुषार्थ प्रदान करने वाली हैं। उनकी कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सफलता, शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए मां कात्यायनी से जुड़ी कथा और उनके महत्वों के बारे में।

मां कात्यायनी: नवरात्रि के छठे दिन होती है इनकी पूजा

माँ कात्यायनी, देवी दुर्गा का छठा स्वरूप मानी जाती हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से कन्याओं के शीघ्र विवाह और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए की जाती है। माँ की आराधना से जीवन में साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है, साथ ही भय, रोग और शोक दूर होकर शांति और सुख-समृद्धि मिलती है। नवरात्रि के छठे दिन इनकी उपासना का विशेष महत्व है। मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इन्होंने महिषासुर नामक दैत्य का वध कर तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्त किया था।

मां कात्यायनी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि कात्यायन संतान की इच्छा से मां भगवती की कठोर तपस्या कर रहे थे। उनकी गहन साधना से प्रसन्न होकर देवी ने प्रकट होकर उन्हें वरदान दिया कि वह उनके घर पुत्री रूप में जन्म लेंगी। इसी कारण जब मां भगवती ने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया तो वे कात्यायनी नाम से विख्यात हुईं।

इसी समय महिषासुर नामक दैत्य अपने अत्याचारों से तीनों लोकों को परेशान कर रहा था। देवता, मनुष्य और ऋषि सभी उसके आतंक से त्रस्त होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुँचे। तब त्रिदेवों ने अपने-अपने तेज से देवी को उत्पन्न किया। यही देवी महर्षि कात्यायन के घर जन्मीं और कात्यायनी कहलाईं। महर्षि कात्यायन ने सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन देवी कात्यायनी की विधिपूर्वक पूजा की। इसके बाद दशमी के दिन देवी ने सिंह पर सवार होकर महिषासुर के साथ भीषण युद्ध किया और उसका वध कर दिया। इस प्रकार उन्होंने देवताओं और समस्त प्राणियों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई।

मां कात्यायनी की यह कथा न केवल उनके साहस और शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जब भी धर्म पर संकट आता है, तब देवी अपने दिव्य स्वरूप से प्रकट होकर अधर्म का नाश करती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं। मान्यता है कि माँ कात्यायनी की पूजा से विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर हो जाती हैं और कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है। उनकी उपासना से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में स्थिरता का आशीर्वाद मिलता है। यह भी माना जाता है कि माँ कात्यायनी की कृपा से साधक को साहस, आत्मविश्वास और जीवन की कठिनाइयों से उबरने की शक्ति मिलती है।

divider
Published by Sri Mandir·September 23, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

माँ सिद्धिदात्री के मंत्र

माँ सिद्धिदात्री को सिद्धियों और उपलब्धियों की देवी मानी जाता है, इनके मंत्र मानसिक शांति, सुख, और समृद्धि प्रदान करने में सहायक होते हैं। माँ सिद्धिदात्री की आराधना से आप अपने जीवन में सफलता और सुख के नए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

right_arrow
Card Image

माँ महागौरी के मंत्र

मां महागौरी के शक्तिशाली और पवित्र मंत्र जीवन में शांति, समृद्धि और पवित्रता लाने के साथ-साथ सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक माने जाते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को दिव्य आशीर्वाद, आत्मिक शुद्धि और अद्वितीय शक्ति मिल सकती है।

right_arrow
Card Image

माँ कालरात्रि के मंत्र

माँ कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है।

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook