क्या आप जानते हैं कि दक्षिणा कालीका कवच का पाठ करने से भय, बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है? जानें इसकी विधि, लाभ और प्रभावशाली श्लोक
दक्षिणा कालीका कवच एक शक्तिशाली तांत्रिक स्तोत्र है जो महाशक्ति मां दक्षिणा काली की कृपा और सुरक्षा प्राप्त करने हेतु पाठ किया जाता है। यह कवच साधक को सभी प्रकार की तांत्रिक बाधाओं, भय, भूत-प्रेत, अपशकुन, और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं इसके बारे में...
दक्षिणा कलिका कवच एक शक्तिशाली तांत्रिक स्तोत्र है जो माँ काली की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह कवच भक्त को सभी प्रकार के भय, नकारात्मक ऊर्जाओं, शत्रुओं और बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इसे तंत्र-शास्त्र में अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। चलिए आपको बताते हैं कि दक्षिणा कलिका कवच के बारे में विस्तार से बताते हैं साथ ही श्लोक भी बताते हैं जिससे आपको इसका पाठ करने में आसानी होगी।
अस्य श्री दक्षिणा काली कवच स्तोत्रस्य नारद ऋषिः । अनुष्टुप छन्दः । श्री दक्षिणा काली देवता । धर्मार्थकाममोक्ष सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः
ॐ क्रीं अंगुष्ठाभ्यां नमः
ॐ क्रीं तर्जनीभ्यां नमः
ॐ क्रीं मध्यमाभ्यां नमः
ॐ क्रीं अनामिकाभ्यां नमः
ॐ क्रीं कनिष्ठिकाभ्यां नमः
ॐ क्रीं करतल-कपिष्ठाभ्यां नमः
ॐ क्रीं हृदयाय नमः
ॐ क्रीं शिरसे स्वाहा
ॐ क्रीं शिखायै वषट्
ॐ क्रीं कवचाय हुं
ॐ क्रीं नेत्रत्रयाय वौषट्
ॐ क्रीं अस्त्राय फट्
ॐ अश्वारूढां ध्वजवतीं शूलहस्तां त्रिनेत्रकाम् ।
दंष्ट्राकरालवदनां नीलकण्ठां शिवां भजे ॥ 1 ॥
शिवया सहिता नित्यं कपालमालिनीं शुभाम् ।
गजचर्माम्बरधरां कालीं दुर्गां नमाम्यहम् ॥ 2 ॥
नाभिं मे काली रक्षत्वुदरं शूलधारिणी ।
गुह्यं च गुह्यकानन्दा पृष्ठं मे रक्षतु प्रभुः ॥ 3 ॥
गदाहस्ता करौ रक्षेत् स्कन्धौ मे स्मरशासनः ।
कण्ठं मे कालिका रक्षेज्जिह्वां मे चामुण्डा शिवा ॥ 4 ॥
वदनं रक्तदंष्ट्रा मे श्रोत्रे चंद्रघण्टिका ।
नासां मे रक्तनेत्रा च ललाटं भैरवी मम ॥ 5 ॥
भालं मे कालरात्रिश्च शीर्षं मे शिवनायकी ।
सर्वाङ्गं मे सदा रक्षेत् दक्षिणा काली महामयी ॥ 6 ॥
दक्षिणा कलिका कवच देवी काली की कृपा प्राप्त करने, सुरक्षा, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है। यह पाठ विशेष श्रद्धा और नियमपूर्वक करने पर शीघ्र फलदायी होता है। ज्यादा लाभ लेने के लिए इसे सही विधि से करना जरूरी है चलिए आपको बताते हैं कि इस पाठ को करने की सही विधि क्या है -
शुद्धिकरण एवं स्नान - प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मानसिक व शारीरिक पवित्रता बनाए रखें।
आसन ग्रहण करें - शांत एवं स्वच्छ स्थान पर काले या लाल रंग के आसन पर बैठें। मन को एकाग्र करें और देवी काली का ध्यान करें।
विशेष सावधानियां - इस पाठ को सायंकाल या रात्रि के समय करना अधिक प्रभावी होता है। इस दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें और पूर्ण श्रद्धा व नियमों का पालन करें साथ ही इस दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करें और संयम रखें।
दक्षिणा कलिका कवच देवी काली की कृपा प्राप्त करने और जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाओं से रक्षा के लिए एक प्रभावशाली साधन माना जाता है। यह कवच आध्यात्मिक और लौकिक दोनों स्तरों पर लाभकारी सिद्ध होता है।
नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा - यह कवच नकारात्मक ऊर्जा, बुरी दृष्टि और शत्रु बाधाओं से रक्षा करता है। अगर किसी को शत्रु भय, न्यायिक मामलों या अन्य षड्यंत्रों की समस्या हो, तो यह कवच सहायक होता है।
मानसिक शांति और भय से मुक्ति - मां काली को भय नाशिनी कहा जाता है, और उनका यह कवच मानसिक तनाव, चिंता और भय को दूर करने में सहायक होता है। यह आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
आध्यात्मिक उन्नति और सिद्धियों की प्राप्ति - जो व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हैं या विशेष साधनाओं में लीन हैं, उनके लिए यह कवच विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह साधना में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और सिद्धियों की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
आर्थिक और पारिवारिक समृद्धि - देवी काली को समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। इस कवच का नियमित पाठ करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और परिवार में आपसी संबंध व प्रेमभाव बना रहता है।
स्वास्थ्य लाभ और अकाल मृत्यु से रक्षा - यह कवच गंभीर बीमारियों से बचाव और शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने में सहायक होता है। दुर्घटनाओं, आपदाओं और अकाल मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करता है।
साहस और आत्मबल की वृद्धि - यह कवच मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति हर चुनौती का सामना कर पाता है। जो लोग भय या असमंजस में रहते हैं, उनके लिए यह कवच अत्यंत उपयोगी है।
मां काली की कृपा प्राप्ति - इस कवच का पाठ करने से देवी काली की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। व्यक्ति सही दिशा में आगे बढ़ता है और सफलता प्राप्त करता है।
तो आप भी दक्षिणा कलिका कवच का पाठ कीजिए और इसके भरपूर लाभ उठाइए और अपना अनुभव हमें जरूरी बताइये।
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