
जानिए 108 बटुक भैरव के शक्तिशाली नाम, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सुरक्षा, सफलता और शक्ति प्रदान करते हैं
108 बटुक भैरव के नाम और मंत्र का जाप नकारात्मक ऊर्जा, भय और शत्रुओं से रक्षा करता है। यह मंत्र जीवन में सुरक्षा, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। नियमित जाप से मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और कार्यों में सफलता मिलती है।
बटुक भैरव की उपासना को कलयुग में सबसे सरल और शीघ्र फल देने वाली साधनाओं में से एक माना गया है। बटुक भैरव भगवान शिव का बाल रूप हैं, जो काल भैरव की तुलना में कम उग्र माने जाते हैं। कहा जाता है कि बटुक भैरव को प्रसन्न करना आसान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इनकी पूजा से जातक को सुरक्षा, जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति, और सुखमय जीवन का वरदान मिलता है।
बटुक भैरव के 108 मत्रों का जाप विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। ये मंत्र भय, बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव में सहायक होते हैं। विशेष रूप से यदि आप रात में यात्रा करते समय किसी अनजान भय से ग्रस्त होते हैं, तो बटुक भैरव के नामों व मंत्रों का जाप आपको सुरक्षा प्रदान कर सकता है। उनका मंत्र, उनकी शक्ति और उनकी कृपा भक्तों की हर समस्या का समाधान करने में सहायक मानी जाती है। यदि सही विधि और श्रद्धा से 108 मंत्रों का जाप किया जाए, तो भगवान बटुक भैरव भय व संकटों से जातक की सदैव रक्षा करते हैं।
बटुक भैरव के 108 मंत्रों का जाप शत्रुओं के ताकत को नष्ट करने व षडयंत्र को विफल करने में सहायक होता है, जिससे जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
| S.No | मंत्र | 
| 1 | ॐ भैरवाय नमः। | 
| 2 | ॐ भूतनाथाय नमः। | 
| 3 | ॐ भूतात्मने नमः। | 
| 4 | ॐ भूतभावनाय नमः। | 
| 5 | ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः। | 
| 6 | ॐ क्षेत्रपालाय नमः। | 
| 7 | ॐ क्षेत्रदाय नमः। | 
| 8 | ॐ क्षत्रियाय नमः। | 
| 9 | ॐ विराजे नमः। | 
| 10 | ॐ श्मशानवासिने नमः। | 
| 11 | ॐ मांसाशिने नमः। | 
| 12 | ॐ खर्पराशिने नमः। | 
| 13 | ॐ स्मरान्तकाय नमः। | 
| 14 | ॐ रक्तपाय नमः। | 
| 15 | ॐ पानपाय नमः। | 
| 16 | ॐ सिद्धाय नमः। | 
| 17 | ॐ सिद्धिदाय नमः। | 
| 18 | ॐ सिद्धिसेविताय नमः। | 
| 19 | ॐ कङ्कालाय नमः। | 
| 20 | ॐ कालशमनाय नमः। | 
| 21 | ॐ कलाकाष्ठातनवे नमः। | 
| 22 | ॐ कवये नमः। | 
| 23 | ॐ त्रिनेत्राय नमः। | 
| 24 | ॐ बहुनेत्राय नमः। | 
| 25 | ॐ पिङ्गललोचनाय नमः। | 
| 26 | ॐ शूलपाणये नमः। | 
| 27 | ॐ खड्गपाणये नमः। | 
| 28 | ॐ कङ्कालिने नमः। | 
| 29 | ॐ धूम्रलोचनाय नमः। | 
| 30 | ॐ अभीरवे नमः। | 
| 31 | ॐ भैरवीनाथाय नमः। | 
| 32 | ॐ भूतपाय नमः। | 
| 33 | ॐ योगिनीपतये नमः। | 
| 34 | ॐ धनदाय नमः। | 
| 35 | ॐ धनहारिणे नमः। | 
| 36 | ॐ धनवते नमः। | 
| 37 | ॐ प्रतिभानवते नमः। | 
| 38 | ॐ नागहाराय नमः। | 
| 39 | ॐ नागकेशाय नमः। | 
| 40 | ॐ व्योमकेशाय नमः। | 
| 41 | ॐ कपालभृते नमः। | 
| 42 | ॐ कालाय नमः। | 
| 43 | ॐ कपालमालिने नमः। | 
| 44 | ॐ कमनीयाय नमः। | 
| 45 | ॐ कलानिधये नमः। | 
| 46 | ॐ त्रिलोचनाय नमः। | 
| 47 | ॐ ज्वलन्नेत्राय नमः। | 
| 48 | ॐ त्रिशिखिने नमः। | 
| 49 | ॐ त्रिलोकपाय नमः। | 
| 50 | ॐ त्रिनेत्रतनयाय नमः। | 
| 51 | ॐ डिम्भाय नमः। | 
| 52 | ॐ शान्ताय नमः। | 
| 53 | ॐ शान्तजनप्रियाय नमः। | 
| 54 | ॐ बटुकाय नमः। | 
| 55 | ॐ बहुवेषाय नमः। | 
| 56 | ॐ खट्वाङ्गवरधारकाय नमः। | 
| 57 | ॐ भूताध्यक्षाय नमः। | 
| 58 | ॐ पशुपतये नमः। | 
| 59 | ॐ भिक्षुकाय नमः। | 
| 60 | ॐ परिचारकाय नमः। | 
| 61 | ॐ धूर्ताय नमः। | 
| 62 | ॐ दिगम्बराय नमः। | 
| 63 | ॐ शौरिणे नमः। | 
| 64 | ॐ हरिणाय नमः। | 
| 65 | ॐ पाण्डुलोचनाय नमः। | 
| 66 | ॐ प्रशान्ताय नमः। | 
| 67 | ॐ शान्तिदाय नमः। | 
| 68 | ॐ सिद्धाय नमः। | 
| 69 | ॐ शङ्करप्रियबान्धवाय नमः। | 
| 70y | ॐ अष्टमूर्तये नमः। | 
| 71 | ॐ निधीशाय नमः। | 
| 72 | ॐ ज्ञानचक्षुषे नमः। | 
| 73 | ॐ तपोमयाय नमः। | 
| 74 | ॐ अष्टाधाराय नमः। | 
| 75 | ॐ षडाधाराय नमः। | 
| 76 | ॐ सर्पयुक्ताय नमः। | 
| 77 | ॐ शिखीसख्ये नमः। | 
| 78 | ॐ भूधराय नमः। | 
| 79 | ॐ भूधराधीशाय नमः। | 
| 80 | ॐ भूपतये नमः। | 
| 81 | ॐ भूधरात्मजाय नमः। | 
| 82 | ॐ कङ्कालधारिणे नमः। | 
| 83 | ॐ मुण्डिने नमः। | 
| 84 | ॐ नागयज्ञोपवीतकाय नमः। | 
| 85 | ॐ जृम्भणाय नमः। | 
| 86 | ॐ मोहनाय नमः। | 
| 87 | ॐ स्तम्भिने नमः। | 
| 88 | ॐ मारणाय नमः। | 
| 89 | ॐ क्षोभणाय नमः। | 
| 90 | ॐ शुद्धाय नमः। | 
| 91 | ॐ नीलाञ्जनप्रख्याय नमः। | 
| 92 | ॐ दैत्यघ्ने नमः। | 
| 93 | ॐ मुण्डभूषिताय नमः। | 
| 94 | ॐ बलिभुजे नमः। | 
| 95 | ॐ बलिभुङ्नाथाय नमः। | 
| 96 | ॐ बालाय नमः। | 
| 97 | ॐ बालपराक्रमाय नमः। | 
| 98 | ॐ सर्वापत्तारणाय नमः। | 
| 99 | ॐ दुर्गाय नमः। | 
| 100 | ॐ दुष्टभूतनिषेविताय नमः। | 
| 101 | ॐ कामिने नमः। | 
| 102 | ॐ कलानिधये नमः। | 
| 103 | ॐ कान्ताय नमः। | 
| 104 | ॐ कामिनीवशकृद्वशिने नमः। | 
| 105 | ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः। | 
| 106 | ॐ वैद्याय नमः। | 
| 107 | ॐ प्रभवे नमः। | 
| 108 | ॐ विष्णवे नमः। | 
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