कात्यायनी चालीसा
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कात्यायनी चालीसा

माँ कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे स्वरूप हैं, जिनकी उपासना नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इनका चालीसा पाठ विशेषकर कुंवारी कन्याओं के लिए अति फलदायी होता है।

कात्यायनी चालीसा के बारे में

यदि आप भी नवदुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आज के लेख में बताई गई कात्यायनी चालीसा आपके काम आ सकती है। इसके अलावा किस विधि-नियम को चालीसा के दौरान अपनाना चाहिए औऱ इससे मिलने वाले कौन से हैं अद्भुत लाभ। इन सभी प्रश्नों की जानकारी भी मिलेगी यहां तो आइए जानतें हैं।

कात्यायनी चालीसा क्या है?

मां कात्यायनी को शक्ति, विजय और प्रेम की देवी माना जाता है। मां कात्यायनी की आराधना से जीवन की अनेक बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। इसी तरह कात्यायनी चालीसा को पढ़ना अत्यंत फलदायी माना जाता है। कात्यायनी चालीसा एक देवी स्तुति पाठ है, जिसे दुर्गा चालीसा का ही एक अंश माना जाता है। इसमें मां कात्यायनी की महिमा, गुणगान, आशीर्वाद औऱ उनके अवतार, पराक्रम आदि का वर्णन किया गया है। यह चालीसा मां की कृपा पाने का एक सरल उपाय है, जिसे श्रद्धा और विश्वास से पढ़ने पर मनोकामना पूर्ण होती है।

कात्यायनी चालीसा का पाठ क्यों करें?

यदि आपके जीवन में विवाह संबंधी परेशानी चल रही हो या फिर शत्रुओं से बहुत ज्यादा परेशान हो तो कात्यायनी चालीसा इस परेशानी का एकमात्र निवारण हो सकती है। जानकारी के अनुसार, कात्यायनी चालीसा का पाठ करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। वहीं, विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के लिए यह पाठ अत्यंत फलदायी होता है। इसके नियमित पाठ से मां कात्यायनी से योग्य जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही शत्रुओं पर विजय, धन-सम्पत्ति की प्राप्ति और मन की शांति भी मिलती है। चालीसा का पाठ करने से साधकों को न केवल सांसारिक सुख मिलते हैं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और अंत में मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

कात्यायनी चालीसा

दोहा

जय कात्यायनी माँ,

जय महिषासुर मारिणी।

सुर नर मुनि आराधित,

जय मंगल करिणी॥

चौपाई

जय जय अंबे जय कात्यायनी।

जय महिषासुर घातिनी दानी।।

ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी ध्यावैं।

शक्ति शक्ति सब जगत बनावैं॥

रक्तदंतिका और अन्नपूर्णा।

माँ कात्यायनी हैं सम्पूर्णा॥

कात्यायन ऋषि मुनि के आश्रय।

कात्यायनी माँ सबके बासय॥

भय, संकट हरिणी तुही माता।

भक्तों के दुःख हरती आपा॥

जो कोई तेरी शरण में आवे।

मनवांछित फल वह नर पावे॥

ध्यान धार जो कोई नारी।

कात्यायनी पूर्ण सुखकारी।।

कुमारी पुजा जो नित ध्यावें।

अविवाहित जीवन न बितावे॥

हर युग में मां तू सहाय।

जो भी भक्त करे मन लाय॥

कात्यानी मां तेरी महिमा।

सतयुमग त्रेता हो या द्वापर।।

सिंह सवारी माँभवानी।

जय-जय-जय अम्बे भवानी॥

पाठ की विधि और नियम

  • कात्यायनी चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, पर शुक्रवार, पूर्णिमा और अमावस्या को विशेष फलदायी माना जाता है।
  • सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें और सफेद या पीले वस्त्र पहनें।
  • कात्यायनी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • धूप, दीप प्रज्वलित करें और फूल, फल, मिठाई, नारियल का भोग चढ़ाएं।
  • फिर मन में संकल्प लें और देवी का ध्यान करते हुए चालीसा का पाठ शुरू करें।
  • पाठ के दौरान मन को एकाग्र और शांत रखें।
  • पाठ के बाद देवी की आरती करें और स्तोत्र भी पढ़ें, यह शुभ माना जाता है।
  • अंत में प्रसाद अर्पण करें और सभी में बांटें।
  • देवी से अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  • संध्या काल में भी कात्यायनी चालीसा का पाठ लाभकारी होता है।

कात्यायनी चालीसा के लाभ

श्रद्धा और निष्ठा से किया गया कात्यायनी चालीसा के पाठ से अत्यधिक लाभ मिलते हैं।

  • विवाह में सफलता और शीघ्र विवाहः जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो पा रहा या जिनके विवाह में बार-बार बाधाएं आ रही हैं, उनके लिए कात्यायनी चालीसा का पाठ वरदान माना गया है।
  • संतान प्राप्ति का आशीर्वादः जो महिलाएं संतान सुख से वंचित हैं, उनके लिए यह चालीसा संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त करती हैं।
  • रोगों से मुक्तिः कात्यायनी चालीसा का नियमित पाठ करने से शरीर के कई पुराने और जटिल रोगों से राहत मिलती है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को संतुलित करता है।
  • मनोकामना पूर्तिः जो भक्त सच्चे मन से इस चालीसा का पाठ करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
  • शत्रु नाश और सुरक्षाः यह चालीसा शत्रुओं से रक्षा करती है। जो लोग जीवन में बार-बार विरोध और षड्यंत्रों का सामना कर रहे हैं, उन्हें इससे मानसिक और आत्मिक सुरक्षा मिलती है।
  • मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धिः कात्यायनी चालीसा न केवल चिंता और तनाव से राहत देती है, बल्कि आत्मबल और आत्मविश्वास को भी मजबूत बनाती है।
  • आर्थिक समृद्धि और धन प्राप्तिः आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को मां कात्यायनी की कृपा से धन, समृद्धि और स्थायी सफलता मिलती है।
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Published by Sri Mandir·September 19, 2025

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