क्या जीवन में शांति और सुख चाहते हैं? श्री राम स्तुति पढ़ें और भगवान की कृपा प्राप्त करें!
श्री राम स्तुति भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान करने वाला एक पावन स्तोत्र है। इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से पढ़ने से मन को शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। श्री राम स्तुति में भगवान राम के आदर्श, मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप और उनके दिव्य गुणों का वर्णन किया गया है।
राम स्तुति कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई है। यह उनकी प्रसिद्ध रचना विनय पत्रिका का एक भाग है। जानकारी अनुसार, यह स्तुति 16वीं शताब्दी में रची गई थी और इसमें संस्कृत और अवधी भाषा का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। इस स्तुति में भगवान श्रीराम के रूप, गुण, करुणा और पराक्रम का भावपूर्ण वर्णन किया गया है।
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥
मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।
घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जाः रोज़ाना राम स्तुति करने से घर का वातावरण शांत और पवित्र बनता है। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में प्रेम बढ़ता है।
भय और चिंता से मुक्तिः राम स्तुति का पाठ मन से डर, चिंता और मानसिक अशांति को दूर करता है। साथ ही इससे आत्मबल और धैर्य की प्राप्ति होती है।
मनोकामनाओं की पूर्तिः नियमित रूप से राम स्तुति करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हनुमान जी की कृपाः राम स्तुति करने से हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं और भक्त की रक्षा करते हैं।
मानसिक शांति और संतुलनः राम स्तुति मन को शांति देती है, जिससे तनाव, अशांति और बेचैनी से मुक्ति मिलती है।
आध्यात्मिक उन्नतिः राम स्तुति से साधक का आत्मविश्वास बढ़ता है और उसे जीवन के सही मार्ग की अनुभूति होती है।
रोगों और दुखों से मुक्तिः राम स्तुति के नियमित पाठ से मानसिक और भावनात्मक रोगों से राहत मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है।
राम स्तुति किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन सही समय और विधि से किया जाए तो इसका प्रभाव और अधिक फलदायी होता है।
प्रतिदिन सुबह और शाम: रोज़ाना प्रातः स्नान के बाद और संध्या के समय दीपक जलाकर श्रीराम स्तुति का पाठ करना शुभ और लाभकारी माना गया है। इससे दिन भर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और रात को मन शांत रहता है।
विशेष धार्मिक अवसरों पर: राम नवमी, दशहरा, नवरात्रि, रामायण मास और श्रवण मास जैसे अवसरों पर राम स्तुति का पाठ करने से विशेष पुण्य और भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
नए कार्यों की शुरुआत में: किसी नए काम, व्यापार, यात्रा या निर्णय की शुरुआत से पहले राम स्तुति का पाठ करना शुभ माना गया है। इससे कार्य में सफलता और विघ्नों से रक्षा होती है।
संकट और तनाव के समय: जब व्यक्ति किसी मानसिक तनाव, भय या संकट से गुजर रहा हो, तब राम स्तुति करने से आत्मबल बढ़ता है और मन को शांति मिलती है।
हनुमान जी की पूजा के साथ: हनुमान जी श्रीराम के प्रिय भक्त हैं। इसलिए उनकी पूजा के समय राम स्तुति करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
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