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कार्तिक चौमासी चौदस

कब है कार्तिक चौमासी चौदस 2025? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस विशेष दिन का धार्मिक महत्त्व।

कार्तिक चौमासी चौदस के बारे में

कार्तिक चौमासी चौदस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। कार्तिक माह को भगवान विष्णु का माह माना जाता है। इसके साथ ही चौमासी चौदस का पर्व जैन समुदाय के लोगों के लिए भी काफी लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहार है। हिंदू परंपरा में इस माह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कार्तिक चौमासी चौदस के दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री राम और माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु, श्री राम और माता सीता की पूजा-अर्चना करते हैं।

कार्तिक चौमासी चौदस कब है?

कार्तिक चौमासी चौदस 04 नवंबर 2025, मंगलवार को होगी।

  • कार्तिक चौमासी चौदस
  • नवम्बर 4, 2025, मंगलवार
  • जैन कैलेण्डर पर आधारित

चौमासी चौदस क्यों मनाया जाता है?

चौमासी चौदस पर्व का उद्देश्य लोगों को सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाना है। इस पर्व की अवधि के दौरान जैन समुदाय द्वारा भगवान महावीर द्वारा दिए गए ज्ञान और उपदेशों को अपनाने की प्रतिबद्धता ली जाती है।

कार्तिक चौमासी चौदस का महत्व

कार्तिक चौमासी चौदस का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन को देव दीपावली या मणिकर्णिका स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, श्री राम और माता सीता की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मणिकर्णिका कुंड में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कार्तिक चौमासी चौदस पर किसकी पूजा करनी चाहिए?

  • इस दिन जैन धर्म के अनुयायी मुख्यतः भगवान महावीर स्वामी की पूजा करते हैं।
  • भगवान महावीर सत्य, अहिंसा और क्षमा के प्रतीक माने जाते हैं।
  • इस दिन जैन मंदिरों में विशेष आरती, प्रवचन और सामूहिक ध्यान का आयोजन किया जाता है।
  • पूजन के दौरान भगवान महावीर की प्रतिमा पर चंदन, फूल और अक्षत अर्पित किए जाते हैं।
  • भक्त “नमो अरिहंताणं” और “नमो सिद्धाणं” जैसे पवित्र जैन मंत्रों का जाप करते हैं।

कार्तिक चौमासी चौदस की पूजाविधि

स्नान व शुद्धि

  • सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और घर को साफ-सुथरा रखें।

ध्यान और संकल्प

  • भगवान महावीर का ध्यान करें और यह संकल्प लें कि आप अहिंसा, सत्य और संयम के मार्ग पर चलेंगे।

पूजा प्रारंभ करें

  • भगवान महावीर की मूर्ति को स्वच्छ जल से स्नान कराएँ।
  • चंदन, फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
  • भगवान के समक्ष ध्यानमग्न होकर “नमो अरिहंताणं” मंत्र का 108 बार जाप करें।

उपवास व तप

  • जैन धर्म के अनुयायी इस दिन उपवास या एकासना करते हैं (दिन में केवल एक बार भोजन)

दान-पुण्य

  • गरीबों, पशु-पक्षियों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।

क्षमायाचना

  • परिवार, मित्रों और समाज के सभी लोगों से मन, वचन और कर्म से हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा माँगें।

चौमासी चौदस के दौरान किए जाने वाले कार्य

  • चौमासी चौदस के दौरान जैन धर्म अपने अनुयायियों को आंतरिक शुद्धि करने के लिए प्रेरित करता है।
  • इस पर्व पर जैन समुदाय के लोग अपने घरों एवं कार्यालयों को स्वच्छ करते हैं, और नए वस्त्र धारण करते हैं।
  • चौमासी चौदस की अवधि में दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है।
  • इस पर्व के दौरान जैन धर्म के लोग उपवास रखते हैं, एवं किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। चौमासी चौदस की अवधि में उपवास रखने वाले लोग दिन में केवल एक ही बार भोजन करते हैं।
  • इन चार महीनों में जैन समुदाय के संत ध्यान एवं जप-तप करने में लीन रहते हैं।
  • इस पर्व के दौरान लोग अपने घरों में जैन संतों को आमंत्रित करते हैं, और उनसे धार्मिक प्रवचन सुनते हैं।

क्षमा मांगने का समय

चौमासी चौदस की अवधि के समय ही पर्यूषण पर्व आता है, जो कि जैन धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार माना जाता है। पर्यूषण पर्व पर लोग अपने द्वारा की कई किसी भी भूल के लिए अपने सगे संबंधियों से क्षमा-याचना करते हैं।

कार्तिक चौमासी चौदस के उपाय

इस पावन दिन पर किए गए छोटे-छोटे धार्मिक उपाय अत्यंत शुभ फलदायी माने जाते हैं —

दीपदान करें

  • घर या मंदिर में घी का दीपक जलाकर भगवान महावीर के समक्ष रखें। इससे अंधकार दूर होकर जीवन में प्रकाश और ज्ञान का आगमन होता है।

मंत्र जाप करें

  • “नमो अरिहंताणं” या “नमो सिद्धाणं” मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

क्षमा-प्रार्थना करें

  • अपने द्वारा किसी को हुए दुख के लिए क्षमा मांगना सबसे श्रेष्ठ उपाय है। इससे आत्मा का कलुष दूर होता है।

दान करें

  • अन्न, जल, वस्त्र या धन का दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पापों का क्षय होता है।

सद्भाव फैलाएं

  • इस दिन दूसरों के प्रति सद्भाव रखें और झगड़े या क्रोध से बचें। यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

कार्तिक चौमासी चौदस के दिन क्या करना चाहिए?

  • प्रातःकाल स्नान के बाद पवित्र वस्त्र धारण करें।
  • घर में दीप जलाकर भगवान महावीर का ध्यान करें।
  • किसी भी जीव को हानि पहुँचाने से बचें — यही जैन धर्म का मूल संदेश है।
  • दिन भर सत्य, अहिंसा और क्षमा का पालन करें।
  • धार्मिक प्रवचनों में सम्मिलित हों या जैन ग्रंथों का पाठ करें।
  • रात्रि में सामूहिक आरती या प्रार्थना में शामिल होकर भगवान का स्मरण करें।
  • मन, वचन और कर्म से शुद्धता बनाए रखें।
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Published by Sri Mandir·October 27, 2025

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