
गीता जयंती 2025 पर जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भगवद्गीता के दिव्य ज्ञान का महत्व
गीता जयंती श्रीमद्भगवद्गीता के भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को कुरुक्षेत्र युद्ध में उपदेश देने के दिन के रूप में मनाई जाती है। यह ज्ञान, धर्म और कर्म का उत्सव है, जो आध्यात्मिक चेतना को प्रेरित करता है।
श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म का वह दिव्य ग्रंथ है, जिसमें मानव जीवन, धर्म, कर्तव्य, भक्ति और मोक्ष का सम्पूर्ण सार समाहित है। यह वही पवित्र उपदेश है जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धक्षेत्र में अर्जुन को प्रदान किया था। इसी उपदेश-निर्देश के स्मरण में प्रत्येक वर्ष गीता जयंती मनाई जाती है। इस दिन गीता पाठ, श्रीकृष्ण पूजा और आध्यात्मिक साधना का विशेष महत्व होता है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:40 ए एम से 05:33 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 05:07 ए एम से 06:27 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | 11:26 ए एम से 12:08 पी एम |
विजय मुहूर्त | 01:34 पी एम से 02:17 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 05:05 पी एम से 05:32 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 05:07 पी एम से 06:27 पी एम |
अमृत काल | 09:05 पी एम से 10:34 पी एम |
निशिता मुहूर्त | 11:21 पी एम से 12:14 ए एम, दिसम्बर 02 |
गीता जयंती वह पवित्र दिवस है जब भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के आरम्भ से पहले अर्जुन को मोह-भ्रम से मुक्त करने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। यह उपदेश केवल अर्जुन के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिए धर्म और कर्तव्य का मार्गदर्शक है। गीता जयंती मानव जीवन में कर्तव्यपरायणता, सत्य, संयम, निस्वार्थ कर्म, भक्ति और आत्मज्ञान की महत्ता को समझाने वाला पर्व है।
गीता जयंती मनाने का मूल कारण वह ऐतिहासिक क्षण है जब एकादशी तिथि को श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म सिद्धांतों का उपदेश दिया था। अर्जुन युद्धभूमि में कर्तव्य, भावनाओं और रिश्तों के द्वंद्व में उलझ गए थे। तब श्रीकृष्ण ने उन्हें कर्मयोग, भक्ति योग, ज्ञान योग और मोक्ष मार्ग का विस्तारपूर्वक ज्ञान दिया।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि:
गीता जयंती सरल, शांत और आध्यात्मिक वातावरण में मनाई जाती है। इस दिन भक्त:
पूजा-विधि इस प्रकार है:
ये सभी कार्य इस दिन पुण्य बढ़ाते हैं।
तो यह थी गीता जयंती की संपूर्ण जानकारी, इस दिन को अधिक मंगलकारी बनाने के लिए आप श्री मंदिर की चढ़ावा सेवा का लाभ भी उठा सकते हैं। आपको बता दें, चढ़ावा सेवा के माध्यम से आप घर बैठे, मथुरा में प्रसिद्ध मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ावे के रूप में माखन, भोग, पुष्प आदि चढ़ा सकते हैं।
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