दशमी का श्राद्ध 2025 कब है? यहां जानें इसकी सही तिथि, पूजा विधि और महत्व। इस दिन श्राद्ध करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
पितृ पक्ष दशमी श्राद्ध उन पितरों के लिए किया जाता है जिनका निधन दशमी तिथि को हुआ हो। इस दिन विधि-विधान से तर्पण, पिंडदान और भोजन अर्पित करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और परिवार पर कृपा बनी रहती है।
दशमी श्राद्ध पितृ पक्ष के दौरान आने वाली एक महत्वपूर्ण तिथि है। पितृ पक्ष हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने का एक विशेष समय होता है। इस दौरान, लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए विभिन्न प्रकार के श्राद्ध कर्म करते हैं। दशमी तिथि पर भी श्राद्ध किया जाता है।
दशमी श्राद्ध, दिवंगत आत्माओं के लिए दशमी तिथि को किया जाने वाला श्राद्ध है। यह श्राद्ध उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु दशमी तिथि को हुई हो। आइए जानते हैं इस साल दशमी तिथि कब है, इसका महत्व क्या है।
पितृ पक्ष की तिथियां हर साल बदलती रहती हैं। इस साल पितृ पक्ष में दशमी तिथि का श्राद्ध सितंबर 16, 2025 (मंगलवार) को किया जाएगा। इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है। ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और उन्हें दान दिया जाता है।
पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए दशमी श्राद्ध करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किए गए श्राद्ध से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं। दशमी श्राद्ध करने से परिवार में शांति और समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है इस दिन श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है। इस दिन पितरों को वही भोजन कराना चाहिए जो उन्हें पसंद हो।
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पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें? जानें श्राद्ध पक्ष में अपनाए जाने वाले नियम, सावधानियां और परंपराएं, जिससे पितरों की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़े।
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