जानें इसे सही समय और सही तरीके से करने के अद्भुत लाभ। ध्यान, मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा पाने का सरल उपाय।
ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। यह समय आध्यात्मिक साधना, ध्यान और पूजा के लिए सबसे उत्तम होता है। इस समय किया गया मंत्र जाप मन को एकाग्र करता है, आत्मा को शुद्ध करता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन बनता है। इस लेख में जानिए ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप का महत्व, इसके लाभ और सही तरीका।
'ब्रह्म' का अर्थ है परमात्मा और 'मुहूर्त' का अर्थ है समय। अर्थात् ब्रह्म मुहूर्त वह पवित्र काल है जिसे परमात्मा का समय कहा जाता है। यह कोई साधारण सुबह नहीं होती। यह वह क्षण होता है जब सृष्टि खुद मौन में ध्यानमग्न होती है, और ब्रह्मांड की सकारात्मक ऊर्जा चरम पर होती है। यह काल सूर्योदय से लगभग 1 घंटा 36 मिनट पूर्व आरंभ होता है और लगभग 48 मिनट तक रहता है। सामान्यतः यह समय प्रातः 4:00 से 5:30 बजे के बीच होता है। ब्रह्म मुहूर्त को विशेष इसलिए माना गया है क्योंकि इस समय सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अत्यधिक तीव्र होता है। वातावरण शांत, शुद्ध और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान देवी-देवता पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं। इसी कारण इस समय में पूजा, ध्यान, मंत्र जाप, स्वाध्याय और अन्य आध्यात्मिक कार्य करना अत्यंत फलदायक माना गया है। इस काल में किया गया कोई भी सकारात्मक प्रयास चाहे वह स्वास्थ्य, विद्या, ध्यान या साधना से जुड़ा हो तेज़ी से फलदायक होता है।
ब्रह्म मुहूर्त में छिपी है जीवन को दिशा देने वाली शक्ति। यह सिर्फ एक समय नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का अवसर है। इस लेख में हम आपके साथ ब्रह्म मुहूर्त में उठने के कुछ ऐसे महत्वपूर्ण लाभ साझा कर रहे हैं, जो न सिर्फ आपकी दिनचर्या को बेहतर बनाते हैं, बल्कि आपके पूरे जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी भर जाती है, जिससे दिनभर उत्साह और सक्रियता बनी रहती है।
इस समय जागने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले व्यक्ति की एकाग्रता और सीखने की क्षमता बढ़ती है।
समय पर उठने और ध्यान-योग करने से त्वचा में चमक आती है, और चेहरा प्राकृतिक रूप से दमकता है।
ब्रह्म मुहूर्त के दौरान ध्यान करने से मन शांत होता है और मानसिक अशांति, तनाव जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
यह समय ध्यान केंद्रित करने की आदत विकसित करता है, जिससे पढ़ाई, काम या किसी भी लक्ष्य पर फोकस बना रहता है।
सुबह जल्दी उठने से विचारों में स्पष्टता और सकारात्मकता आती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में असर दिखाती है।
ब्रह्म मुहूर्त में जागने की आदत लंबे समय में व्यक्ति को अनुशासन, स्पष्ट सोच और आत्मविश्वास के साथ सफलता की ओर ले जाती है।
1. गायत्री मंत्र – 'ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। '
2. शिव मंत्र – "ॐ नमः शिवाय"
3. विष्णु मंत्र – "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
4. महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
शांत स्थान पर आसन लगाकर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
ध्यानपूर्वक मन को स्थिर कर मंत्र का उच्चारण करें।
जाप माला (रुद्राक्ष या तुलसी) से कम से कम 108 बार मंत्र जाप करें।
अंत में ईश्वर का ध्यान कर धन्यवाद करें।
ब्रह्म मुहूर्त सिर्फ एक समय नहीं, एक जीवनशैली है। यह वह शांत और पवित्र समय है जो न केवल आत्मा को जागरूक करता है, बल्कि मन को शांत और शरीर को ऊर्जावान बनाता है। यह दिन को संतुलित, सकारात्मक और सफल बनाने में मदद करता है और व्यक्ति के पूर्ण विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।
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