"जीवन के सच्चे रंग पाएं, 'जगत के रंग क्या देखूं' भजन पढ़ें और भक्ति का अनुभव करें!"
ये भजन हमें इस संसार के क्षणभंगुर सुखों और मोह-माया से ऊपर उठने की प्रेरणा देता है। इसे सुनने और गाने से मन में वैराग्य, आत्मचिंतन और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना प्रबल होती है। यह भजन हमें सच्चे आनंद की ओर, जो केवल ईश्वर की भक्ति में है, मार्गदर्शन करता है। यह भजन मन को शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है ॥
नहीं चाहिए ये दुनियां के,
निराले रंग ढंग मुझको,
निराले रंग ढंग मुझको ।
चली जाऊँ मैं वृंदावन,
तेरा श्रृंगार काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत के साज बाजों से,
हुए हैं कान अब बहरे,
हुए हैं कान अब बहरे ।
कहाँ जाके सुनूँ बंशी,
मधुर वो तान काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत के रिश्तेदारों ने,
बिछाया जाल माया का
बिछाया जाल माया का ।
तेरे भक्तों से हो प्रीति,
श्याम परिवार काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत की झूटी रौनक से,
हैं आँखें भर गयी मेरी
हैं आँखें भर गयी मेरी ।
चले आओ मेरे मोहन,
दरश की प्यास काफी है ॥
॥जगत के रंग क्या देखूं...॥
जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है ॥
Did you like this article?
श्री राम स्तुति पढ़ें और भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करें। भक्ति और शांति के लिए अभी पाठ करें
"तेरी जय हो गणेश भजन के पावन बोल पढ़ें और भगवान गणेश की कृपा से हर बाधा को पार करें। भक्ति का अद्भुत अनुभव करें!"
"गौरी के पुत्र गणेश भजन के पावन बोल पढ़ें और भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति लाएं। भक्ति का अनुभव करें!"