🕉️ श्रावण कालाष्टमी मायाजाल और भ्रम से मुक्ति का महाअवसर! सभी तामसिक दोषों से शांति का केंद्र - राहु पैठाणी एवं बटुक भैरव मंदिर में महाचढ़ावा अर्पित करें।
🪷 श्रावण कलाष्टमी पर राहु-केतु और भैरव आराधना का महत्व:
🔱 श्रावण ही वह माह है, जब समुद्र मंथन के दौरान शिवजी ने विषपान किया और इसके बाद जिस अमृत का उद्भव हुआ। उससे राहु और केतु का जन्म हुआ। इसके अलावा श्रावण में शिव तत्व अत्यधिक सक्रिय होता है और बटुक भैरव शिव के ही रौद्र स्वरूप हैं।
🙏 ऐसे में कलाष्टमी तिथि राहु-केतु एवं बटुक भैरव दोनों ही आराधना हेतु श्रेष्ठ समय है।
🔱 राहु-केतु एवं बटुक भैरव का संबंध
🐍 राहु को मायाजाल, छल, भ्रम, अधर्म का कारक माना जाता है। यह दोनों ही ग्रह कालचक्र में गड़बड़ी उत्पन्न कर, अशुभ शक्तियों की उपस्थिति को जन्म देते हैं। इसके अलावा बटुक भैरव काल के स्वामी हैं, जो ब्रह्मांड की सभी तामसिक शक्तियों को नियंत्रित करते हैं।
📍 सेवा स्थल:
🛕 राहु पैठाणी मंदिर : राहु-केतु दोष निवारण हेतु।
🛕 बटुक भैरव मंदिर: सम्पूर्ण तामसिक बाधाओं और राहु दोषों से शांति हेतु।
✨अब ऐसे में बिना समय व्यर्थ किए श्रावण कालाष्टमी पर अपने नाम से चढ़ावा अर्पित करें। वीडियो प्रमाण 24-48 घंटों में प्राप्त करें।