⏳ वर्ष अंतिम दिन- जब हर अर्पण से होगा पितृ कल्याण! पितृ पक्ष आखिरी दिन अमावस्या पर गंगा किनारे चढ़ावा, तर्पण, हवन आहुति एवं पंडा सेवा करें - पीढ़ियों के पितरों को मोक्ष दिलाएं।
📜 गरुड़ पुराण के अनुसार गंगा में किया गया श्राद्ध और तर्पण पितरों को सीधा स्वर्ग और मोक्ष दिलाता है। माँ गंगा का पृथ्वी पर आगमन ही हमारे पितरों को मोक्ष दिलाने एवं सृष्टि का उद्धार करने के लिए हुआ है।
🕉️ इसके अलावा मोक्षदायिनी माँ गंगा को पितृलोक का सेतु माना गया है। जिसकी वजह से गंगा किनारे अर्पण किया गया जल और अन्न तुरंत पितरों तक पहुँचता है और उन्हें तृप्त करता है।
📍 हरिद्वार में सेवा क्यों करें?
🛕 हरि के द्वार हरिद्वार को मोक्षनगरी एवं स्वर्ग का द्वार कहा जाता है, यह चार धाम यात्रा का प्रारंभिक मार्ग और सप्तऋषियों की तपोभूमि है। पुराणों के अनुसार यही वह धरती हैं जहां शिव की जटाओं से गंगा का पृथ्वी पर आगमन हुआ और उन्होंने भागीरथ के 60 हज़ार पूर्वजों को मोक्ष दिया।
📿 सेवा के लाभ
🔹चढ़ावा: पितृ आत्मिक शांति!
🔹तर्पण: पीढ़ियों के पितरो को तृप्ति!
🔹पंडा सेवा: पितरो को अन्न-जल की तृप्ति!
🔹हवन आहुति: पितरो को मुक्ति एवं मोक्ष आशीर्वाद!
इस सेवा में आप जो भी बुक करते हैं, वह केवल आपकी सेवा नहीं होती - आपकी भागीदारी हमें इस पुण्य कार्य को और अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद करती है। यह योगदान किसी एक की नहीं, बल्कि एक सामूहिक सेवा का हिस्सा है।