🔱 4 साल बाद बनेंगा ऐसा दुर्लभ महायोग - सावन सोमवार एवं एकादशी महायोग पर ब्राह्मण सेवा से चूकें न!
🐚 चातुर्मास के दौरान जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में लीन होते हैं। तब शिव सम्पूर्ण सृष्टि के पालनकर्ता के तौर पर कार्य कर रहे होते हैं।
🪷 ऐसे समय में वर्षों में बनने वाला सावन सोमवार एवं एकादशी का यह दुर्लभ महायोग अपने लिए सम्पूर्ण सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करने एवं अनंत कृपा बटोरने का सर्वोतम काल है।
🕉️ इस समय काशी, उज्जैन, रामेश्वरम एवं ओंकारेश्वर जैसे शिव धाम पर ब्राह्मण की सेवा करना हजार यज्ञों के समान पुण्यदायी माना जाता है।
🌸 4 शिव धामों एवं शिव का संबंध
🛕काशी: शिव द्वारा बसायी नगरी।
🛕उज्जैन: महाकाल नगरी, जहां महादेव महाकाल स्वरूप में विराजमान।
🛕रामेश्वरम:यहाँ श्री राम ने लंका युद्ध के दौरान शिव जी की आराधना की।
🛕ओंकारेश्वर: ब्रह्मांड की मूल ध्वनि ॐ ने यहाँ आकार लिया है।
📿 ये सभी स्थान ऐसे हैं जहां शिव के स्वयंभू ज्योतिर्लिंगों का वास है। लोक कथाओं के अनुसार सावान माह में शिव स्वयं इन ज्योतिर्लिंगों में वास करते है।
🔱 अब ऐसे पावन समय में की गई ब्राह्मण सेवा कभी व्यर्थ नहीं होती है- इस दिव्य सेवा से जन्मों तक का पुण्य प्राप्त होता है।