🔱 पितृ पक्ष त्रयोदशी पर हरि के द्वार हरिद्वार में नारायण बली हवन में आहुति दे एवं गंगा घाट पर चढ़ावा करें - अनंत पीढ़ियों के पितरों का उद्धार करें!
क्यों जरूरी हैं, नारायण बली हवन?
🐚 नारायण बलि का उद्देश्य असंतुष्ट पितरों की आत्माओं को नारायण की शरण में पहुंचाकर उन्हें जन्म-मरण के चक्र से मुक्त करना है। गरुड़ पुराण के अनुसार नारायण बलि को पितृ दोष निवारण और असमय मृत आत्माओं की शांति के लिए श्रेष्ठ कर्मकांड बताया गया है।
🪷 ऐसे में नारायण बली हवन में दी हर एक आहुति पितरों को संतुष्टि, तृप्ति, मुक्ति एवं मोक्ष मार्ग का आशीर्वाद प्रदान करती है।
🌊 गंगा घाट पर चढ़ावा क्यों करें?
🛕 माँ गंगा एकमात्र ऐसी नदी है जो आपके पीढ़ियों के पितरों का उद्धार कर सकती हैं। इन्होंने धरती पर आते ही भागीरथ के 60 हज़ार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान कर दिया था।
🐚 विष्णु के चरणों से उत्पन्न एवं शिव की जटाओं से धरती पर आयी माँ का आगमन ही अनंतकाल तक पृथ्वी पर मोक्ष और मुक्ति प्रदान करने के लिए हुआ है। इसलिए इनके तट पर किया हर पितृ कार्य स्वर्ग के मार्ग खोलता है।
🕉️ त्रयोदशी तिथि को मोक्षदायिनी माँ गंगा पर किया चढ़ावा पितरों को आत्मिक शांति एवं वंशजों को कुल कल्याण का आशीर्वाद प्रदान करता है।
🌟 ऐसे में एक भी सेवा से चूकें न - त्रयोदशी महासेवा में भाग लें, हरिद्वार में नारायण बली हवन एवं चढ़ावा करें।