जानें 2025 में कब है सावन का दूसरा सोमवार और इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा कैसे मिलती है।
यह पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए भक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है। इस बार सावन 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को खत्म होगा। आइये जानते हैं सावन के दूसरे सोमवार के बारे में...
हिंदू धर्म में सावन माह को भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ और प्रिय माना गया है। इस महीने में भक्त शिवजी की पूजा और भक्ति में लगे रहते हैं। खासकर सावन के सोमवार को व्रत रखने और पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
साल 2025 में सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है। यह दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने के लिए भक्तों के लिए बहुत खास होता है। सोमवार का दिन शिवजी और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस दिन पूजा करने से शिवजी खुश होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। माना जाता है कि इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 4:17 से 4:59 तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12:00 से 12:55 तक |
अमृत काल | सुबह 6:17 से 7:50 तक |
सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है। सावन को शिव जी का महीना माना जाता है। सावन के हर सोमवार को व्रत रखने की मान्यता है। चलिए जानते है इसकी पूजा विधि और नियम..
श्रावण मास को भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से शिवजी जल्दी खुश होते हैं। माता पार्वती ने भी शिवजी को पाने के लिए ऐसा व्रत किया था, इसलिए इस दिन व्रत करने से अच्छा जीवनसाथी मिलता है। इस व्रत से जीवन में सुख, शांति, संतान का सुख और धन-समृद्धि मिलती है।
पुरानी कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति बनाने के लिए बहुत कठिन तपस्या की थी। उन्होंने जंगलों में कई साल तक व्रत और ध्यान किया। खासकर सावन के सोमवार को उन्होंने विशेष व्रत रखे। उनकी सच्ची भक्ति से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से माना जाता है कि जो लड़कियां या महिलाएं सावन सोमवार का व्रत करती हैं, उन्हें अच्छा जीवनसाथी मिलता है और उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
एक और मान्यता के अनुसार, सोमवार का संबंध चंद्रमा से है। चंद्रमा भगवान शिव के सिर पर विराजमान हैं। जब चंद्रमा को श्राप मिला और उसका तेज घटने लगा, तो उसने शिवजी की पूजा की। शिवजी ने उसे अपने मस्तक पर स्थान देकर उसका तेज वापस लौटा दिया। इस कहानी से यह माना जाता है कि सोमवार को शिवजी की पूजा करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन बना रहता है।
सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। जो भक्त श्रद्धा और नियम के साथ यह व्रत रखते हैं, उन पर शिवजी विशेष कृपा करते हैं।
जो कुंवारी लड़कियां अच्छा और संस्कारी जीवनसाथी पाना चाहती हैं, वे सावन सोमवार का व्रत करती हैं। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भी शिवजी को पति रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था।
जो महिलाएं शादीशुदा होती हैं, वे यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र और घर-गृहस्थी की सुख-शांति के लिए करती हैं। शिव-पार्वती को आदर्श दंपति माना जाता है, और इस व्रत से वैवाहिक जीवन में प्रेम, समझदारी और सामंजस्य बढ़ता है।
जो दंपति संतान की इच्छा रखते हैं, उनके लिए भी यह व्रत बहुत शुभ माना गया है। श्रद्धा से व्रत और पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव की पूजा से मन शांत रहता है। चिंता, तनाव और बेचैनी दूर होती है। जब मन शांत होता है, तो सोचने और समझने की शक्ति बढ़ती है।
सावन सोमवार का व्रत केवल भगवान शिव की भक्ति के लिए नहीं होता, बल्कि यह व्रत जीवन के कई पहलुओं में शुभ और लाभकारी माना जाता है। यह व्रत आध्यात्मिक रूप से व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाता है। जब कोई श्रद्धा और भक्ति से शिवजी की पूजा करता है, तो उसमें आस्था और सकारात्मक सोच बढ़ती है।
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