पितृ दिवस 2025 की तारीख क्या है? जानिए इस दिन का महत्व, इतिहास और अपने पापा को खास महसूस कराने के तरीके।
पितृ दिवस एक विशेष अवसर है जब हम अपने पिता के प्रति प्रेम, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। यह दिन पिता के योगदान, त्याग और मार्गदर्शन को याद करने और उन्हें सम्मानित करने का एक सुंदर अवसर है।
हमारे ग्रन्थों में माता-पिता और गुरु तीनों को ही देवता माना गया है। मृत्युलोक में वही हमारे वास्तविक देवता हैं। इनकी सेवा और भक्ति किए बिना ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं। ऐसा कहा जाता है कि श्रवण कुमार को अपने माता-पिता की सेवा के लिए भक्त प्रह्लाद और ध्रुव के बराबर का स्थान दिया गया। आज भी दुनिया भर में लोग अपने पिता के कठिन परिश्रम को सम्मान देने के लिए पितृ दिवस मनाते हैं।
पितृ दिवस हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस बार ये दिन 15 जून 2025, रविवार को पड़ रहा है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 03:45 ए एम से 04:26 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 04:06 ए एम से 05:07 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | 11:31 ए एम से 12:26 पी एम |
विजय मुहूर्त | 02:16 पी एम से 03:10 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 06:48 पी एम से 07:09 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 06:50 पी एम से 07:52 पी एम |
अमृत काल | 02:19 पी एम से 03:58 पी एम |
निशिता मुहूर्त | 11:38 पी एम से 12:19 ए एम, जून 16 |
जिस प्रकार मां के समर्पण को याद करके मातृ दिवस मनाने की परंपरा है, ठीक उसी प्रकार पितृ दिवस भी सभी पिताओं के कठिन परिश्रम और त्याग को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। विश्व के ज्यादातर देश पर्यावरण दिवस को जून के तीसरे रविवार पर ही मनाते हैं। लेकिन कुछ देशों में पर्व अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है।
पिता के सहयोग के बिना एक अच्छे भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। बचपन में चॉकलेट, खिलौने दिलाने से लेकर बच्चों के बड़े होने पर बाइक, कार, लैपटॉप और उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने तक उनकी सभी मांगे पूरी करने में एक पिता अपनी जान लगा देता है। अपनी ज़िंदगी में हज़ार मुश्किलें होने के बावजूद हर पिता अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना चाहता है। इस भागदौड़ भरे जीवन में बच्चे अपने पिता के लिए समय निकाल पाएं, उनकी अहमियत को समझें, इसी उद्देश्य से पितृ दिवस मनाने की शुरूआत हुई।
पितृ दिवस पहली बार 18 जून, 1910 को मनाया गया। इस दिन को मनाने की शुरूआत एक अमेरिकी महिला सोनोरा स्मार्ट डोड के प्रयासों के कारण हुई। सोनोरा स्मार्ट डोड के पिता अमेरिकी गृहयुद्ध के एक अनुभवी कुशल सिपाही थे। उनकी पत्नी का देहांत हो गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने 6 बच्चों को न सिर्फ़ पाला, बल्कि उन्हें माता-पिता दोनों का प्यार दिया। बच्चों के जीवन में पिता की भूमिका को देखते हुए सोनोरा डोड ने पिता के सम्मान में पितृ दिवस मनाए जाने के लिए पहल की। ये उत्सव पहली बार वाशिंगटन के स्पोकाने में एक चर्च में आयोजित किया गया था। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ी, और ये दिन दुनिया के कई देशों में हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जानें लगा।
पितृ दिवस दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है, लेकिन सभी देश एक ही तारीख पर ये दिन नहीं मनाते हैं। भारत, अमेरिका और कुछ अन्य देशों में, फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। पुर्तगाल, स्पेन, क्रोएशिया और इटली सहित कई देश 19 मार्च को पितृ दिवस मनाते हैं। जबकि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी और पापुआ न्यू गिनी में सितंबर के महीने में फादर्स डे मनाया जाता है।
पितृ दिवस के मौके पर आप अपने पिता को घड़ी, कपड़े, वालेट आदि गिफ्ट कर सकते हैं। वैसे आजकल हर अवसर के लिए बाज़ार में बहुत सारे उपहार मिल जाते हैं, जिनमें से आप अपने पिता की पसंद का उपहार दे सकते हैं।
ये थी पितृ दिवस से जुड़ी विशेष जानकारी। इस भागदौड़ भरे जीवन में कभी पिता व्यस्त होते हैं तो कभी बच्चों के पास समय नहीं होता है। ऐसे में इस पितृ दिवस आप संकल्प लें है कि अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर पिता के साथ कुछ समय ज़रूर बिताएं, जिससे आपके रिश्ते में और प्यार बढ़ेगा।
ऐसे ही विशेष दिनों, व पर्वों त्यौहारों से जुड़ी सभी जानकारियां पाते रहने के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' के इस धार्मिक मंच पर।
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