इस दिवाली हनुमान पूजा से पाएं अपार सुख और समृद्धि! जानें हनुमान जी की पूजा विधि, मंत्र और दिवाली पर उनके विशेष महत्व के बारे में।
**'संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा'** भक्तों, मान्यता है कि पूर्ण भक्तिभाव के साथ नियमपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से वे बहुत जल्द ही जातक के सभी संकट दूर करते हैं, और प्रसन्न होकर सभी मनोकामनायें पूर्ण करते हैं। दिवाली पूजा से एक दिन पहले, भारत के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से गुजरात में हनुमान जी की पूजा की जाती है।
हनुमान पूजा और काली चौदस की पूजा एक ही दिन की जाती है। ऐसा माना जाता है कि काली चौदस अर्थात दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी की रात में नकारात्मक शक्तियां सबसे शक्तिशाली होती हैं। इन नकारात्मक ऊर्जाओं से लड़ने की शक्ति देने वाले भगवान हनुमान जी की पूजा शक्ति, सिद्धि और सभी प्रकार की बुरी आत्माओं से सुरक्षा पाने के लिए की जाती है।
एक अन्य किवदंती के अनुसार, रावण के अत्याचारों से सबको मुक्त करवाने और भाई लक्ष्मण और देवी सीता सहित अपने चौदह वर्ष के वनवास को पूरा करने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी के उत्सव के रूप में दिवाली मनाई जाती है।
हनुमान जी प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। उनके जैसा कोई भक्त संसार में कोई दूजा नहीं हुआ। हनुमान जी की अद्वितीय भक्ति और समर्पण से प्रभु श्रीराम बहुत अभिभूत हुए और उन्होंने प्रसन्न होकर हनुमान जी को उनके पहले पूजे जाने का आशीर्वाद दिया। यही कारण है लोग दिवाली के उत्सव से एक दिन पहले भगवान हनुमान की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
तो भक्तों, ये थी जानकारी दिवाली पर की जाने वाली हनुमान पूजा के बारे में। आशा है कि आपकी उपासना से बजरंगबली प्रसन्न होंगे और आपकी तथा आपके परिवार की सभी बुरी बलाओं से रक्षा करेंगे।
शुभ दिवाली
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