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चैत्र प्रारंभ 2025

चैत्र मास की शुरुआत हिंदू धर्म में विशेष मानी जाती है। इस महीने में व्रत, पूजा और साधना से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

चैत्र मास के बारे में

होली का पर्व समाप्त होते ही प्रतिपदा तिथि से ही चैत्र का महीना प्रारंभ हो जाता है। इस महीने को हिंदू पंचांग का प्रथम मास माना गया है। इसी महीने से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। आपको बता दें कि चैत्र मास को मधुमास के नाम से भी जाना जाता है।

2025 में कब है चैत्र प्रारंभ?

साल 2025 में शनिवार, 15 मार्च को कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र*उत्तर का प्रारंभ होगा।

  • चैत्र प्रारम्भ उत्तर
  • 15 मार्च 2025, शनिवार

चैत्र माह का पौराणिक महत्व

  • चैत्र मास में हिंदू नव वर्ष प्रारंभ होने के पीछे कई पौराणिक व वैदिक मान्यताएं हैं।
  • उत्तर भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष के 11वें दिन पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है। ये एकादशी अन्य सभी एकदाशियों से प्रमुख और उत्तम मानी गई है, क्योंकि अपने नाम के अनुरूप इस एकादशी पर विष्णु उपासना करने से मनुष्यों के सभी पापकर्म नष्ट हो जाते हैं।
  • नारद पुराण में वर्णन मिलता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से जगत निर्माण का कार्य प्रारंभ किया था।
  • एक ये भी मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर रेवती नक्षत्र एवं विष्कुंभ योग में दिन के समय भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में अवतार लिया था।
  • चैत्र माह इसलिए भी विशेष माना जाता है, क्योंकि त्रेता युग में अयोध्या के राजा श्री राम का राज्याभिषेक इसी माह में संपन्न हुआ था।
  • उज्जैन सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत का प्रारंभ भी चैत्र मास से ही किया था।
  • इस मास में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं, तथा व्रत रखते हैं।

चैत्र मास के दौरान किये जाने वाले कार्य

  • चैत्र मास में कोई भी मांगलिक कार्य करना उत्तम माना जाता है।
  • इस महीने सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व है। इससे व्यक्ति को सुख-सौभाग्य तथा मान-सम्मान में लाभ मिलता है।
  • चैत्र मास में लाल फल का दान करना भी लाभप्रद होता है। चैत्र शुक्ल तृतीया और चैत्र पूर्णिमा को तो दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है।
  • शिवपुराण के अनुसार चैत्र के महीने में गौ दान करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी चैत्र का महीना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

चैत्र मास में मौसम में परिवर्तन होता है। इस महीने बसंत ऋतु अपने चरम पर रहती है, साथ ही इसी माह से ग्रीष्म ऋतु भी प्रारंभ हो जाती है। आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ के लिहाज़ से चैत्र का महीना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस माह में कुछ वस्तुओं का सेवन करके आप समस्त रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। आप नीम के ताज़े नरम पत्ते, जीरा, मिश्री, अजवाइन, पुष्प, काली मिर्च, नमक और हींग का चूर्ण बनाकर सेवन करें। इससे आपका स्वास्थ्य अत्यंत उत्तम रहेगा।

तो ये थी चैत्र प्रारंभ ‘उत्तर’ की जानकारी। व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।

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Published by Sri Mandir·February 21, 2025

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