चैत्र मास की शुरुआत हिंदू धर्म में विशेष मानी जाती है। इस महीने में व्रत, पूजा और साधना से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
होली का पर्व समाप्त होते ही प्रतिपदा तिथि से ही चैत्र का महीना प्रारंभ हो जाता है। इस महीने को हिंदू पंचांग का प्रथम मास माना गया है। इसी महीने से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। आपको बता दें कि चैत्र मास को मधुमास के नाम से भी जाना जाता है।
साल 2025 में शनिवार, 15 मार्च को कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र*उत्तर का प्रारंभ होगा।
चैत्र मास में मौसम में परिवर्तन होता है। इस महीने बसंत ऋतु अपने चरम पर रहती है, साथ ही इसी माह से ग्रीष्म ऋतु भी प्रारंभ हो जाती है। आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ के लिहाज़ से चैत्र का महीना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस माह में कुछ वस्तुओं का सेवन करके आप समस्त रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। आप नीम के ताज़े नरम पत्ते, जीरा, मिश्री, अजवाइन, पुष्प, काली मिर्च, नमक और हींग का चूर्ण बनाकर सेवन करें। इससे आपका स्वास्थ्य अत्यंत उत्तम रहेगा।
तो ये थी चैत्र प्रारंभ ‘उत्तर’ की जानकारी। व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।
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