जानिए बुद्ध जयंती का शुभ मुहूर्त, तारीख और समय
बुद्ध जयंती, जिसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का स्मरण दिवस है। यह दिन वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और शांति, करुणा व धर्म पालन का संदेश देता है।
सनातन धर्म में भगवान विष्णु को पालनहार माना गया है और समय-समय पर उन्होंने विभिन्न अवतार लेकर धर्म की रक्षा की है। इन्हीं अवतारों में एक है भगवान बुद्ध का अवतार, जिन्हें विष्णु का नवम अवतार कहा गया है। भगवान विष्णु ने कलियुग के प्रारम्भ में बुद्ध रूप में अवतार लिया और मानव समाज को अहिंसा, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी।
हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बुद्ध जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान बुद्ध अवतार की पूजा-अर्चना करते हैं और विष्णु भगवान का स्मरण कर विशेष पुण्य की प्राप्ति करते हैं।
इस वर्ष बुद्ध जयंती का पर्व विशेष संयोग में पड़ रहा है।
इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, शांति और धर्म का मार्ग प्रशस्त होता है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:14 ए एम से 05:02 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 04:38 ए एम से 05:50 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | 11:23 ए एम से 12:11 पी एम |
विजय मुहूर्त | 01:46 पी एम से 02:33 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 05:44 पी एम से 06:08 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 05:44 पी एम से 06:56 पी एम |
अमृत काल | 11:01 पी एम से 12:38 ए एम, अक्टूबर 03 |
निशिता मुहूर्त | 11:23 पी एम से 12:11 ए एम, अक्टूबर 03 |
बुद्ध जयंती भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार का जन्मोत्सव है। विष्णु भगवान ने धर्म की रक्षा और समाज को सत्य व धर्ममार्ग पर चलाने के लिए समय-समय पर विभिन्न अवतार धारण किए। इन्हीं में से एक है भगवान बुद्ध का अवतार, जिन्हें विष्णु का नवम अवतार माना गया है। भगवान बुद्ध ने मानव समाज को अहिंसा, करुणा, दया और धर्म का संदेश दिया। बुद्ध जयंती हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है।
बुद्ध जयंती का पर्व भगवान विष्णु के उस अवतार की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने कलियुग की शुरुआत में जन्म लेकर समाज को नई दिशा दी। भगवान बुद्ध ने मानव जीवन को हिंसा और अधर्म से दूर कर शांति, संयम और प्रेम का मार्ग दिखाया। यह दिन उनके उपदेशों और शिक्षा को स्मरण करने तथा उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का अवसर होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब कलियुग में अधर्म और हिंसा बढ़ने लगी, तब भगवान विष्णु ने बुद्ध रूप में अवतार लेकर लोगों को सच्चे धर्म का ज्ञान कराया। इस अवतार ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया और मानव जीवन को शुद्ध और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा दिखाई। भगवान बुद्ध ने उपदेशों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि करुणा, दया और अहिंसा ही जीवन का वास्तविक धर्म है।
बुद्ध जयंती 2025 का यह पावन अवसर हमें भगवान विष्णु के उस दिव्य स्वरूप की याद दिलाता है, जिन्होंने बुद्ध अवतार लेकर समाज को अहिंसा, दया और करुणा का संदेश दिया। इस दिन की पूजा और दान से जीवन में ज्ञान, धर्म और शांति का संचार होता है। अतः इस वर्ष 02 अक्टूबर को बुद्ध जयंती पर भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार का स्मरण कर उनके मार्गदर्शन को जीवन में अपनाना चाहिए।
Did you like this article?
जानिए कब है, शुभ मुहूर्त, तारीख और समय। महा नवमी पूजन विधि, महत्व और धार्मिक परंपराओं की संपूर्ण जानकारी।
माधवाचार्य जयन्ती 2025: जानिए कब है, शुभ मुहूर्त, तारीख और समय।
विद्यारम्भम संस्कार 2025 की तिथि, समय, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की पूरी जानकारी प्राप्त करें।