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बुद्ध जयंती 2025

जानिए बुद्ध जयंती का शुभ मुहूर्त, तारीख और समय

बुद्ध जयंती के बारे में

बुद्ध जयंती, जिसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का स्मरण दिवस है। यह दिन वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और शांति, करुणा व धर्म पालन का संदेश देता है।

बुद्ध जयंती 2025

भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार का जन्मोत्सव

सनातन धर्म में भगवान विष्णु को पालनहार माना गया है और समय-समय पर उन्होंने विभिन्न अवतार लेकर धर्म की रक्षा की है। इन्हीं अवतारों में एक है भगवान बुद्ध का अवतार, जिन्हें विष्णु का नवम अवतार कहा गया है। भगवान विष्णु ने कलियुग के प्रारम्भ में बुद्ध रूप में अवतार लिया और मानव समाज को अहिंसा, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी।

हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बुद्ध जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान बुद्ध अवतार की पूजा-अर्चना करते हैं और विष्णु भगवान का स्मरण कर विशेष पुण्य की प्राप्ति करते हैं।

बुद्ध जयंती 2025 : तिथि और पूजा मुहूर्त

इस वर्ष बुद्ध जयंती का पर्व विशेष संयोग में पड़ रहा है।

  • बुद्ध जयंती की तिथि – बृहस्पतिवार, 02 अक्टूबर 2025
  • पूजन मुहूर्त – दोपहर 03:21 बजे से 05:44 बजे तक
  • मुहूर्त की अवधि – 2 घंटे 23 मिनट
  • दशमी तिथि प्रारम्भ – 01 अक्टूबर 2025, बुधवार, शाम 07:01 बजे
  • दशमी तिथि समाप्त – 02 अक्टूबर 2025, बृहस्पतिवार, शाम 07:10 बजे

इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, शांति और धर्म का मार्ग प्रशस्त होता है।

शुभ समय

मुहूर्त

समय

ब्रह्म मुहूर्त

04:14 ए एम से 05:02 ए एम

प्रातः सन्ध्या

04:38 ए एम से 05:50 ए एम

अभिजित मुहूर्त

11:23 ए एम से 12:11 पी एम

विजय मुहूर्त

01:46 पी एम से 02:33 पी एम

गोधूलि मुहूर्त

05:44 पी एम से 06:08 पी एम

सायाह्न सन्ध्या

05:44 पी एम से 06:56 पी एम

अमृत काल

11:01 पी एम से 12:38 ए एम, अक्टूबर 03

निशिता मुहूर्त

11:23 पी एम से 12:11 ए एम, अक्टूबर 03

क्या है बुद्ध जयंती?

बुद्ध जयंती भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार का जन्मोत्सव है। विष्णु भगवान ने धर्म की रक्षा और समाज को सत्य व धर्ममार्ग पर चलाने के लिए समय-समय पर विभिन्न अवतार धारण किए। इन्हीं में से एक है भगवान बुद्ध का अवतार, जिन्हें विष्णु का नवम अवतार माना गया है। भगवान बुद्ध ने मानव समाज को अहिंसा, करुणा, दया और धर्म का संदेश दिया। बुद्ध जयंती हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है।

क्यों मनाते हैं बुद्ध जयंती?

बुद्ध जयंती का पर्व भगवान विष्णु के उस अवतार की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने कलियुग की शुरुआत में जन्म लेकर समाज को नई दिशा दी। भगवान बुद्ध ने मानव जीवन को हिंसा और अधर्म से दूर कर शांति, संयम और प्रेम का मार्ग दिखाया। यह दिन उनके उपदेशों और शिक्षा को स्मरण करने तथा उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का अवसर होता है।

बुद्ध जयंती का महत्व

  • बुद्ध जयंती का पर्व हमें यह स्मरण कराता है कि धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए भगवान समय-समय पर अवतार लेते हैं।
  • भगवान बुद्ध अवतार ने समाज को अहिंसा, करुणा और दया का संदेश दिया।
  • इस दिन की पूजा से घर में शांति और सद्भावना बनी रहती है।
  • यह पर्व हमें सत्कर्म करने और दूसरों के साथ सद्व्यवहार करने की प्रेरणा देता है।

बुद्ध जयंती की पूजा विधि

  • इस दिन प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर में भगवान विष्णु और उनके बुद्ध अवतार की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ बुद्धाय नमः” मंत्र का जप करें।
  • गरीब और जरूरतमंदों को अन्न व वस्त्र का दान करें।
  • सायंकाल के विशेष मुहूर्त में दीप जलाकर भगवान की आरती करें।

बुद्ध जयंती का इतिहास

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब कलियुग में अधर्म और हिंसा बढ़ने लगी, तब भगवान विष्णु ने बुद्ध रूप में अवतार लेकर लोगों को सच्चे धर्म का ज्ञान कराया। इस अवतार ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया और मानव जीवन को शुद्ध और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा दिखाई। भगवान बुद्ध ने उपदेशों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि करुणा, दया और अहिंसा ही जीवन का वास्तविक धर्म है।

बुद्ध जयंती मनाने के लाभ

  • ज्ञान की प्राप्ति – इस दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में ज्ञान और विवेक की वृद्धि होती है।
  • शांति और सद्भाव – भगवान बुद्ध की भक्ति से घर में शांति, प्रेम और आपसी सद्भाव का वातावरण बना रहता है।
  • पुण्य फल – इस दिन दान, सेवा और भक्ति करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • सदाचार का मार्ग – बुद्ध जयंती हमें सत्य, धर्म और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
  • नकारात्मकता का नाश – पूजा-पाठ से मन और घर दोनों से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

बुद्ध जयंती पर क्या करें

  • भगवान विष्णु और उनके बुद्ध अवतार की भक्ति करें।
  • जरूरतमंदों की सेवा और दान करें।
  • शांति और करुणा का संकल्प लें।
  • धर्मग्रंथों का पाठ और भक्ति-कीर्तन करें।

बुद्ध जयंती पर क्या न करें

  • किसी भी प्रकार की हिंसा या कठोर व्यवहार न करें।
  • मद्यपान, मांसाहार और अपवित्र कर्मों से दूर रहें।
  • झूठ बोलना और क्रोध करना इस दिन विशेष रूप से वर्जित है।

बुद्ध जयंती 2025 का यह पावन अवसर हमें भगवान विष्णु के उस दिव्य स्वरूप की याद दिलाता है, जिन्होंने बुद्ध अवतार लेकर समाज को अहिंसा, दया और करुणा का संदेश दिया। इस दिन की पूजा और दान से जीवन में ज्ञान, धर्म और शांति का संचार होता है। अतः इस वर्ष 02 अक्टूबर को बुद्ध जयंती पर भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार का स्मरण कर उनके मार्गदर्शन को जीवन में अपनाना चाहिए।

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Published by Sri Mandir·September 30, 2025

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