हिंदू परंपराओं और ज्योतिष के अनुसार सुहाग से जुड़ी चीज़ें जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि खरीदने के लिए कुछ विशेष दिन बेहद शुभ माने जाते हैं। जानिए सप्ताह के कौन-से दिन सुहाग का सामान खरीदना अच्छा है और किन दिनों में इसे नहीं खरीदना चाहिए।
सुहाग का सामान खरीदना हर महिला के लिए खास होता है, क्योंकि ये सिर्फ श्रृंगार नहीं, उसके सुखी वैवाहिक जीवन की भी निशानी है। ऐसे में इसे सही दिन खरीदना बेहद मायने रखता है। इस आर्टिकल में जानिए वो शुभ दिन, जब सुहाग का सामान लेना आपके रिश्तों में और भी प्यार, विश्वास और खुशहाली भर देगा।
सुहाग सामग्री केवल श्रृंगार या परंपरा का हिस्सा नहीं है, बल्कि वास्तु के अनुसार यह एक सकारात्मक ऊर्जा, वैवाहिक सुख, और पति-पत्नी के रिश्तों में स्थायित्व और प्रेम बनाए रखने का महत्वपूर्ण माध्यम है। विवाहित स्त्रियों द्वारा पहनी जाने वाली चूड़ियाँ, बिंदी, सिंदूर, मंगलसूत्र, पायल, बिछुए आदि न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि यह सभी सुहाग चिन्हों का सम्बन्ध स्त्री के स्वास्थ्य और जीवन से भी होता है। ये सभी वस्तुएँ धन, सौभाग्य और सुख-शांति को भी आकर्षित करती हैं।
सुहाग सामग्री का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से विशेष महत्व होता है। ये वस्तुएँ विवाहित महिलाओं के लिए केवल श्रृंगार नहीं, बल्कि उनके सौभाग्य और अखंड सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं। माना जाता है कि ये सामान पति की लंबी उम्र, सुखद वैवाहिक जीवन और पारिवारिक समृद्धि का संकेत देते हैं।
सिंदूर: सिंदूर एक सुहागन नारी के सौभाग्य और प्रेमपूर्ण वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल विवाहित स्त्री की पहचान होता है, बल्कि इसे लगाने से वह अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती है। सिंदूर का रोज़ाना लगाया जाना जीवन में प्रेम, सुरक्षा और शुभ ऊर्जा बनाए रखने का एक सुंदर प्रतीक माना जाता है।
मंगलसूत्र: मंगलसूत्र केवल एक गहना नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। मंगलसूत्र को पहनने की परंपरा पति की लंबी उम्र, वैवाहिक सुख, और अखंड सौभाग्य की रक्षा के लिए मानी जाती है। मंगलसूत्र सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित कर महिला के दिमाग और मन को शांत करता है।
बिछिया: महिलाओं के लिए पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनना न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह शुभता और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। विवाह के बाद बिछिया पहनना एक सुहागन स्त्री की पहचान मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि बिछिया पहनने से महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बिछिया घर में संपन्नता, सौभाग्य और सुख-शांति बनाए रखने में सहायक होती है।
बिंदी: बिंदी एक आध्यात्मिक, मानसिक और सांस्कृतिक प्रतीक है जो स्त्री के व्यक्तित्व, शक्ति और संतुलन को दर्शाती है। विवाहित स्त्रियों के लिए बिंदी सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक मानी जाती है। विशेष रूप से लाल रंग की बिंदी को शक्ति, प्रेम और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। बिंदी लगाने से मस्तिष्क की नसों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे मन को शांति मिलती है और तनाव भी घटता है।
इसके अतिरिक्त, सुहाग सामग्री में लाल चुनरी, मेहंदी, काजल, चूड़ी जैसी वस्तुएं भी शामिल होती हैं, जो एक सुहागन स्त्री के संपूर्ण श्रृंगार और उसके सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं। ये सभी प्रतीक उसके वैवाहिक जीवन की सुंदरता, श्रद्धा और संस्कृति को दर्शाते है।
यह माना जाता है कि शुभ दिनों में की गई खरीदारी से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। अक्सर महिलाएं किसी भी दिन श्रृंगार का सामान खरीद लेती हैं, लेकिन सुहाग से जुड़ी वस्तुएं जैसे बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर आदि केवल शुभ दिनों में ही खरीदनी चाहिए, ताकि जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि बनी रहे।
शुक्रवार: सुहाग से जुड़ी वस्तुएं जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां आदि खरीदने के लिए शुक्रवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। क्योंकि शुक्रवार देवी लक्ष्मी और माता संतोषी का दिन होता है, इस दिन सुहाग और श्रृंगार का सामान खरीदने से घर में सौभाग्य, सुख-समृद्धि और प्रेम बना रहता है।
गुरुवार: गुरुवार को सुहाग का सामान खरीदना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन बृहस्पति देव का होता है, जो ज्ञान, समृद्धि और शुभता के प्रतीक हैं। गुरुवार को बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर, मेहंदी जैसे सुहाग के सामान की खरीदारी करने से सौभाग्य और वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
मंगलवार और रविवार को सिंदूर और अन्य सुहाग की सामग्री नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि इन दिनों को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सुहाग से जुड़ी वस्तुओं की खरीदारी के लिए अशुभ माना गया है। मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से होता है, जो उग्र स्वभाव और क्रोध का प्रतीक है। रविवार का संबंध सूर्य ग्रह से होता है, जो अहंकार और तेज का प्रतीक माना जाता है। इन दिनों सुहाग सामग्री खरीदने से वैवाहिक जीवन में स्थायित्व की कमी और अनचाहा तनाव आने की संभावना मानी जाती है।
यदि सुहाग सामग्री को शुभ दिन, जैसे सोमवार, गुरुवार, शुक्रवार या पूर्णिमा आदि को खरीदा और श्रद्धा से रखा जाए, तो यह नारी जीवन में सौभाग्य में वृद्धि, वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य, और धन व सुख-शांति का कारण बनती है।
वहीं, यदि इन सामग्रियों को अशुभ दिन (जैसे अमावस्या, रविवार या मंगलवार) को खरीदा जाए तो यह रिश्तों में तनाव, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं, और मानसिक अस्थिरता ला सकती हैं।
सुहाग सामग्री वास्तु के अनुसार नारी जीवन की ऊर्जा और सौभाग्य को बनाए रखने का आधार है। इन्हें सही दिन पर खरीदने से जीवन में शांति, स्थिरता और खुशहाली आती है। वहीं, गलत समय या बिना भावना के इन्हें अपनाना नकारात्मक परिणाम दे सकता है। इसलिए, सुहाग सामग्रियों को केवल परंपरा का हिस्सा न मानें, बल्कि इन्हें जीवन में ऊर्जा और सौभाग्य लाने वाले शक्तिशाली साधन की तरह अपनाएँ।
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