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Parvati Stuti

क्या आप जीवन में संघर्ष, तनाव या निराशा महसूस कर रहे हैं? पार्वती स्तुति से पाएं मां पार्वती का आशीर्वाद, शक्ति और मनोकामना पूर्णता – जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।

पार्वती स्तुति के बारे में

पार्वती स्तुति देवी पार्वती की आराधना के लिए की जाती है। यह स्तुति शक्ति, करुणा और सौम्यता की प्रतीक हैं। स्तुति से मन को शांति, साधना में सिद्धि और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। भक्तिपूर्वक पाठ कल्याणकारी माना जाता है।

पार्वती स्तुति

श्री महाभागवत पुराण में ब्रह्मा आदि देवताओं ने देवी पार्वती की स्तुति चार श्लोकों में की है। इस स्तुति का पाठ करने से विवाहित स्त्रियों का सुहाग सुरक्षित रहता है, और जिन लड़कियों की शादी नहीं हुई है उन्हें मनचाहा सुंदर और योग्य वर मिलता है।

श्री महाभागवत पुराण में वर्णित एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्तुति में ब्रह्मा जी सहित अन्य देवताओं ने देवी पार्वती की महिमा का गुणगान चार विशेष श्लोकों के माध्यम से किया है। इन श्लोकों में माता पार्वती के दिव्य स्वरूप, शक्ति और करुणा का सुंदर वर्णन किया गया है। इस स्तुति का नियमित पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि जो विवाहित महिलाएँ श्रद्धा और भक्ति से इस स्तुति का पाठ करती हैं, उनके पति की आयु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की रक्षा होती है। यह स्तुति उनके अखंड सौभाग्य की रक्षा करने वाली मानी जाती है।

माँ पार्वती स्तुति

त्वं माता जगतां पितापि च हरः सर्वे इमे बालका-

स्तस्मात्त्वच्छिशुभावतः सुरगणे नास्त्येव ते सम्भ्रमः ।

मातस्त्वं शिवसुन्दरि त्रिजगतां लज्जास्वरूपा यत-

स्तस्मात्त्वं जय देवि रक्ष धरणीं गौरि प्रसीदस्व नः ॥ १॥

त्वमात्मा त्वं ब्रह्म त्रिगुणरहितं विश्वजननि,

स्वयं भूत्वा योषित्पुरुषविषयाहो जगति च।

करोष्येवं क्रीडां स्वगुणवशतस्ते च जननीं,

वदन्ति त्वां लोकाः स्मरहरवरस्वामिरमणीम् ॥ २॥

त्वं स्वेच्छावशतः कदा प्रतिभवस्यंशेन शम्भुः पुमा-

न्स्त्रीरूपेण शिवे स्वयं विहरसि त्रैलोक्यसम्मोहिनि ।

सैव त्वं निजलीलया प्रतिभवन् कृष्णः कदाचित्पुमान्,

शम्भुं सम्परिकल्प्य चात्ममहिषीं राधां रमस्यम्बिके ॥ ३॥

प्रसीद मातर्देवेशि जगद्रक्षणकारिणि ।

विरम त्वमिदानीं तु धरणीरक्षणाय वै॥४॥

माँ पार्वती स्तुति पाठ विधि

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें

  • अगर संभव हो तो लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि ये माँ पार्वती को प्रिय माने जाते हैं।

2. पूजा की जगह को साफ करके वहाँ माँ पार्वती की फोटो या मूर्ति रखें

  • अगर मूर्ति है तो उसे पानी से साफ करें। फिर माँ को चंदन, फूल, अक्षत (चावल), सिंदूर आदि अर्पित करें।

3. दीपक और अगरबत्ती जलाएँ

  • घी या तेल का दीपक जलाकर माँ को नमस्कार करें।

4. माँ पार्वती का ध्यान करें

  • आँखें बंद करके मन में माँ को याद करें और "ॐ पार्वत्यै नमः" मंत्र जपें।

5. अब चार श्लोकों वाली स्तुति का पाठ करें

  • अगर श्लोक याद नहीं हैं तो साफ-साफ बोलते हुए किताब या मोबाइल से देखकर पढ़ सकते हैं।

6. पाठ के बाद माँ से अपनी मन की बात कहें

  • जैसे – अच्छे पति की प्राप्ति, पति की लंबी उम्र, सुख-शांति आदि की प्रार्थना करें।

7. माँ की आरती करें

  • आरती गाकर या बजाकर माँ को समर्पित करें।

8. प्रसाद चढ़ाकर सभी में बाँटें

  • मिठाई, फल या गुड़ आदि का प्रसाद माँ को चढ़ाएं और फिर सबको बाँटें।

माँ पार्वती स्तुति पाठ के फायदे

1. सुहाग की रक्षा करता है

जो महिलाएँ विवाह के बाद श्रद्धा और नियम से माँ पार्वती की स्तुति करती हैं, उनके पति की उम्र, सेहत और समृद्धि बनी रहती है। यह पाठ उनके अखंड सौभाग्य को मजबूत करता है। स्त्री के मन में पति के लिए स्नेह और सम्मान भी बढ़ता है।

2. अविवाहित कन्याओं को योग्य जीवनसाथी मिलता है

जो लड़कियाँ अभी विवाह योग्य हैं और अच्छा वर चाहती हैं, वे अगर इस स्तुति का नित्य पाठ करें तो उन्हें मनचाहा, सुंदर और समझदार जीवनसाथी मिलता है। यह पाठ उनके विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और अच्छे रिश्ते आने लगते हैं।

3. घर में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है

माँ पार्वती की स्तुति करने से घर का वातावरण शांत, पवित्र और सकारात्मक बनता है। इससे पारिवारिक सदस्यों के बीच आपसी प्रेम, समझदारी और सामंजस्य बढ़ता है। कलह, तनाव और वाद-विवाद में कमी आती है।

4. मनोकामनाएँ पूरी होती हैं

सच्चे मन और श्रद्धा से स्तुति करने पर माँ पार्वती मन की शुभ इच्छाओं को पूरा करती हैं। जैसे अगर कोई संतान चाहता है, नौकरी की तलाश में है, या परिवार में कोई खास सुख की कामना करता है — तो इस स्तुति का पाठ करने से मनोकामना पूरी होने के आसार बढ़ जाते हैं।

5. मानसिक शांति

जब व्यक्ति नियमित रूप से पाठ करता है, तो उसका मन शांत रहने लगता है। इससे चिंता, डर और नकारात्मक सोच कम होती है। आत्मविश्वास बढ़ता है और कठिनाइयों से निडर होकर सामना करने की शक्ति मिलती है।

यह पाठ करने से व्यक्ति को सुखी वैवाहिक जीवन का लाभ मिलता है और माँ के नौ दुर्गा रूपों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। माँ पार्वती की यह स्तुति व्यक्ति को भक्ति, आत्मबल की शक्ति देती है और साथ में हर दुख से छुटकारा दिलाती है।

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Published by Sri Mandir·June 9, 2025

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