क्या आप मानसिक शांति, साहस और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं? अय्यप्पा स्तुति से पाएं भगवान अय्यप्पा का आशीर्वाद – जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।
अयप्पा स्तुति, भगवान अय्यप्पा को प्रसन्न करने के लिए गया जाता है। यह स्तुति उन्हें याद करके, उनके गुणों की प्रशंसा करते हुए की जाती है। भगवान अय्यप्पा खासतौर पर दक्षिण भारत में बहुत पूजे जाते हैं,और उनका सबसे प्रसिद्ध मंदिर सबरीमला केरल में स्थित है। हर साल लाखों भक्त वहाँ कठिन व्रत और नियमों का पालन करते हुए दर्शन के लिए जाते हैं।
भगवान आयप्पा को खास तौर पर दक्षिण भारत में पूजा जाता है जहां उनका प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर भी है। केरल में बने इस मंदिर में हर साल लाखों भक्तों की भीड़ पहुँचती है। हिन्दू धर्म में भगवान अय्यप्पा को "हरिहरपुत्र" कहा जाता है, जिसका मतलब है कि वे भगवान शिव और भगवान विष्णु के मोहिनी रूप के पुत्र हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों शक्तियों के मेल से जन्मे हैं और उनमें अद्भुत शक्तियाँ हैं।
अयप्पा स्तुति में हम भगवान अय्यप्पा की बहादुरी, उनकी दयालुता, और भक्तों की रक्षा करने वाले उनके रूप की प्रार्थना करते हैं। यह स्तुति उन्हें धन्यवाद देने, उनसे शक्ति और मार्गदर्शन माँगने के लिए की जाती है। इस स्तुति में भक्त प्रार्थना करते हैं कि भगवान अय्यप्पा उन्हें जीवन के कठिन समय से बचाएँ, उन्हें सही मार्ग दिखाएँ और अपने आशीर्वाद में बनाए रखें।
अरुणोदयसङ्काशं नीलकुण्डलधारणं ।
नीलाम्बरधरं देवं वन्देऽहं ब्रह्मनन्दनम् ॥ १ ॥
चापबाणं वामहस्ते चिन्मुद्रां दक्षिणकरे ।
विलसत्कुण्डलधरं वन्देऽहं विष्णुनन्दनम् ॥ २ ॥
व्याघ्रारूढं रक्तनेत्रं स्वर्णमालाविभूषणं ।
वीरापट्टधरं देवं वन्देऽहं शंभुनन्दनम् ॥ ३ ॥
किङ्किण्योड्यान भूतेशं पूर्णचन्द्रनिभाननं ।
किरातरूप शास्तारं वन्देऽहं पाण्ड्यनन्दनम् ॥ ४ ॥
भूतभेतालसंसेव्यं काञ्चनाद्रिनिवासितं ।
मणिकण्ठमिति ख्यातं वन्देऽहं शक्तिनन्दनम् ॥ ५ ॥
इति श्री अय्यप्पा स्तोत्र ।
समय और जगह: सुबह जल्दी उठकर नहायें और साफ मन के साथ पूजा स्थल में जाए। पूजा स्थल साफ करें और पूर्व या उत्तर दिशा में ही मुख करके पूजा करें।
पूजा की तैयारी: मंदिर में भगवान अयप्पा की तस्वीर रखें और घी या तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद ताजे फूल चढ़ाएं, धूप बत्ती करें और फिर प्रसाद में गुड़ और नारियल रखे।
संकल्प करें: पूजा के लिए मन में संकल्प करना बहुत जरूरी है, भगवान के सामने अपने मन की बात कहे और मनोकामना को उनके सामने बोले।
पाठ: सारी तैयारी करने के बाद भगवान अयप्पा की स्तुति करें आप इसका 11, 21 या 108 बार पाठ कर सकते है या फिर "स्वामीये शरणम् अय्यप्पा" मंत्र का जाप भी कर सकते है।
जाप के बाद भगवान को भोग लगाए और प्रार्थना करें। इसके बाद भगवान अयप्पा के प्रसाद को सभी में बांटे।
संकटों से रक्षा: भगवान अयप्पा को संकटमोचन भी कहा जाता है। जब भी कोई बाधा आए तो इस स्तुति का पाठ कर लेना चाहिए। इससे डर और अनचाहे संकट खत्म हो जाते हैं। ऐसे मान्यता है कि भगवान अयप्पा को याद कर लेने भर से सब ठीक हो जाता है।
मानसिक शांति: जिन भी लोगों का मन विचलित हो या जो अपने जीवन में फैसले नहीं ले प रहे हो उन लोगों के लिए अयप्पा स्तुति सबसे अच्छी होती है इसके पाठ से मन शांत होता है और एकाग्रता भी बढ़ती है।
परिवार में शांति: भगवान अयप्पा के पाठ से आपके परिवार में शांति का माहौल रहता है। आपस में प्रेम बढ़ता है और झगड़े और गलतफहमियाँ भी दूर होती है।
आत्मिक जुड़ाव: यदि आप अपने जीवन में सही फैसले नहीं ले पा रहे है, और आपका मन अशांत रहता है तो इस स्तुति के पाठ से आपके जीवन में बदलाव आएंगे। आप ईश्वर के साथ एक जुड़ाव महसूस करेंगे और आपके मन को भी शांति मिलेगी।
बाधाओं से मुक्ति: ऐसा माना जाता है कि भगवान अयप्पा की स्तुति करने से जीवन की हर रुकावट दूर होती है। यदि आपकी शादी, नौकरी, धन से जुड़ी कोई भी दिक्कत हो तो आप को फायदा जरूर मिलेगा।
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