क्या आप धन, उन्नति और स्थिरता की तलाश में हैं? 18 मुखी रुद्राक्ष आपके जीवन में समृद्धि लाने और हर बाधा को दूर करने में सहायक होता है। जानिए इसका रहस्य!
18 मुखी रुद्राक्ष, जिसे अठारह मुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है यह एक शक्तिशाली और दुर्लभ आध्यात्मिक मनका है, जो स्थिरता, लचीलापन और समृद्धि प्रदान करने में मदद करता है। यह भूमि देवी से जुड़ा है। यह रुद्राक्ष भावनात्मक संतुलन, वित्तीय स्थिरता और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है, लेकिन क्या है इस रुद्राक्ष की असली पहचान, फायदे और कैसे खरीदें तो अगर आप जानना चाहते हैं ऐसी जानकारियां तो तो पढ़िए हमारे इस लेख को और जानें सबकुछ।
18 मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु की पत्नी मां भूमि देवी का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही यह रुद्राक्ष 18 मुखों का प्रतीक है, जो 18 वनस्पतियों का संकेत देता है। यह पहनने वाले को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि दिलाने में मदद करता है। 18 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से वासना, अहंकार और लगाव जैसी नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में सहायक होता है, जो व्यक्ति के पतन का कारण बनती हैं। इसके अलावा, यह आलस्य, थकान और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करता है।
भगवान शिव और 18 मुखी रुद्राक्ष का गहरा संबंध है। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के भैरव रूप का प्रतीक है, जो शिव का क्रोधित और भयानक रूप माने जाते हैं। भैरव रूप में शिव की शक्ति और कठोरता का दर्शन होता है, जो नकारात्मकता और बुरे प्रभावों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। 18 मुखी रुद्राक्ष का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता लाना है। यह शनि ग्रह के दुष्प्रभाव को कम करता है और विशेष रूप से भूमि से संबंधित कार्यों, जैसे रियल एस्टेट, निर्माण और कृषि से जुड़े लोगों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
भौतिक इच्छाओं की पूर्ति: यह रुद्राक्ष सभी भौतिक इच्छाओं को पूरा करने में मदद करता है।
थकान और आलस्य का निवारण: पहनने से थकान, आलस और नीरसता दूर होती है।
धैर्य और सहनशक्ति: यह व्यक्ति में धैर्य, सहनशक्ति और सहनशीलता को विकसित करता है।
संचार और व्यवहार में सुधार: पहनने से संचार और व्यवहार में सुधार होता है।
मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को मजबूत करना: यह शरीर के मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को मजबूत करता है।
एकाग्रता और इच्छा शक्ति में वृद्धि: यह एकाग्रता और इच्छा शक्ति को बढ़ाता है।
संगठित और स्थिर बनाता है: पहनने वाला व्यक्ति अधिक संगठित और स्थिर बनता है।
स्वास्थ्य लाभ: यह मोटापे, बवासीर और घुटने के दर्द का इलाज करने में मदद करता है।
मूलधारा चक्र का उपचार: यह रुद्राक्ष मूलधारा चक्र के उपचार में सहायक होता है।
बुरे मंत्रों से रक्षा: यह पहनने वाले को किसी भी प्रकार के बुरे मंत्रों से बचाता है और मानसिक असंतुलन को भी ठीक करता है।
18 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण विधियाँ और सुझाव हैं। सबसे पहले, इसे हमेशा अपने पैसे से खरीदें, क्योंकि ऐसा करने से रुद्राक्ष अपनी दैवीय शक्तियों को सही तरीके से प्रकट करता है। इसे एक विशेषज्ञ ज्योतिषी से अभिमंत्रित कराना आवश्यक है, ताकि वह अपनी पूर्ण शक्ति का प्रभाव डाल सके। रुद्राक्ष धारण करने से पहले एक विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करना ज़रूरी है। क्योंकि यह बहुत शक्तिशाली होता है और यदि यह आपके अनुरूप न हो, तो यह नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। 18 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। पहनने से पहले, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, शुद्ध और साफ कपड़े पहनें, और फिर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौं ऐं ह्रीं" मंत्र का जाप करें। इसके बाद इसे गले में या ब्रेसलेट के रूप में पहन सकते हैं, जो ज्योतिषी के सुझाव के आधार पर तय किया जाता है। रुद्राक्ष को चांदी या सोने में जड़कर और लाल धागे में पिरोकर पेंडेंट के रूप में धारण किया जा सकता है।
18 मुखी रुद्राक्ष की पहचान करना थोड़ा सा कठिन हो सकता है। क्योंकि बाजार में नकली रुद्राक्ष भी उपलब्ध हैं। असली 18 मुखी रुद्राक्ष की पहचान के कुछ विशेष तरीके हैं। जैसे-18 मुखी रुद्राक्ष का आकार सामान्यतः गोल या अंडाकार होता है और इसमें 18 स्पष्ट धारियाँ (मुख) होती हैं, जो इसके ऊपर उभरी होती हैं। इसे पहचानने के लिए ध्यान से देखें कि प्रत्येक मुख स्पष्ट और समान रूप से दिखाई दे रहा हो। यह रुद्राक्ष आमतौर पर गहरे भूरे या काले रंग का होता है और इसकी सतह पर हल्के निशान हो सकते हैं। यह रुद्राक्ष मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य, और समृद्धि के लिए शक्तिशाली माना जाता है। वहीं, 18 मुखी रुद्राक्ष खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि इसे विश्वसनीय स्रोत से खरीदा गया हो। हमेशा इसे अपनी मेहनत की कमाई से खरीदें, क्योंकि यह माना जाता है कि ऐसा करने से रुद्राक्ष अपनी दैवीय शक्तियों का सही तरीके से प्रभाव दिखाता है। विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद ही इसे धारण करें, ताकि यह आपकी कुंडली और ग्रहों के अनुरूप हो।
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