रक्षाबंधन के दिन पीरियड्स में क्या राखी बांधना उचित है? जानिए परंपरा, धार्मिक दृष्टिकोण और आज की सोच का संतुलन
जानकारी के अनुसार, पीरियड्स के दौरान महिलाओं और लड़कियों को कई काम करने से रोका जाता है, जैसे पूजा-पाठ करना, शुभ कार्य करना, रसोई में जाना या मंदिर जाना। ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि क्या पीरियड्स के दौरान लड़कियां राखी बांध सकती हैं या नहीं। तो चिंता न करें! यह लेख आपके लिए ही है। पढ़िए और जानिए कि अगर रक्षाबंधन के दिन पीरियड्स आ जाएँ तो क्या करें और कैसे त्योहार मनाएँ!
परंपरागत रूप से राखी बांधना भाई-बहन के रिश्ते का पवित्र प्रतीक माना जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती है, लेकिन जब राखी के दिन अचानक पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, तो कई लड़कियों के मन में यह सवाल आता है कि क्या इस दौरान राखी बांधना सही है। इस सवाल का जवाब है, बिल्कुल हाँ! राखी बांधने की परंपरा में ऐसा कोई नियम नहीं है जो पीरियड्स के दौरान राखी बांधने से मना करता हो।
राखी बांधना, तिलक लगाना, आरती करना और मिठाई खिलाना ये कार्य बिना किसी रोक-टोक के आराम से किए जा सकते हैं। पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो किसी को भी धार्मिक या सामाजिक तौर पर अपवित्र नहीं बनाती और हां पीरियड्स के दौरान राखी बांधने से किसी भी भाई को कुछ नुकसान या परेशानी भी नहीं होती न ही वो इससे डरता है।
बरसों से समाज में कुछ मान्यताएँ चली आ रही हैं, जिनमें एक आम धारणा यह भी है कि महिलाओं या लड़िकयों को मासिक धर्म के दौरान पूजा-पाठ, व्रत या धार्मिक कार्यों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। इन्हीं बातों के बीच जब रक्षाबंधन जैसे पावन त्योहार की बात आती है, तो कई बहनों के मन में यह सवाल उठता है। क्या पीरियड्स में राखी बाँधना उचित है। इसका स्पष्ट उत्तर है। हाँ, बिल्कुल उचित है।
जानकारी के अनुसार, शास्त्रों में रक्षाबंधन को एक भावनात्मक और सांस्कृतिक संस्कार माना गया है, जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती है और उसकी रक्षा की कामना करती है। इस प्रक्रिया में शरीर की कोई भी शारीरिक स्थिति बाधा नहीं बनती, क्योंकि यह कर्म श्रद्धा, प्रेम और विश्वास पर आधारित है न कि किसी शारीरिक शुद्धता की शर्त पर। मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, न कि अपवित्रता का प्रतीक।
जानकारी के अनुसार, हिंदू धर्मग्रंथों या किसी भी प्रामाणिक धार्मिक ग्रंथ में यह नहीं कहा गया है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियों या महिलाओं का राखी बाँधना वर्जित है। ऐसे में ज़रूरी है कि पुराने भ्रमों और बेकार की सामाजिक रुकावटों पर ध्यान नहीं दें। इसलिए, बहनें अपने मन और श्रद्धा के साथ आराम से राखी बाँध सकती हैं, क्योंकि त्योहारों का असली मज़ा प्यार और रिश्तों से होता है न कि शारीरिक अवस्थाओं से।
मासिक धर्म न तो किसी स्त्री की पवित्रता को कम करता है और न ही किसी त्योहार की रौनक को। रक्षाबंधन जैसे प्रेम और स्नेह के उत्सव में पीरियड्स कोई रुकावट नहीं हैं। इसलिए, इस दिन की पवित्रता और भावनात्मक गहराई को पूरी आत्मीयता से अपनाइए और इस रिश्ते की खूबसूरती को खुले दिल के साथ रक्षाबंधन को मनाइए।
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