इस साल शारदीय नवरात्रि कब है और किस दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होगी, यहाँ पढ़ें।
शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक नौ दिनों तक चलता है। शारदीय नवरात्रि का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इस दौरान भक्त मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत, पूजा और उपासना करते हैं। इस समय देवी दुर्गा की शक्तियों की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित है। मान्यता है की पार्वती जी ने जब पर्वत राज हिमालय के घर जन्म दिया तो इसीलिए उनका नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल लिए हैं उनकी मस्तक के पीछे आधा चंद्रमा है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा धन, स्वास्थ्य, नौकरी व्यापार में सफलता के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है।
नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ब्रह्मचारिणी माता दुर्गा का अविवाहित रूप हैं। इनकी उपासना जीवन में सफलता व शांति पाने के लिए की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की बात करें तो यह एक हाथ में कमंडल और दूसरे हाथ में जप माला लिए हुए हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान है। मां चंद्रघंटा की मस्तक पर अर्धचंद्र विराजमान हैं। मान्यता है की माता चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों को समस्त पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नवरात्रि के चौथे दिन माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की उपासना की जाती है। माता कुष्मांडा का प्रसन्न स्वरूप भक्तों को जीवन में सकारात्मकता प्रदान करता है। मान्यता है इनकी आराधना करने से भक्तों के जीवन से दुख-दरिद्रता समाप्त होती है।
नवरात्रि के पांचवें दिन दुर्गा जी के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। माता के इस स्वरूप की बात करें तो उनके चार हाथ और तीन आंखें हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के पांचवें दिन जो भक्त स्कंदमाता की विधिवत उपासना करते हैं, उन्हें सुख समृद्धि व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि का छठा दिन माता कात्यायनी को समर्पित है। माता का ये स्वरूप चार भुजाओं वाला है, और वे सिंह पर सवार हैं। मान्यता है कि माता कात्यायनी की उपासना करने से रोग व भय समाप्त होता है, साथ ही भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा करने का विधान है। देवी का यह स्वरूप सबसे ज्यादा आक्रामक माना गया है। मान्यता है की माता कालरात्रि की उपासना करने से नकारात्मक शक्तियों व शत्रुओं का नाश होता है।
नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की उपासना करने का विधान है। माता महागौरी को संतान सुख देने वाली व दुख-दरिद्रता को समाप्त करने वाली देवी माना जाता है।
नवरात्रि का नौवां दिन माता सिद्धिदात्री को समर्पित है। देवी सिद्धिदात्री का स्वरूप कमल पर विराजमान है। मान्यता है कि जो भक्त नवरात्रि के नौवे दिन श्रद्धा पूर्वक माता की उपासना करते हैं, उनकी समस्त मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं।
Did you like this article?
9 अप्रैल 2024, मंगलवार इस विधि से करें घटस्थापना
नवरात्रि का नौवां दिन: जानिए इस दिन की पूजा विधि, माँ सिद्धिदात्री की आराधना और इस दिन का धार्मिक महत्व। इस विशेष दिन पर देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपायों और अनुष्ठान के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
नवरात्रि का आठवां दिन: जानिए इस दिन की पूजा विधि, माँ महागौरी की आराधना और इस दिन का धार्मिक महत्व। इस विशेष दिन पर देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों और अनुष्ठान के बारे में जानकारी प्राप्त करें।