क्या आप जानते हैं माँ कालरात्रि का प्रिय भोग कौन सा है और इसे अर्पित करने से क्या फल मिलता है? यहाँ पढ़ें पूरी जानकारी सरल और स्पष्ट शब्दों में।
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इन्हें अत्यंत शक्तिशाली और भयभीत रूप वाली देवी माना जाता है, जो अंधकार और बुराई का संहार करती हैं। उनके रूप को देखकर भक्तों के मन में डर नहीं, बल्कि अटूट श्रद्धा और साहस का भाव उत्पन्न होता है। माँ कालरात्रि का स्वरूप रात की तरह गहरा और प्रचंड है, लेकिन उनके आशीर्वाद से भक्तों के सभी भय, संकट और नकारात्मक शक्तियाँ नष्ट हो जाती हैं। यही कारण है कि उन्हें रक्षा और शक्ति की देवी भी कहा जाता है।
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इन्हें देवी दुर्गा का अत्यंत प्रचंड और शक्तिशाली रूप माना जाता है। ‘काल’ और ‘रात्रि’ शब्द से ही इनके स्वरूप का पता चलता है – ये समय और अंधकार का नाश करने वाली हैं। माता कालरात्रि का स्वरूप भयभीत करने वाला दिखता है, उनके काले रंग के शरीर और तीव्र दृष्टि से सभी बुरी शक्तियाँ नष्ट हो जाती हैं। लेकिन भक्तों के लिए उनका रूप अत्यंत करुणामय और रक्षक है।
माँ कालरात्रि का वाहन गधा है और इनके हाथों में प्रायः तलवार और धनुष दिखाए जाते हैं। यह देवी अपने भक्तों को डर, पाप और नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं और उन्हें साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं। मान्यता है कि जिन भक्तों का मन सच्चा और श्रद्धा पूर्ण होता है, उनके जीवन से सभी संकट, भय और दुख दूर हो जाते हैं। इनकी पूजा न केवल सुरक्षा और शक्ति देती है, बल्कि भक्त को आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की राह पर भी अग्रसर करती है।
माँ कालरात्रि को गुड़ से बनी मिठाइयों जैसे गुड़ का हलवा, गुड़ की खीर, मालपुआ, या गुड़ की चिक्की का भोग लगाना चाहिए। ये सभी भोग माँ को अत्यंत प्रिय हैं और इनको अर्पित करने से माँ प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी भय तथा नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं।
माँ कालरात्रि को पसंद आने वाले भोग
माँ कालरात्रि को उनके पसंदीदा भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भक्त की भक्ति देवी के हृदय तक पहुँचती है और उनकी कृपा जल्दी प्राप्त होती है। भोग अर्पण करने का अर्थ केवल खाने की वस्तु चढ़ाना नहीं, बल्कि श्रद्धा, प्रेम और समर्पण व्यक्त करना है।
माँ कालरात्रि की पूजा और उन्हें भोग अर्पित करना भक्त के जीवन में शक्ति, साहस और सुरक्षा लेकर आता है। उनका प्रचंड रूप सभी नकारात्मक शक्तियों, भय और संकटों का नाश करता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए भोग और मंत्र जाप से घर और मन पवित्र होते हैं, रोग और शोक दूर होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
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