मकर संक्रान्ति शाही स्नान मुहूर्त 2025
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मकर संक्रान्ति शाही स्नान मुहूर्त 2025

क्या आप मकर संक्रांति के शाही स्नान का सही मुहूर्त जानना चाहते हैं? 2025 के शुभ मुहूर्त से जुड़ी सारी जानकारी और इस पवित्र स्नान का महत्व जानें!

मकर संक्रान्ति शाही स्नान के बारे में

मकर संक्रांति के दिन शाही स्नान कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे शुभ योग बनता है। इसे "खालसा स्नान" या "राजयोग स्नान" भी कहा जाता है। शाही स्नान का आयोजन कुंभ मेले में होता है, और यह संतों, महात्माओं, और श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है।

मकर संक्रान्ति शाही स्नान 2025

शाही स्नान का आयोजन भी महाकुंभ का एक प्रमुख आकर्षण है। इस दौरान अखाड़ों के साधु-संत सोने-चांदी की पालकियों पर सवार होकर संगम में स्नान करते हैं। इसे राजयोग स्नान भी कहा जाता है और इसे देखने मात्र से अद्भुत पुण्य की प्राप्ति होती है। साल 2025 में महा कुंभ का पहला शाही स्नान मकर संक्रांति पर किया जाएगा। इस दिन स्नान और दान करने का बड़ा महत्व है। बता दें कि मकर संक्रांति तब मनाई जाती है, जब सूर्य देव मकर राशि में गोचर करते हैं।

मकर संक्रान्ति शाही स्नान मुहूर्त 2025

  • मकर संक्रान्ति शाही स्नान मुहूर्त 14 जनवरी, मंगलवार है।
  • मकर संक्रान्ति पुण्य काल 09:03 AM से 05:29 PM तक रहेगा।
  • मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल 09:03 AM से 10:50 AM तक रहेगा।

महाकुंभ में स्नान का महत्व

महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में किया जाता है। 2025 में महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करके अपना जीवन धन्य करेंगे।

महाकुंभ में किए गए स्नान, दान और पूजा को मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना गया है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही, इस दिन किया गया दान-पुण्य भी विशेष फलदायक होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गई स्नान दान से सिर्फ ईश्वर ही नहीं, बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

महाकुंभ पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं
  • अब अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर का ध्यान करें और पवित्र नदी को प्रणाम करें।
  • नदी में प्रवेश से पहले गंगा स्तुति या "ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलऽस्मिन सन्निधिं कुरु।।" का जाप करें।
  • इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
  • अब त्रिवेणी संगम में तीन बार डुबकी लगाएं।
  • स्नान के बाद वस्त्र, भोजन, तिल, चावल, आटा आदि का दान करें।
  • इसके बाद संगम तट पर आरती करें, और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

महाकुंभ में दान का महत्व

महाकुंभ में दान को असंख्य पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में किया गया दान न केवल इस जन्म में, बल्कि अगले जन्म में भी शुभ फल प्रदान करता है। इस दिन किए गए दान से जातक को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, और ग्रह दोष समाप्त होते हैं। ध्यान रहे कि दान हमेशा श्रद्धा और निःस्वार्थ भाव से करें।

महाकुंभ में दान की विधि

  • आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति के लिए चावल का दान करें।
  • दरिद्रता को समाप्त करने के लिए वस्त्र दान करें।
  • पितृ दोष से छुटकारा दिलाने और ग्रह दोषों को शांत करने के लिए तिल का दान करें।
  • अन्न के अभाव से बचने और समृद्धि लाने के लिए आटा का दान करें।

तो यह थी मकर संक्रान्ति शाही स्नान से जुड़ी विशेष जानकारी। महाकुंभ 2025 के विशेष दिनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।

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Published by Sri Mandir·January 3, 2025

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