कालरात्रि देवी कवच श्लोक
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कालरात्रि देवी कवच श्लोक

क्या आप जानते हैं कालरात्रि देवी कवच के पाठ से अद्भुत शक्ति और सुरक्षा प्राप्त होती है? जानें श्लोक, विधि और चमत्कारी लाभ।

कालरात्रि देवी कवच के बारे में

कालरात्रि देवी कवच एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है जो मां कालरात्रि की कृपा प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। यह कवच साधक को तमाम प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, भय, भूत-प्रेत बाधाओं, और अदृश्य संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है। मां कालरात्रि, नवदुर्गा के सातवें स्वरूप के रूप में जानी जाती हैं। उनका यह कवच साधक को अद्भुत साहस, आत्मबल और विजयशक्ति प्रदान करता है।

कालरात्रि देवी कवच

देवी कालरात्रि माँ दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं, जिन्हें नवरात्रि के सातवें दिन पूजा जाता है। माँ कालरात्रि को समय और अंधकार का नाश करने वाली देवी माना जाता है। वे शत्रुओं के लिए रौद्र रूप में होती हैं, परंतु अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करती हैं।

देवी कालरात्रि के का स्वरूप रात्रि की भांति श्याम वर्ण का है, उनके केश खुले हुए हैं, एवं उनकी सांसों से अग्नि निकलती है। माता की चार भुजाएं हैं, एक हाथ में तलवार, दूसरे में वज्र, और बाकी दो हाथों से माँ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में आशीर्वाद दे रही हैं। उनका वाहन गदर्भ (गधा) है। यह रूप अत्यंत भयानक है, तंत्र-मंत्र व भूत-प्रेत बाधाओं का भी नाश करने की शक्ति रखता है।

माता कालरात्रि को शुभंकरी भी कहा जाता है क्योंकि माँ रौद्र रूप में होते हुए भी अपने साधकों को शुभ फल देने वाली हैं। माता कालरात्रि को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय कालरात्रि कवच है। यह कवच बहुत ही शक्तिशाली है, जिसका जाप अधिकांशतः तंत्र-सिद्धियां पाने के लिए किया जाता है।

कालरात्रि देवी कवच

॥ कवच ॥

ॐ क्लीं मे हृदयं पातु पादौ श्रीं कालरात्रि।

ललाटे सततं पातु दुष्टग्रह निवारिणी॥

रसनां पातु कौमारी भैरवी चक्षुषोर्मम।

कटौ पृष्ठे महेशानी कर्णोशंकरभामिनी॥

वर्जितानि तु स्थानाभिः यानि च कवचेन हि।

तानि सर्वाणि मे देवी सततं पातु स्तम्भिनी॥

कालरात्रि देवी कवच का पाठ करने के लाभ

माँ कालरात्रि देवी कवच का पाठ करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह कवच विशेष रूप से नवरात्रि के सातवें दिन पढ़ा जाता है, लेकिन इसे नियमित रूप से भी किया जा सकता है।

कालरात्रि देवी कवच के लाभ

सभी प्रकार की बाधाओं से सुरक्षा

यह कवच तंत्र-मंत्र, प्रेत बाधा, शत्रु बाधा, क़ानूनी मुकदमे, समाज में तिरस्कार जैसे संकटों से रक्षा करता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति दुर्गा कवच धारण कर कालरात्रि देवी कवच का पाठ करता है, वह बड़े से बड़े संकट से बच जाता है।

अकाल मृत्यु का भय दूर करता है

इस कवच का पाठ अकाल मृत्यु के भय को दूर करने में समर्थ है, जिससे व्यक्ति को स्वयं माँ कालरात्रि से आजीवन आयुष का आशीर्वाद मिलता है।

स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति

सच्चे मन से इस कवच का पाठ करने से लंबे समय से बीमार व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है, और परिवारजनों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।

मनोकामनाओं की पूर्ति

माँ कालरात्रि का यह कवच शीघ्र ही फल देने लगता है, जिससे सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं।

घर-परिवार की रक्षा और समृद्धि

यह कवच घर-परिवार के सभी सदस्यों की पूर्ण रक्षा करता है, जिससे घर में शांतिपूर्ण वातावरण बनता है और आपके सभी अपनों की उन्नति होती है।

नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं से मुक्ति

इस कवच का पाठ बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है एवं शत्रुओं के बुरे इरादों को को निष्फल करके आपको सुरक्षित रखता है।

पाठ की विधि

माँ कालरात्रि देवी कवच का पाठ करते समय विशेष विधि का पालन करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह पाठ सुरक्षा प्रदान करता है व मानसिक शांति पाने में सहायक होता है।

कालरात्रि देवी कवच पाठ विधि

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यह शुद्धता मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में आवश्यक है।
  • माँ कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें। दीपक और धूप जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
  • कुश या ऊन के आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। यह ध्यान और ऊर्जा के प्रवाह के लिए उपयुक्त माना जाता है।
  • माँ कालरात्रि का ध्यान करते हुए ॐ देवी कालरात्र्यै नमः, इस मंत्र का 108 बार जप करें
  • अब शुद्ध उच्चारण और श्रद्धा के साथ कालरात्रि देवी कवच का पाठ करें। पाठ के पश्चात माँ कालरात्रि की आरती करें और उन्हें गुड़ या मिठाई का भोग अर्पित करें।
  • भोग अर्पण के बाद प्रसाद को परिवारजनों और भक्तों में वितरित करें।
  • नवरात्रि के सातवें दिन, जिसे सप्तमी कहते हैं, इस पाठ का विशेष महत्व होता है। इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा और कवच पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इस विधि का पालन करके कालरात्रि कवच का जाप करें, इससे आपको माँ की संपूर्ण कृपा प्राप्त होगी। जीवन में सुख-शांति एवं सुरक्षा के लिए ऐसे ही कई उपाय श्री मंदिर पर उपलब्ध है। इनका लाभ अवश्य लें, माँ कालरात्रि की कृपा आप पर सदा बनी रहें।

जय माता की

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Published by Sri Mandir·April 15, 2025

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