बृहस्पति कवच
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बृहस्पति कवच

क्या आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ फल दे रहा है? बृहस्पति कवच का पाठ न केवल ग्रह दोषों को शांत करता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और विद्या का वरदान भी देता है। जानिए इसकी पाठ विधि, चमत्कारी लाभ और डाउनलोड करें इसका PDF।

बृहस्पति कवच के बारे में

बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है, जो ज्ञान, धर्म, आस्था और विवाह जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का कारक है। इस कवच के पाठ से न केवल बृहस्पति की अनुकूलता बढ़ती है, बल्कि जीवन में समृद्धि, सुख और मानसिक शांति का वास भी होता है। आइए इस लेख में जानते हैं बृहस्पति कवच के लाभ, महत्व, श्लोक एवं इस कवच का पाठ करने के तरीकों के बारे में।

बृहस्पति कवच: सौभाग्य, ज्ञान और समृद्धि का दिव्य कवच

भारतीय सनातन परंपरा में बृहस्पति देव को ज्ञान, धर्म, नीति, समृद्धि और शुभता के प्रमुख कारक के रूप में जाना जाता है। वो देवताओं के गुरु और समस्त वेदों के ज्ञाता माने जाते हैं। बृहस्पति ग्रह की स्थिति कुंडली में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह व्यक्ति के भाग्य, शिक्षा, विवाह, धन और संतान सुख को प्रभावित करता है। अगर, बृहस्पति कमजोर हो या अशुभ प्रभाव में हो, तो जीवन में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में बृहस्पति कवच का पाठ करने से गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं।

बृहस्पति कवच एक विशेष शक्ति से युक्त स्तोत्र है, जो न केवल मानसिक और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है, बल्कि भौतिक जीवन में भी सफलता दिलाने में सहायक होता है। यह कवच जीवन में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा, ग्रह दोष और अन्य बाधाओं से रक्षा करता है।

बृहस्पति कवच संपूर्ण श्लोक

॥ अथ बृहस्पति कवचम् ॥

अश्वत्थद्विदलं पत्रं शतपत्रं तथैव च।

यो धारयति नित्यं च स याति परमां गतिम् ॥ 1॥

बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः।

चक्षुषी पातु मे जीवं कर्णौ पातु सुरेश्वरः ॥ 2॥

नासिकां वचसं पातु स्कन्धौ मे पातु वाचस्पतिः।

बाहू बृहस्पति पातु हृदयं पातु मे गुरुः ॥ 3॥

नाभिं देवपतिः पातु मध्यं पातु सुधाकरः।

जठरं पातु मे जीवः कटिं मे पातु वाचकः ॥ 4॥

ऊरू मे पातु वागीशो जानुनी मे सुरेश्वरः।

पादौ देवगुरुः पातु सर्वांगं सर्वतः प्रभुः ॥ 5॥

इत्येतत् कवचं दिव्यं त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः।

सर्वकामंवाप्नुयात् भक्त्या शास्त्रविनिर्दितम् ॥ 6॥

॥ इति श्रीबृहस्पति कवचं सम्पूर्णम् ॥

बृहस्पति कवच के लाभ

1. ज्ञान और विद्या में उन्नति

बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षा और विद्या का स्वामी माना जाता है। इस कवच का नियमित पाठ करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और बुद्धि तीव्र होती है। विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए यह अति लाभकारी होता है।

2. करियर और व्यवसाय में सफलता

बृहस्पति ग्रह करियर और व्यापार की उन्नति से जुड़ा हुआ है। अघर, किसी व्यक्ति की नौकरी में प्रगति नहीं हो रही हो या व्यापार में हानि हो रही हो, तो बृहस्पति कवच के प्रभाव से उसे सफलता प्राप्त होती है।

3. विवाह और संतान सुख

अगर, विवाह में किसी भी प्रकार की अड़चनें आ रही हैं या संतान प्राप्ति में बाधा है, तो यह कवच अत्यंत प्रभावशाली होता है। यह दांपत्य जीवन में प्रेम, मधुरता और सुख-शांति बनाए रखता है।

4. आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति

बृहस्पति देव धन, वैभव और सौभाग्य के प्रदाता माने जाते हैं। यदि कुंडली में बृहस्पति अशुभ स्थिति में हो, तो आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस कवच के पाठ से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है और धन का आगमन बढ़ता है।

5. ग्रह दोषों का निवारण

अगर, किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति नीच राशि में हो, शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो, या बृहस्पति की महादशा-अंतरदशा प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हो, तो यह कवच उन दोषों का निवारण करता है।

6. सौभाग्य और प्रतिष्ठा की प्राप्ति

बृहस्पति ग्रह समाज में प्रतिष्ठा, मान-सम्मान और प्रभावशाली व्यक्तित्व प्रदान करता है। इस कवच के प्रभाव से व्यक्ति को भाग्य का पूरा साथ मिलता है और समाज में उसकी पहचान बढ़ती है।

7. बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं से रक्षा

बृहस्पति कवच एक ऊर्जा कवच की भांति कार्य करता है, जो व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों, ईर्ष्या, शत्रु बाधाओं और बुरी नजर से सुरक्षित रखता है।

बृहस्पति कवच पाठ विधि

1. पाठ करने का शुभ समय और नियम

  • गुरुवार को प्रातः स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।

  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और बृहस्पति देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  • पीले फूल, चंदन, हल्दी, और गुड़-चने का भोग अर्पित करें।

  • एक आसन पर बैठकर बृहस्पति कवच का श्रद्धा और भक्ति भाव से पाठ करें।

पाठ समाप्त करने के बाद बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः

कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप जरुर करें।

2. आवश्यक सामग्री

  • पीले पुष्प

  • हल्दी और चंदन

  • बेसन या चने की दाल से बनी मिठाई

  • पीला वस्त्र

  • केला, चने की दाल, और गुड़

3. बृहस्पति ग्रह के लिए विशेष उपाय और दान

  • गरीबों और ब्राह्मणों को पीले वस्त्र, चने की दाल, हल्दी और पीले फल का दान करें।

  • गुरुवार के दिन केला, बेसन के लड्डू और पीले रंग के पकवान का सेवन करें और दूसरों को भी खिलाएं।

  • जरूरतमंद विद्यार्थियों को पुस्तकें और शिक्षा सामग्री दान करें, जिससे बृहस्पति देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

बृहस्पति कवच एक अत्यंत प्रभावशाली और चमत्कारी स्तोत्र है, जो जीवन में सौभाग्य, ज्ञान, धन, और समृद्धि लाने में सहायक है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं, कुंडली के दोष दूर होते हैं, और भाग्य प्रबल होता है। अगर, आप अपने जीवन में किसी भी प्रकार की बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो गुरुवार के दिन इस कवच का निष्ठापूर्वक पाठ करें और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करें।

"सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः" – यह कवच सभी के जीवन में मंगलकारी और कल्याणकारी सिद्ध हो!

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Published by Sri Mandir·April 10, 2025

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